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    गोरखपुर विश्वविद्यालय में अंक बढ़ाकर लिया गया फर्जी डिग्री, मुकदमा दर्ज

    Updated: Thu, 23 Oct 2025 12:55 PM (IST)

    गोरखपुर विश्वविद्यालय में फर्जी डिग्री का मामला सामने आया है, जिसमें छात्रों ने अंकों में हेरफेर करके डिग्री हासिल की। विश्वविद्यालय प्रशासन ने तत्परता दिखाते हुए संबंधित छात्रों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। जांच में पता चला कि छात्रों ने कर्मचारियों के साथ मिलकर मार्कशीट में अंक बढ़वाए। प्रशासन ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का फैसला किया है और भविष्य में ऐसे मामलों को रोकने के लिए कदम उठाने की बात कही है।

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    तस्वीर का इस्तेमाल प्रतीकात्मक प्रस्तुतीकरण के लिए किया गया है। जागरण

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में शैक्षणिक दस्तावेजों में हेराफेरी कर फर्जी तरीके से डिग्री हासिल करने का मामला सामने आया है। विश्वविद्यालय प्रशासन की जांच में बीए और बीएड के अंकों में हेराफेरी की गई है। सारणीकरण पंजिका से कई पृष्ठ भी गायब मिले है। फर्जीवाड़े का पर्दाफाश करते हुए परीक्षा नियंत्रक ने कैंट थाने में केस दर्ज कराया है।

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    मामले की विवेचना एसटीएफ से कराने की मांग की गई है। परीक्षा नियंत्रक कुलदीप सिंह द्वारा दी गई तहरीर के अनुसार, 19 अक्टूबर 2025 के पत्र के आधार पर जांच समिति गठित की गई थी। समिति ने कैंट क्षेत्र की रहने वाली प्रीती जायसवाल के बीए (वर्ष 1998, 1999, 2000) और बीएड (2001) के शैक्षणिक अभिलेखों की जांच की।

    रिपोर्ट में पाया गया कि बीए तृतीय वर्ष (2000) के मनोविज्ञान विषय के अंक विश्वविद्यालय रिकार्ड में 41, 06, 47 और 26 अंक थे, जबकि जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा प्रस्तुत अंकपत्र में ये बढ़ाकर क्रमशः 62, 51, 57 और 34 अंक दर्ज किए गए हैं। राजनीति शास्त्र के अंकों में भी भारी अंतर पाया गया।

    जांच में यह भी स्पष्ट हुआ कि अंकपत्र पूरी तरह से कूटरचित है। इसके अतिरिक्त बीए प्रथम वर्ष (1998) की सारणीकरण पंजिका से अनुक्रमांक 128671 से 128700 तक का पृष्ठ गायब मिला है, जबकि बीए द्वितीय वर्ष (1999) में अंकों से छेड़छाड़ और बीए तृतीय वर्ष (2000) में पृष्ठ बदला हुआ पाया गया।

    समिति ने मामले को गंभीर मानते हुए विश्वविद्यालय व संबंधित कालेज स्तर पर विभागीय जांच और पुलिस केस दर्ज करने की सिफारिश की थी, जिसके आधार पर प्राथमिकी दर्ज की गई है।

    उधर, बेसिक शिक्षा विभाग की तरफ से फर्जी अंकपत्र लगाकर सहायक अध्यापक की नौकरी प्राप्त करने वाली शिक्षिका प्रीती जायसवाल पर कार्रवाई करते हुए बर्खास्त कर दिया है।