पुख्ता होगी सुरक्षा: यांत्रिक कारखाना में हर शॉप के लिए नियुक्त किए जाएंगे सेफ्टी वार्डन, घटनाओं को लेकर बढ़ाई सतर्कता
गोरखपुर के यांत्रिक कारखाने में सुरक्षा व्यवस्था को और भी मजबूत किया जा रहा है। प्रत्येक शॉप के लिए सेफ्टी वार्डन नियुक्त किए जाएंगे जो नियमों का पालन सुनिश्चित करेंगे। कारखाने में हॉट वर्क परमिट सिस्टम लागू किया गया है और ज्वलनशील पदार्थों को हटाने के निर्देश दिए गए हैं। हाल ही में हुई आग की घटनाओं के बाद यह कदम उठाया गया है, ताकि भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं से बचा जा सके।

यांत्रिक कारखाना। जागरण
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। यांत्रिक कारखाना में अब हर शाप के लिए सेफ्टी वार्डन नियुक्त किए जाएंगे, जो नियमों का पालन देखेंगे और यह पक्का करेंगे कि काम शुरू होने से पहले लगातार मॉनिटरिंग करने वाली टीमें सेफ्टी के लिए तैयार हैं। सभी टीमें पक्का करेंगी कि कार्यस्थल से आग पकड़ने वाले सामान हटा दिए गए हैं। आग बुझाने वाले कंबल दिए गए हैं और आग बुझाने का सामान मौके पर पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं।
यांत्रिक कारखाना में वेल्डिंग के दौरान लगातार आग लगने की घटनाओं के चलते कारखाना प्रबंधन ने सतर्कता बढ़ा दी है। सतर्कता के तहत निगरानी बढ़ाने के साथ कारखाना में हाट वर्क परमिट सिस्टम लागू कर दिया है। अनुशासन और सुरक्षा पक्का करने के लिए ऐसी सभी गतिविधियों के लिए हाट वर्क परमिट सिस्टम का पालन अनिवार्य होगा, जिसमें कार्य से पहले कार्यस्थल को चेक करना होगा। आग पकड़ने वाले सामान को हटाना होगा। चिंगारी कंट्रोल करने के उपाय और काम के बाद आग पर नजर रखना जरूरी होगा।
नई गाइडलाइन लागू करने के साथ कारखाना प्रबंधन ने संबंधित इंजीनियरों और सुपरवाइजरों को आवश्यक दिशा-निर्देश भी जारी कर दिया है। सुपरवाइजर हाट वर्क परमिट सिस्टम का सख्ती से पालन कराएंगे और हाट वर्क जोन को कार्यस्थल से ठीक से अलग रखेंगे। हर हाट वर्ग लोकेशन पर वेल्डिंग का काम चल रहा है या कोई और काम नहीं करना है।
जैसी साफ चेतावनी लिखना अनिवार्य होगा, ताकि बिना इजाजत के एक साथ होने वाली अन्य गतिविधियों को पूरी तरह रोका जा सके। जिन कोचों में फर्निशिंग का सामान या दूसरी आग पकड़ने वाले सामान होंगे, उनमें हाट वर्क (वेल्डिंग, कटिंग, ग्राइंडिंग, वगैरह) करना पूरी तरह मना रहेगा।
दरअसल, यांत्रिक कारखाना प्रबंधन ने थर्ड पार्टी फायर-सेफ्टी आडिट कराया है। वर्कशॉप के फायर सेफ्टी प्लान को उसके नतीजों के आधार पर बेस्ट इंडस्ट्रियल प्रैक्टिस के हिसाब से अपडेट किया जाएगा। इंटीरियर फर्निशिंग, वेल्डिंग, कटिंग और इससे जुड़ी गतिविधियों में शामिल सभी स्टाफ के लिए शाप फ्लोर पर रेगुलर रिफ्रेशर ब्रीफिंग और टूल बॉक्स टाक जारी रहेगी, जिससे फायर सेफ्टी सावधानियों के प्रति जागरूकता बनी रहेगी।
21 नवंबर को एसी कोच में मरम्मत के दौरान आग लग गई थी। इस दुर्घटना में योगेंद्र पाल और हिमांशु शर्मा दो तकनीशियन झुलस गए। रेलवे प्रशासन ने मामले की जांच के लिए टीम गठित कर दी है। जांच चल रही है। 28 अगस्त को भी पावरकार में आग लग गई थी। जन हानि तो नहीं हुई, लेकिन धन हानि हुई। करोड़ों की पावरकार पूरी तरह जल गई थी।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।