गर्मी की छुट्टी का भरपूर आनंद नहीं ले सकेंगे डीडीयू के शिक्षक, बाहर जाने का प्लान बनाने पर लेनी होगी अनुमति
गोरखपुर विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से ग्रीष्मावकाश तक के लिए विशेष निर्देश जारी किया गया है। इसके अनुसार विश्वविद्यालय व संबद्ध महाविद्यालयों के शिक्षकों को मुख्यालय जाने का कार्यक्रम बनाने से पहले अनुमति लेनी होगी। कुलपति ने यह निर्णय परीक्षा जैसे कार्य बाधित न हो इसके लिए लिया है।

गोरखपुर, जागरण टीम। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय की ओर से भले ही एक जून से 15 जुलाई तक के लिए ग्रीष्मावकाश घोषित कर दिया गया है लेकिन विश्वविद्यालय व इससे सम्बद्ध महाविद्यालयों के शिक्षक इसका खुलकर आनंद नहीं ले सकेंगे। वह छुट्टी के दौरान मुख्यालय से बाहर जाने का कार्यक्रम नहीं बना सकेंगे। एक निर्देश जारी कर कुलपति ने उनके इस आनंद में खलल डाल दिया है। निर्देश के मुताबिक शिक्षकों को मुख्यालय छोड़ने से पहले अपने विभागाध्यक्ष या प्राचार्य के माध्यम से विश्वविद्यालय प्रशासन से अनुमति लेनी होगी। अनुमति न मिलने पर यदि वह मुख्यालय छोड़ते हैं तो उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी की जाएगी।
कुलपति ने जारी किया ये निर्देश: कुलपति प्रो. राजेश सिंह के निर्देश के बाद कुलसचिव की ओर से जारी पत्र के माध्यम से विश्वविद्यालय के सभी विभागाध्यक्षों से अपील की गई है कि वह इस निर्देश को सभी शिक्षकों तक पहुंचना सुनिश्चित करें। उन्हें साफ-साफ बताएं कि वह विश्वविद्यालय से अनुमति लेने के बाद ही मुख्यालय से बाहर जाएं। इसके पीछे विश्वविद्यालय प्रशासन ने वर्तमान में चल रही परीक्षा या उससे जुड़े कार्य बाधित न होने की वजह बताई है। निर्देश से शिक्षक नाराज न हों, इसका विकल्प भी रखा गया है।
पत्र के माध्यम से यह भी बताया गया है कि अवकाश की अवधि में कार्य करने वाले शिक्षकों को नियम के अनुसार प्रतिपूर्ति अवकाश दिया जाएगा। विश्वविद्यालय प्रशासन ने प्राचार्यों व विभागाध्यक्षों से अवकाश अवधि में कार्य करने वाले शिक्षकों की सूची भी मांगी है।
गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलसचिव विशेश्वर प्रसाद ने बताया कि वर्तमान में विश्वविद्यालय की परीक्षाएं चल रही हैं। ऐसे में बड़ी संख्या में शिक्षकों के बाहर चले जाने से परीक्षा संचालन में दिक्कत आएगी। इसे देखते हुए कुलपति जी ने ग्रीष्मावकाश के दौरान शिक्षकों के लिए अनुमति के बाद ही मुख्यालय छोड़ने का निर्देश जारी किया है। छुट्टी में जिस शिक्षक से कार्य लिया जाएगा, उसके लिए प्रतिपूर्ति अवकाश की व्यवस्था की गई है।

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