अस्तित्व खो रहा 1910 में बना यह कार्यालय, 66 जिलाधिकारियों का कार्यालय रह चुकी है यह बिल्डिंग
Gorakhpur Collectorate Building गोरखपुर का डीएम कार्यालय समेत करीब एक दर्जन कार्यालय का अस्तित्व खतरे में है। 1910 में बना कलेक्ट्रेट भवन को तोड़ने का क्रम शुरू हो गया है। यहां स्थित सभी कार्यालय दूसरी जगह पर शिफ्ट किए जाएंगे।

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। गोरखपुर कलेक्ट्रेट का 112 साल पुराना भवन अपना अस्तिव खोने लगा है। डीएम कार्यालय एवं सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय के बीच से अंग्रेजी दफ्तर तक जाने वाले रास्ते के ऊपर लगा शेड ध्वस्त किया जाने ल गा। प्रशासनिक विभाग धीरे-धीरे कार्यालय शिफ्ट करने में जुटा है। कलेक्ट्रेट कार्यालय रेलवे बस स्टेशन के पास क्षेत्रीय पर्यटन कार्यालय भवन में स्थानांतरित किया जा रहा है।
1903 में शुरू हुआ था इस भवन का निर्माण कार्य
कलेक्ट्रेट भवन का निर्माण 1903 में शुरू हुआ था और 1910 में इसे पूरा किया गया था। 1940 से लेकर अबतक इस कार्यालय में करीब 66 जिलाधिकारी बैठ चुके हैं। पीडब्ल्यूडी ने इस कलेक्ट्रेट भवन की कीमत 86 लाख रुपये आंकी है और इसे तोड़ने पर करीब 20 लाख रुपये का खर्च आएगा।
ध्वस्तीकरण से पहले मिलने वाली इस रकम को बट्टा खाते में रखा जाएगा। ब्रिटिश काल के दौरान कलेक्ट्रेट में सभी काम अंग्रेजी में होते थे। अधिकारी से लेकर अधिकतर कर्मचारी तक अंग्रेज ही होते थे, जिसके चलते इसे आम लोग अंग्रेजी दफ्तर कहते थे। कार्यालय का सबसे बड़ा हाल आज भी अंग्रेजी दफ्तर के रूप में ही जाना जाता है।
अभी अस्तित्व में बने रहेंगे यह कार्यालय
कलेक्ट्रेट भवन के साथ ही एडीएम वित्त एवं राजस्व, मुख्य राजस्व अधिकारी एवं सहायक अभिलेख अधिकारी (एआरओ) का कार्यालय भी टूटना था लेकिन लोगों की सुविधा के लिए इन तीनों अधिकारियों के कोर्ट को फिलहाल पुरानी जगह ही रहने देने का निर्णय लिया गया है। इसके अतिरिक्त सभी कार्यालय शिफ्ट हो जाएंगे। इन्हें बाद में स्थानांतरित किया जाएगा।
65 करोड़ से बनेगा नया भवन
ध्वस्तीकरण के बाद इसी स्थान पर एकीकृत भवन बनाया जाएगा। सभी सुविधाओं से युक्त इस भवन में जिलाधिकारी के साथ एसएसपी का कार्यालय भी होगा। नए भवन के पहले तल पर जिलाधिकारी एवं एसएसपी का कार्यालय होगा। दूसरे तल पर जिलाधिकारी का कोर्ट होगा। भूकंपरोधी तकनीक से बनने वाले इस भवन में 100 से अधिक वाहनों के पार्किंग की व्यवस्था होगी। तीसरे तल पर मालखाना होगा। राजस्व का रिकार्ड भी यहीं रखा जाएगा। भवन में बैरक, पुस्तकालय, भूमि अध्याप्ति अधिकारी का कमरा, स्ट्रांग रूम, न्यायिक रिकार्ड रूम, स्टेशनरी रूम एवं किचन की भी व्यवस्था होगी। हर तल पर पहुंचने के लिए लिफ्ट भी लगाई जाएगी।
कलेक्ट्रेट कार्यालय को स्थानांतरित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। क्षेत्रीय पर्यटन कार्यालय भवन में सामान व दस्तावेज पहुंचाए जा रहे हैं। अधिकारियों, कर्मचारियों के बैठने की व्यवस्था हो चुकी है और कोर्ट रूम भी तैयार हैं। एडीएम वित्त एवं राजस्व, सीआरओ एवं एआरओ के कोर्ट अभी पुरानी जगह ही रहेंगे। - पुरुषोत्तम दास गुप्ता, अपर जिलाधिकारी प्रशासन।

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