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    गोरखपुर के एसएसपी का लापरवाह पुलिसकर्मियों के खिलाफ एक्शन, चौकी प्रभारी व दारोगा को किया लाइन हाजिर

    By Jagran NewsEdited By: Pragati Chand
    Updated: Thu, 30 Nov 2023 09:32 AM (IST)

    Gorakhpur News कैंट के इंजीनियरिंग कालेज चौकी प्रभारी रविसेन यादव पर विवेचना में देरी और रुपये मांगने का आरोप था। प्रार्थनापत्र का गुणवत्तापूर्ण निस्तारण नहीं करने पर चौरी चौरा थाने में तैनात जितेन्द्र यादव पर कार्रवाई हुई। बता दें कि एसएसपी बीते एक सप्ताह में 70 सिपाही बांसगांव थानेदार चंद्रभान सिंह और 13 दारोगा को लाइन हाजिर कर चुके हैं।

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    लापरवाह चौकी प्रभारी, दारोगा लाइन हाजिर। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। शिकायतों के निस्तारण में देरी और रुपये मांगने के आरोप में एसएसपी डा. गौरव ग्रोवर ने दो दारोगा को लाइन हाजिर कर दिया। इसमें एक कैंट के इंजीनियरिंग कालेज चौकी प्रभारी रविसेन यादव और दूसरे चौरी चौरा थाने में तैनात जितेन्द्र यादव का नाम शामिल है। रविसेन पर विवेचना में लापरवाही बरतने, मारपीट और एससी-एसटी केस को मैनेज करने के लिए सात हजार रुपये मांगने तथा रुपये नहीं मिलने पर 151 में चालान करने का आरोप था।

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    यह है पूरा मामला

    एसएसपी की जांच में आरोप सही मिलने पर कार्रवाई हुई। वहीं चौरी चौरा थाने में तैनात दारोगा जितेन्द्र ने आइजीआरएस प्रार्थनापत्र का समय पर और गुणवतापूर्ण तरीके से निस्तारण नहीं किया था। बता दें कि एसएसपी बीते एक सप्ताह में 70 सिपाही, बांसगांव थानेदार चंद्रभान सिंह और 13 दारोगा को लाइन हाजिर कर चुके हैं। इन सभी पर अलग-अलग आरोप लगे थे।

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    कई सिपाहियों पर थानेदार का कारखास बनकर क्षेत्र में वसूली करने समेत अन्य आरोप भी थे। एसआइयू की रिपोर्ट पर एसएसपी ने कार्रवाई की थी। बताया जा रहा है कि अभी और थानेदार, दारोगा और पुलिसकर्मियों की जांच एलआइयू कर रही है।

    एसएसपी से की एसएसआइ की शिकायत

    चौरी चौरा थाना क्षेत्र के मिर्जवा सरदार गांव के शैलेंद्र यादव ने थाने में तैनात एसएसआइ पर परेशान करने और फर्जी मुकदमे में जेल भेजने की धमकी देने का आरोप लगाते हुए एसएसपी से शिकायत की है। इससे पूर्व भी उसने एसएसआइ की शिकायत की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।

    एसएसपी को दिए शिकायती पत्र में शैलेंद्र यादव ने लिखा है कि अक्टूबर में गांव के कुछ लोगों ने रंजिश में दुष्कर्म और धमकी देने का मुकदमा दर्ज कराया था। इस मामले में पुलिस ने मुझे जेल भेजा था। हालांकि मुकदमा दर्ज कराने वाली युवती ने बाद में सुलह कर लिया है। जेल में रहने के दौरान ही एसएसआइ ने मेरे खिलाफ धोखाधड़ी का फर्जी मुकदमा दर्ज कर लिया।

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    जिस महिला की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया गया, उससे पिछले कई साल से मुकदमा चल रहा है। जेल से छूटने के बाद आठ नवंबर को एसएसपी से शिकायत की। एसएसपी के निर्देश पर रीडर ने शैलेंद्र का बयान दर्ज किया। जानकारी होने पर एसएसआइ परेशान करने लगे। आरोप है कि फोन पर गाली दे रहे हैं। पीड़ित का कहना है कि वह शुगर, बीपी और हृदय रोग का मरीज है। मामले की जांच कराकर एसएसआइ के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है।