गोरखपुर चिड़ियाघर में सर्दी में भी गर्मी का एहसास करेंगे पशु-पक्षी, 25 डिग्री रहेगा बाड़े का तापमान; ये है खास इंतजाम
गोरखपुर चिड़ियाघर में ठंड में सांप वीआरवी एसी में रहेंगे। वहीं हिरन के लिए अलाव जलेगा। ठंड के समय में पानी का तापमान बढ़ जाता है। इसलिए दरियाई घोड़ा कछुआ का हर दिन पानी बदला जाएगा। साथ ही बाघ शेर तेंदुआ व सियार के नाइट सेल में हीटर और ब्लोअर लगेंगे। जिससे पशु और पक्षियों को ठंड में भी गर्मी महसूस हो।

जितेन्द्र पाण्डेय, गोरखपुर। शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणि उद्यान (चिड़ियाघर) में रहने वाले पशु-पक्षी ठंड में भी गर्मी का अहसास करेंगे। सभी के बाड़े का तापमान 25 डिग्री सेल्सियस के करीब रखा जाएगा। इसके लिए सांप घर में वीआरवी एसी (वैरियेबल रेफ्रिजरेटर वाल्यूम) लगाया जाएगा। जैसे ही सांप घर का तापमान 25 डिग्री से कम होगा, वैसे ही यह चालू हो जाएगा और नियंत्रित करते ही बंद हो जाएगा। वहीं हिरन के बाड़ा परिसर में अलाव के लिए पुआल की व्यवस्था की जाएगी। चिड़ियाघर में छोटे-बड़े कुल 275 से अधिक पशु-पक्षी हैं।
भोजन में भी किया गया है बदलाव
गर्मी और वर्षा का मौसम समाप्त होने के बाद जैसे इनके भोजन में बदलाव किया गया है। वैसे ही इनके रहने वाले जगहों पर ठंड से बचाव के लिए 35 हीटर, 20 ब्लोअर और एसी की व्यवस्था की गई है। ठंड के समय में पानी का तापमान बढ़ जाता है। इसलिए कछुआ, मगरमच्छ, दरियाई घोड़ा समेत अन्य जलीय जंतुओ का पानी प्रत्येक दिन बदला जाएगा। इसके लिए चिड़ियाघर प्रशासन मोटर की व्यवस्था कर रहा है। इसी प्रकार बाघ, तेंदुआ, लकड़बघ्घा समेत अन्य पशुओं के नाइट सेल में ब्लोअर लगेगा। सियार, लोमड़ी, बंदर और भालू के नाइट सेल में हीटर लगाए जाएंगे।
समय-समय पर ब्लोअर व हीटर चालू और बंद करेगा चिड़ियाघर प्रशासन
चिड़ियाघर प्रशासन तापमान बराबर रखने के लिए समय-समय पर ब्लोअर व हीटर चालू करेगा और बंद करेगा। इसके साथ ही हिरन की सभी प्रजातियां बाड़े के साथ बाहर ही विचरण करते हैं। ऐसे में इनके लिए चिड़ियाघर प्रशासन ने पुआल की व्यवस्था की है। पक्षियों के बाड़े के बाहर चटाई का पर्दा लगाया जाएगा, जिससे की उन्हें ठंड न लगे। ठंड में बदल दिया गया है भोजन: चिड़ियाघर प्रशासन ने 25 अक्टूबर से पशुओं व पक्षियों के भोजन में बदलाव कर दिया है। किसी का बढ़ाया है तो किसी का घटा दिया है। जैसे बाघ का 12 किलो से 14 किलो भोजन कर दिया गया है।
तेंदुआ और लकड़बघ्घा का चार किलो से बढ़ाकर पांच से छह किलो कर दिया है। वहीं सियार का एक से बढ़ाकर डेढ़ किलो और लोमड़ी का आधा से बढ़ाकर एक किलो कर दिया गया है। शाकाहारी भोजन करने वाले गेंडा को अन्य दिनों में मिलने वाले भोजन के साथ गन्ना, शकरकंद और बर्सीन दिया जाएगा। हिरन और बंदर की सभी प्रजातियों समेत अन्य पशुओं को भोजन के अलावा गुड़ दिया जा रहा है। भालू को सब्जी और फल के साथ हर दिन 50 से 100 ग्राम शहद मिल रहा है। इनके अलावा पक्षियों को दाना ज्यादा और पानी की मात्रा कम कर दी गई है। वहीं सांप को 25 दिन में एक बार चूहा या खरगोश दिया जा रहा है।
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क्या कहते हैं चिकित्साधिकारी
चिड़ियाघर में रहने वाले पशु-पक्षियों के भोजन में 25 अक्टूबर से बदलाव कर दिया गया है। अब इन्हें ठंड से बचाने के लिए ब्लोअर और हीटर की व्यवस्था की गई है। नवंबर के अंतिम सप्ताह से इसे चालू कर दिया जाएगा। इसके अलावा सांप घर चारों तरफ से बंद होने के चलते वहां वीआरवी एसी लगाया जाएगा। -योगेश प्रताप सिंह, चिकित्साधिकारी, चिड़ियाघर पशु अस्पताल
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