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    गोरखपुर चिड़ियाघर में हाथी का बदला मिजाज, महावतों की बात नहीं मान रहा गंगा प्रसाद

    Updated: Fri, 05 Sep 2025 10:11 AM (IST)

    गोरखपुर चिड़ियाघर में हाथी गंगा प्रसाद के असामान्य व्यवहार के कारण निगरानी बढ़ा दी गई है। उसे बाड़े में बांधकर पर्यटकों का आवागमन रोक दिया गया है। भोजन की मात्रा भी कम कर दी गई है। वहीं शेरनी मैलानी लीवर और किडनी की बीमारी से जूझ रही है जिसकी हालत नाजुक बनी हुई है और चिकित्सकों की टीम निगरानी कर रही है।

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    गोरखपुर में हाथी गंगाराम की फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। चिड़ियाघर के हाथी गंगा प्रसाद के व्यवहार में अचानक आए बदलाव के बाद उसकी निगरानी बढ़ा दी है। वह अब महावतों की बात नहीं मान रहा और आक्रामक व्यवहार दिखा रहा है। एहतियातन उसे बाड़े में एक जगह बांध दिया गया है और पर्यटकों की आवाजाही पर भी फिलहाल रोक लगा दी गई है।

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    चिड़ियाघर के उप निदेशक और मुख्य चिकित्सक डॉ. योगेश प्रताप सिंह ने बताया कि अगस्त के अंतिम सप्ताह से गंगा प्रसाद के हाव-भाव में असामान्य परिवर्तन देखा गया। उसके आक्रामक होने की आशंका के चलते उसे नजदीकी निगरानी में रखा गया है। बाड़े में जहां उसे रखा गया है, वहां सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं और महावत 24 घंटे उसकी देखरेख में तैनात हैं।

    जब कभी गंगा प्रसाद को थोड़ी देर के लिए छोड़ा जाता है, तो उसके चारों पैरों में सिकड़ (लोहे की मजबूत जंजीर) लगा दी जाती है ताकि वह किसी को नुकसान न पहुंचा सके। साथ ही, उसके भोजन में भी कमी की गई है।

    पहले जहां उसे पूरा भोजन दिया जाता था, अब उसकी मात्रा आधी कर दी गई है। डा. सिंह ने बताया कि वर्ष में तीन महीने हाथियों के मस्ती के दिन होते हैं, जिसमें उनका व्यवहार असामान्य हो जाता है। इस दौरान वे आक्रामक हो सकते हैं। यह समय डेढ़ महीने के चढ़ते क्रम और डेढ़ महीने के उतरते क्रम में बंटा होता है। इसी को ध्यान में रखते हुए तीन महीने तक विशेष निगरानी जारी रहेगी।

    एक दिन के अंतराल पर भोजन कर रही मैलानी

    चिड़ियाघर की बब्बर शेरनी मैलानी की तबीयत अभी भी नाजुक बनी हुई है। कुछ माह पहले बर्ड फ्लू संक्रमण से उबरने के बाद अब वह लीवर और किडनी की बीमारी से जूझ रही है। फिलहाल उसे पशु अस्पताल के पास बने क्राल (अस्थायी बाड़े) में निगरानी में रखा गया है।

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    वन्यजीव चिकित्सकों की टीम उसके स्वास्थ्य की लगातार मानिटरिंग कर रही है। डा. योगेश प्रताप सिंह ने बताया कि मैलानी अभी एक दिन छोड़कर भोजन कर रही है। उसकी पाचन क्षमता कमजोर हो गई है और सामान्य भोजन को पूरी तरह नहीं पचा पा रही है।

    इस वजह से उसे हल्का और सीमित आहार दिया जा रहा है। मैलानी की उम्र 14 वर्ष से अधिक है। बर्ड फ्लू संक्रमण से उबरने के बाद उम्रजनित बीमारियों ने उसे घेर लिया। जांच में उसकी लीवर और किडनी की कार्यक्षमता प्रभावित हो चुकी है।

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