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    एग्रो एवं फूड प्रोडक्ट का हब बनेगा गोरखपुर Gorakhpur News

    By Satish ShuklaEdited By:
    Updated: Sat, 05 Sep 2020 05:42 PM (IST)

    औद्योगिक इकाई स्थापित करने के लिए प्रस्ताव देने वालों में कई एग्रो फूड प्रोडक्ट बेवरेज आदि के हैं। ...और पढ़ें

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    एग्रो एवं फूड प्रोडक्ट का हब बनेगा गोरखपुर Gorakhpur News

    गोरखपुर, जेएनएन। औद्योगिक विकास की ओर गोरखपुर के कदम तेजी से बढ़ रहे हैं। जिला टेक्सटाइल के साथ जल्द ही एग्रो एवं फूड प्रोडक्ट के उत्पादन का भी हब बनेगा। गीडा में 68 नए भूखंड पाने वालों में 30 फीसद से अधिक एग्रो एवं फूड प्रोडक्ट से ही जुड़े हैं। इस तरह के उत्पादों के लिए यह क्षेत्र उपयुक्त माना जा रहा है। उद्यमियों के उत्साह के मद्देनजर गीडा प्रबंधन भविष्य में एक अलग फूड जोन विकसित करने पर भी विचार कर रहा है।

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    गीडा की ओर से सेक्टर 13 एवं 15 में औद्योगिक इकाइयों की स्थापना के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए थे। 500 वर्ग मीटर से ऊपर के भूखंड के लिए साक्षात्कार आयोजित किया गया जबकि इससे छोटे भूखंड के लिए लॉटरी का सहारा लिया गया।  औद्योगिक इकाई स्थापित करने के लिए  प्रस्ताव देने वालों में कई एग्रो, फूड प्रोडक्ट, बेवरेज आदि के हैं। गीडा में कई वर्ष पहले टेक्सटाइल पार्क के साथ ही फूड पार्क की भी मांग उठी थी। इसे मंजूरी भी मिली भी लेकिन उसे अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका था।

    टेक्सटाइल एवं फूड प्रोडक्ट के लिए महत्वपूर्ण है क्षेत्र

    पूर्वी उत्तर प्रदेश को टेक्सटाइल एवं फूड प्रोडक्ट के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। यहां धागे एवं कपड़े की बड़ी फैक्ट्रियां स्थापित हैं। हैंडलूम का काम भी बड़े पैमाने पर होता है। कृषि व खाद्य पदार्थ से जुड़ी इकाइयां भी गीडा में स्थापित हैं।  चैंबर ऑफ इंडस्ट्रीज के पूर्व अध्यक्ष एसके अग्रवाल कहते हैं कि यह क्षेत्र टेक्सटाइल एवं फूड एवं एग्रो प्रोडक्ट के लिए काफी महत्वपूर्ण है। रेडीमेड गारमेंट के लिए भी कई इकाइयां मौके के इंतजार में हैं। इससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

    कुछ महत्वपूर्ण प्रस्ताव

    एसीवीके एग्रो प्राइवेट लिमिटेड,  हरिओम फीड, माधव गोविंद फूड प्रोडक्ट, जीके फूड एंड बेवरेज, ग्लोबल फूड प्रोडक्ट, एसबीडी एग्रो, नयन डेयरी एंड फार्म प्रोडक्ट, आकृति इनोवेशन और औद्रा इंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड की तरफ से प्रस्‍ताव आए हैं। गीडा के सीईओ संजीव रंजन का कहना है कि  एग्रो एवं फूड प्रोडक्ट से जुड़े कई प्रस्ताव आए हैं। टेक्सटाइल एवं मेडिसिन सेक्टर से जुड़ी इकाइयों की संख्या भी अधिक है। ऐसे लोगों को ही भूखंड दिए गए हैं, जिससे वे शीघ्र इकाई स्थापित कर लें और रोजगार के नए अवसर सृजित हों।