Gorakhpur Zoo: गोरखपुर चिड़ियाघर हुआ हाउसफुल, बनाए जाएंगे पांच नए बाड़े
गोरखपुर चिड़ियाघर के सभी बाड़े वन्यजीवों से भर गए हैं जिसके चलते नए बाड़ों का निर्माण प्रस्तावित है। वर्तमान में चिड़ियाघर में 325 से अधिक वन्यजीव और पक्षी हैं जबकि रेस्क्यू सेल में 50 से अधिक वन्यजीव हैं जिनमें तेंदुए भी शामिल हैं। नए बाड़ों के निर्माण के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। चिड़ियाघर में तितलियों के बारे में जानकारी के लिए एक व्याख्यान केंद्र भी बनाया जाएगा।

जागरण संवाददाता, गोरखपुर। शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणी उद्यान (चिड़ियाघर) के सभी बाड़े हाउसफुल हो गए हैं। जेब्रा के नहीं आने पर खाली उसके बाड़े में भी वन्यजीव को रखने की तैयारी चल रही है। इसके बाद नये वन्यजीवों के लिए पांच नए बाड़े का निर्माण होगा। चिड़ियाघर प्रशासन ने प्रस्ताव बनाकर शासन को भेज दिया है। धन मिलने के बाद काम शुरू होगा।
वर्ष 2021 में चिड़ियाघर के शुभारंभ अवसर पर 151 वन्यजीव लाए गए थे। इस समय चिड़ियाघर के मुख्य बाड़े में दर्शकों के लिए 325 वन्यजीव व पक्षी हैं। वहीं पशु अस्पताल के रेस्क्यू सेल में 50 से अधिक वन्यजीव है। जिसमें 11 तेंदुआ हैं। चिड़ियाघर प्रशासन के अनुसार मुख्य बाड़े में दो बब्बर शेर, तीन बाघ है, तीन तेंदुआ, दो गेंडा, तीन दरियाईघोड़ा है। जिसमें एक का जन्म चिड़ियाघर में ही हुआ है।
15 से अधिक मगरमच्छ है, जिसमें आठ का जन्म चिड़ियाघर में हुआ है। देसी और हिमालयन प्रजाति के चार भालू हैं। 40 से अधिक हिरन, आठ बारहसिंघा हैं। इसमें चार का जन्म चिड़ियाघर में हुआ है। अलग-अलग प्रजाति के 80 से अधिक पक्षी भी हैं।
इसके अलावा, जंगली बिल्ली, लोमड़ी, भेड़िया समेत अन्य वन्यजीव हैं। सांप घर अलग है, जहां पर विभिन्न प्रजातियों के सांप हैं। वहीं पशु अस्पताल के रेस्कयू सेल में बचपन में मां से बिछड़े शावक चंडी और भवानी समेत 50 से अधिक वन्यजीव है।
इसमें सबसे अधिक तेंदुओं की संख्या है। चंडी और भवानी को उनकी मां छोड़कर चली गई थी। इन दोनों में एक ढाई महीने का था तो दूसरा एक सप्ताह का। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने हाथों से दोनों को दूध पिलाया था और उनका नामकरण किया था।
इस समय दोनों बड़े हो चुके हैं। पांच तेंदुए बिजनौर से लाए गए थे। तीन लोगों की जान लेने के बाद इनका रेस्क्यू किया गया था। वहीं एक तेंदुआ को बलरामपुर से और एक को महराजगंज में शिकारियों के हमले के बाद रेस्क्यू किया गया था। ये सभी चिड़ियाघर में हैं और स्वस्थ हैं।
चिड़ियाघर के मुख्य वन्यजीव चिकित्सक डा. योगेश प्रताप सिंह ने बताया कि चिड़ियाघर के सभी बाड़े में क्षमता के अनुसार वन्यजीव और पक्षी रखे गए हैं। पशु अस्पताल में रेस्क्यू कर या घायल अवस्था में लाए गए वन्यजीवों को रखा गया है। रेस्क्यू कर आए नौ तेंदुए में से तीन नर हैं और छह मादा है। नए वन्यजीवों को लाने के लिए नए बाड़े का निर्माण कराना होगा। कुछ बाड़े का निर्माण होना प्रस्तावित है।
व्याख्यान केंद्र में तितलियों के बारे में जानेंगे
चिड़ियाघर आने वाले दर्शकों को तितलियों की विशेषताओं की भी जानकारी मिलेगी। इसके लिए तितलीघर के बगल में एक व्याख्यान केंद्र बनाया जाएगा। जहां प्रदेश भर में पायी जाने वाली दर्जनों प्रजाति के तितलियों की जानकारी उपलब्ध रहेगी। जिसे दर्शक देख और जान सकेंगे। यहां पर पहले से बने तितलीघर का पुन: सुंदरीकरण कराया गया है।
तितलियों को आकर्षित करने के लिए कई तरह के फूल और पौधे लगाए गए हैं। इसमें कोस्मोस, चम्पा, गेंदा, मदार, चमेली, गुलाब, बटरफ्लाई बुश, लैंटाना, जेनिया, मरिगोल्ड, सूरजमुखी, हिबिस्कस, पेटुनिया, डहेलिया आदि शामिल हैं। डा. योगेश ने बताया कि व्याख्यान केंद्र में तितलियों की फोटो के साथ उनके पाए जाने का स्थान, खूबियां, वैज्ञानिक नाम आदि के बारे में जानकारी उपलब्ध रहेगी।

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