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    स्नातक-परास्नातक पर भी लागू होंगे 'स्वयम' पाठ्यक्रम, DDU के 2.5 लाख से अधिक विद्यार्थियों को मिलेगा सीधा लाभ

    Updated: Fri, 19 Dec 2025 12:53 PM (IST)

    दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत उच्च शिक्षा में गुणवत्ता लाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। वर्ष 2026 से स ...और पढ़ें

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    गोवि के संबद्ध महाविद्यालयों में भी होगा अनिवार्य क्रियान्वयन

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुपालन के क्रम में उच्च शिक्षा में गुणवत्ता, लचीलापन और डिजिटल अधिगम को सुदृढ़ करने की दिशा में दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय ने एक महत्वपूर्ण और उपयोगी पहल की है। वर्ष 2026 से स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर पर 'स्वयम' पोर्टल के पाठ्यक्रमों को लागू करने का निर्णय लिया है।

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    यह व्यवस्था विश्वविद्यालय परिसर के साथ-साथ सभी संबद्ध सभी 350 महाविद्यालयों में भी प्रभावी रूप से लागू की जाएगी। ऐसे में विश्वविद्यालय व महाविद्यालयों में अध्ययन करने वाले 2.5 लाख से अधिक विद्यार्थियों को इस नई व्यवस्था का लाभ मिलेगा।

    इसे लागू करने के पीछे विश्वविद्यालय का उद्देश्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति की मिश्रित शिक्षा प्रणाली से विद्यार्थियों को जुड़ने का अवसर देना है। आनलाइन और आफलाइन दोनों माध्यम से पाठ्यक्रम को कराना है। 'स्वयम' जैसे राष्ट्रीय डिजिटल मंच के माध्यम से विद्यार्थी देश के शीर्ष शिक्षकों और प्रतिष्ठित संस्थानों से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे। इसके माध्यम से विद्यार्थी अपने पाठ्यक्रम का 40 प्रतिशत क्रेडिट अर्जित कर सकेंगे।

    'स्वयम' के जरिये प्राप्त क्रेडिट को विश्वविद्यालय की अकादमिक व्यवस्था में नियमानुसार समाहित किया जाएगा। इसे लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन जल्द ही महाविद्यालयों के प्राचार्यों को औपचारिक दिशा-निर्देश जारी करेगा। विश्वविद्यालय प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि विद्यार्थियों को 'स्वयम' पाठ्यक्रमों की परीक्षा में शामिल होने का विकल्प दिया जाएगा।

    जरूरत पड़ने पर विश्वविद्यालय स्तर पर भी परीक्षाओं का आयोजन किया जाएगा, जिससे कि किसी विद्यार्थी को नई व्यवस्था के चलते असुविधा न हो। 'स्वयम' पोर्टल के नोडल अधिकारी प्रो. अजय कुमार शुक्ल ने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा विद्यार्थियों और शिक्षकों को स्वयम पाठ्यक्रमों के प्रति निरंतर जागरूक किया जा रहा है।

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    उन्होंने विश्वास जताया कि बहुविषयक, कौशल आधारित और रोजगारोन्मुख स्वयम पाठ्यक्रम उच्च शिक्षा की गुणवत्ता को नई ऊंचाई प्रदान करेंगे और शिक्षण-अधिगम व्यवस्था को और अधिक प्रभावी बनाएंगे।

    ऐसे लागू की जाएगी व्यवस्था
    'स्वयम' पाठ्यक्रमों को विश्वविद्यालय व महाविद्यालयों में लागू करने के लिए स्नातक स्तर पर क्षमता विकास और कौशल विकास पाठ्यक्रमों का एक पूल तैयार किया जाएगा। विद्यार्थी अपनी रुचि और आवश्यकता के अनुसार पूल में शामिल पाठ्यक्रमों का चयन कर सकेंगे।

    यह पाठ्यक्रम अनिवार्य होंगे और विद्यार्थियों की क्षमता, कौशल तथा रोजगारोन्मुख दक्षता को मजबूत करेंगे। स्नातकोत्तर स्तर पर भी हर सेमेस्टर से प्रत्येक विभाग द्वारा कम से कम एक 'स्वयम' आधारित पाठ्यक्रम संचालित किया जाएगा, जिससे विद्यार्थियों का बहुविषयक और व्यावहारिक दृष्टिकोण विकसित हो सके।


    'स्वयम' पोर्टल के पाठ्यक्रम विश्वविद्यालय व महाविद्यालयाें के विद्यार्थियों के उपयोगी साबित होंगे। इससे पाठ्यक्रमों को पूरा करना आसान हो जाएगा। क्षमता व कौशल विकास का अवसर भी विद्यार्थियों को मिलेगा। अगले सत्र से यह व्यवस्था स्नातक व परास्ताक स्तर पर लागू कर दी जाएगी।

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    -प्रो. पूनम टंडन, कुलपति, दीदउ गोरखपुर विश्वविद्यालय