गोरखपुर में मनमानी की हद, सड़क पर बना रहे स्लैब और नाला से फंसा एप्रोच
गोरखपुर में फातिमा चौराहे पर सड़क पर स्लैब बनने से जाम लग रहा है। फ्लाईओवर निर्माण के कारण खजांची चौराहे पर व्यापारियों का व्यापार ठप हो गया है। धूल से लोग परेशान हैं। बरगदवा में एक लेन खुलने से राहत है, पर दूसरा लेन अधूरा है। डोमिनगढ़ में सड़क किनारे खोदाई से हादसे हो रहे हैं।

जेलबाई पास फोर लेन की एक तरफ की सड़क को रोक कर पादरी बाजार चौराहे के उपर बन रहे पुल के लिए तैयार किया जा रहा गाडर। जागरण
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। शनिवार को दोपहर के ठीक 12 बजे हैं। जेल बाईपास रोड पर फातिमा चौराहा से पहले जेल की तरफ एक लेन सड़क पर जाम के बीच गुजर रहे चार पहिया वाहनों के किनारे दो बाइक सवार व्यवस्था को कोस रहे हैं। एक की बाइक गिट्टी में फंसकर बंद हो गई थी तो दूसरा उसको सहारा देने के लिए अपनी बाइक खड़ी कर आगे बढ़ रहा है। जिस युवक की बाइक गिट्टी में फंसी है उसने उमस भरी गर्मी में पसीना पोंछते हुए सड़क की दूसरी लेन की ओर इशारा किया।
बोला, कहीं देखा है कि सड़क पर कब्जा कर स्लैब बनाया जाता हो। यह फातिमा चौराहे पर ही संभव है। जिस स्लैब को दूसरी जगह बनाया जाता है, उसे रुपये बचाने के लिए सेतु निगम का ठीकेदार सड़क पर ही तैयार कर रहा है।
हैरानी की बात यह है कि अधिकारियों ने इसकी अनुमति भी दे दी है। जनता एक लेन सड़क से जाम में जूझकर कैसे आ-जा रही है, इसकी परवाह किसी को नहीं है। जब एक लेन ही चलाना था तो फोरलेन सड़क आखिर बनवाई ही क्यो है। दूसरा साथी बाइक को धक्का देते हुए बोला, जिस तरह काम हो रहा है, अभी वर्षों ऐसे ही धक्का लगाना पड़ेगा।
फातिमा बाईपास पर फ्लाईओवर निर्माण से लोगों को हो रही दिक्कत को देखते हुए हम खजांची चौराहे की ओर बढ़े। फातिमा चौराहा के आगे बढ़ते ही पिलर संख्या एक व दो के बीच गिट्टी का ढेर दिखा। इस ढेर से गिट्टी बिखरकर सड़क पर फैली है।
चार पहिया वाहन सवारों को तो दिक्कत नहीं हो रही है लेकिन बाइक सवार किसी तरह निकल पा रहे हैं। फ्लाईओवर का पिलर तैयार तो हो गया लेकिन नीचे की सड़क इस कदर क्षतिग्रस्त हो चुकी है कि हादसों की लोगों को आदत पड़ गई है।
व्यवसाय खत्म हुआ, फ्लाईओवर कब बनेगा
खजांची चौराहा पर फातिमा बाईपास की तरफ से लगायत स्पोर्ट्स कालेज की तरफ फ्लाईओवर का निर्माण हर हाल में जून तक पूरा हो जाना चाहिए था लेकिन काम अधूरा है। फातिमा बाईपास की तरफ फ्लाईओवर के एप्रोच के लिए जल निगम की ओर से नाला बनाए जाने का इंतजार है। एप्रोच की जगह पर मिट्टी का ऊंचा ढेर देखकर लग रहा है कि कुछ ही दिनों में इंतजार की घड़ियां खत्म हो जाएंगी लेकिन यह सोचना गलत है।
पहले नाला बनेगा और फिर एप्रोच। तीन वर्षों से नाला और फ्लाईओवर निर्माण के कारण कई का व्यापार खत्म हो चुका है। वजह यह कि दुकान तक ग्राहक पहुंच ही नहीं पा रहे हैं। व्यापारी अजय पासवान हमें देखकर आते हैं। कहते हैं, भाई साहब विकास तो हो रहा है लेकिन हम बर्बाद हो गए।
अधिकारियों ने निर्माण में इतनी लापरवाही बरती कि दुकान बंद कर चुके हैं। जिस तरह काम हो रहा है अभी लग रहा है कि साल भर और लगेंगे। इसके बाद फिर दुकान खोलेंगे, देखें क्या होता है। इतनी ज्यादा धूल उड़ रही है कि पूरा इलाका का सांस का रोगी बनता जा रहा है। मैं तो मास्क लेकर ही बाहर निकलता हूं।
एक लेन खुलने से राहत
बरगदवा चौराहा से खाद कारखाना की ओर जाने वाली सड़क पर एक लेन फ्लाईओवर शुरू होने से आवागमन तो आसान हुआ है लेकिन दूसरे लेन पर काम की स्थिति देखकर लग रहा है कि अभी कई महीने लगने तय हैं। बरगदवां तिराहा से फ्लाईओवर तक सड़क के बीच में बिजली के पोल और पूरी सड़क न बनना अखर रहा है। फ्लाईओवर पर चढ़ने के पहले और उतरने के बाद धूल सांस के रोगियों पर भारी पड़ रही है।
नागरिकों का कहना है कि एक लेन खुलने से राहत है लेकिन दूसरे लेन का काम भी जल्द पूरा होना चाहिए। यहां पुराने रेल फाटक की ओर जाने से रोकने के लिए कोई विशेष सूचना नहीं दी गई है। सिर्फ लिखा गया है कि यह आम रास्ता नहीं है। कई लोग उस रास्ते आगे बढ़ जाते हैं। काफी अंदर आने के बाद पता चलता है कि रास्ता बंद है। मायूस होकर लौटना पड़ता है।
डोमिनगढ़ तक फोरलेन के किनारे सुरक्षा का ध्यान नहीं
लोक निर्माण विभाग का निर्माण खंड दो लखनऊ राजमार्ग से लालडिग्गी पार्क होते हुए डोमिनगढ़ के आगे तक रिटेनिंग वाल, नाला व सड़क का निर्माण करा रहा है। यहां सड़क के किनारे नाला के लिए खोदाई करके छोड़ दी गई है। नियमानुसार खोदाई वाली जगह पर सड़क की तरफ संकेतक लगने चाहिए लेकिन कहीं भी कुछ नहीं है। लोगों का कहना है कि रात के अंधेरे में रोजाना कई लोग बाइक या साइकिल से गिर जाते हैं।

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