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    वरिष्ठता सूची जारी कर शिक्षकों का विवाद दूर करेगा गोरखपुर विश्‍वविद्यालय प्रशासन, हर साल 30 जून के बाद होगी जारी

    Updated: Sun, 04 Aug 2024 08:24 AM (IST)

    बीते कुछ वर्षों में विज्ञान संकाय के अलावा भौतिक विज्ञान गणित-वाणिज्य विभाग में इसे लेकर जमकर रस्साकशी देखने को मिली। वाणिज्य विभाग में तो प्रो.आरपी सिंह आज भी वरिष्ठता सूची के फिर से निर्धारण पर विचार करने की अपील कर रहे हैं। वरिष्ठता को लेकर विवाद केवल आचार्यों तक ही सीमित नहीं है। सहआचार्य और सहायक आचार्य पद पर भी कई विभागों में शिक्षकों के बीच मनमुटाव की स्थिति है।

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    गोरखपुर विश्वविद्यालय प्रशासन गुटबाजी से परेशान। जागरण

     डा. राकेश राय, जागरण गोरखपुर। वरिष्ठता को लेकर शिक्षकों के बीच उठने वाले विवाद पर विराम लगाने की दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय पुख्ता तैयारी कर रहा है। इसके लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने हर वर्ष विभाग, संकाय और विश्वविद्यालय स्तर पर शिक्षकों की वरिष्ठता सूची जारी करने की योजना बनाई है।

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    योजना के मुताबिक हर वर्ष 30 जून के बाद महीने भर में वरिष्ठता सूची जारी कर दी जाएगी। विश्वविद्यालय में कई ऐसे विभाग हैं, जिनमें वरिष्ठता को लेकर शिक्षकों में इस कदर विवाद है कि गुटबाजी होने लगी है। कुछ शिक्षक अपनी वरिष्ठता बचाने में लगे रहते हैं, तो कुछ वरिष्ठता जाने के बाद गुटबाजी में जुट जाते हैं और विश्वविद्यालय प्रशासन को दोषी ठहराने लगते हैं।

    कोई नियुक्ति की तिथि से खुद को वरिष्ठ बताता है, तो कोई इसे लेकर सर्विस नियमावली का हवाला देता हैं। स्थिति तब और बिगड़ जाती है, जब वरिष्ठता का सही निर्धारण न होने के चलते कोई शिक्षक विभागाध्यक्ष या संकायाध्यक्ष के पद से वंचित हो जाता है और कोई कार्यपरिषद या विद्या परिषद का सदस्य नहीं बन पाता।

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    सूची जारी करने से पहले ली जाएगी आपत्ति

    नियमानुसार प्रतिवर्ष शिक्षण सत्र समाप्त होने के साथ 30 जून के बाद नए सिरे से शिक्षकों की वरिष्ठता निर्धारित होनी चाहिए क्योंकि हर वर्ष कुछ शिक्षक रिटायर हो जाते हैं, तो कुछ दूसरे विश्वविद्यालयों में नियुक्ति पा जाते हैं। मृत्यु की स्थिति में भी पद खाली होते हैं।

    लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन कभी ऐसा नहीं कर पाता, जिसके चलते इस समस्या का समाधान नहीं हो पाता। वरिष्ठता निर्धारण के लिए जल्द विश्वविद्यालय की ओर से कमेटी का गठन किया जाएगा। यह कमेटी पहले आपत्ति प्राप्त करने के लिए अंतरिम वरिष्ठता सूची जारी करेगी। आपत्तियों के निस्तारण के बाद अंतिम सूची विश्वविद्यालय प्रशासन को सौंपेगी, जिसे वेबसाइट पर जारी होगा।

    गोरखपुर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने कहा कि वरिष्ठता सूची को लेकर शिक्षकों के दावे पर स्थायी विराम लगाने के लिए हर वर्ष इस सूची को जारी करने का निर्णय लिया गया है। वरिष्ठता के निर्धारण के लिए जल्द एक कमेटी गठित की जाएगी। कमेटी विश्वविद्यालय की नियमावली के आधार पर अपनी सूची तैयार करेगी और विश्वविद्यालय प्रशासन को सौंपेगी, जिसे कार्य परिषद से स्वीकृत कराकर वेबसाइट के जरिये सार्वजनिक कर दिया जाएगा।

    विभाग स्तर पर वरिष्ठता से विभागाध्यक्ष का निर्धारण होता है तो संकाय स्तर पर वरिष्ठता से अधिष्ठाता का। कार्य परिषद और विद्या परिषद के सदस्य विश्वविद्यालय स्तर की वरिष्ठता सूची से नामित किए जाते हैं। ऐसे में विश्वविद्यालय की जारी होने वाली वरिष्ठता सूची त्रिस्तरीय होगी। विभाग, संकाय और विश्वविद्यालय स्तर पर वरिष्ठता का निर्धारण किया जाएगा।

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    विश्वविद्यालय के एक कार्य परिषद सदस्य डा. वेद प्रकाश राय ने बीते दिनों कुलसचिव को एक पत्र इस मांग के साथ दिया कि उन्हें विश्वविद्यालय की सहायक आचार्य, सह आचार्य और आचार्य पद की वर्तमान वरिष्ठता सूची उपलब्ध कराई जाए। वरिष्ठता सूची के औपचारिक रूप से जारी किए जाने के विश्वविद्यालय के निर्णय के पीछे इस पत्र को कारण के रूप में देखा जा रहा है।