UP Crime: गोरखपुर दंगे का मुख्य आरोपित गिरफ्तार, 16 साल से चल रहा था फरार; यहां जानें- पूरी घटना
गोरखपुर जिले में साल 2007 में मोहर्रम के जुलूस के दौरान घटना हुई थी। दीवान बाजार के रहने वाले राजेंद्र प्रसाद अग्रहरी के बेटे राजकुमार की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। जिसके बाद गोरखपुर में दंगा भड़क गया था। मामले में पुलिस ने शमीम को गिरफ्तार कर जेल भेजा था लेकिन न्यायालय से जमानत मिलने पर वह चेन्नई भाग गया था।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। जमानत मिलने के बाद 16 वर्ष से फरार चल रहे गोरखपुर दंगे के मुख्य आरोपित शमीम को कोतवाली थाना पुलिस ने पांच दिन पहले जाफरा बाजार से गिरफ्तार किया। फरारी के दौरान लंबे समय तक वह चेन्नई में रहा। 11 वर्ष पहले न्यायालय से आजीवन कारावास मिलने के बाद पहचान छिपाकर रहता था। कुछ दिन पहले गोरखपुर आया था।ॉ
यह था पूरा मामला
27 जनवरी, 2007 को कोतवाली थाना क्षेत्र के दीवान बाजार के रहने वाले राजेंद्र प्रसाद अग्रहरी के बेटे राजकुमार की गोली मारकर हत्या कर दी गई। घटना मोहर्रम के जुलूस के दौरान हुई थी। इस घटना के बाद गोरखपुर में दंगा भड़क गया था। राजकुमार अग्रहरि के पिता राजेंद्र ने इस मामले में मोहम्मद शमीम और उसके साथियों के विरुद्ध बलवा व हत्या करने का मुकदमा दर्ज कराया था। कोतवाली थाना पुलिस ने शमीम को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। 16 अगस्त, 2007 को न्यायालय से शमीम को जमानत मिल गई थी, इसके बाद से ही वह फरार हो गया।
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कोर्ट के गैर जमानती वारंट जारी करने के बावजूद वह तारीख पर हाजिर नहीं हो रहा था, इस मामले में उसे 10 अक्टूर, 2012 में न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा व 10 हजार रुपये का अर्थदंड लगया था। कोतवाली पुलिस ने 12 सितंबर की सुबह शमीम को निजामपुर में किराए के घर से गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया, जहां से जेल भेज दिया गया। एसपी सिटी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने बताया कि न्यायालय से गैर जमातनी वारंट जारी होने के बाद आरोपित के घर की कुर्की कराई गई थी। लोकेशन मिलने पर पुलिस ने शमीम को गिरफ्तार कर लिया।
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