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    गोरखपुर में दूसरी फ्लैटेड फैक्ट्री पर बनी बात, प्रभारी मंत्री की अध्यक्षता में हुई उद्यमियों की बैठक

    By Jagran NewsEdited By: Pragati Chand
    Updated: Thu, 09 Feb 2023 12:58 PM (IST)

    गोरखपुर दौरे पर आए प्रभारी मंत्री सुरेश कुमार खन्ना की अध्यक्षता में हुई उद्यमियों की बैठक में दूसरी फ्लैटेड फैक्ट्री को लेकर निर्णय लिया गया है। उधर हुनर हाट के शुभारंभ के लिए मुख्यमंत्री योगी को आमंत्रित करने की योजना है।

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    कैबिनेट मंत्री सुरेश कुमार खन्ना। - जागरण

    गोरखपुर, जागरण संवाददाता। एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) में शामिल रेडीमेड गारमेंट को बढ़ावा देने के लिए जिले की दूसरी फ्लैटेड फैक्ट्री (तीन मंजिला भवन, जिसमें बने हाल में रेडीमेड गारमेंट बनाने की इकाई स्थापित कर सकते हैं) के निर्माण पर सहमति बन गई है। दो दिवसीय गोरखपुर दौरे पर आए प्रभारी मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने उद्यमियों के साथ बैठक में उपायुक्त उद्योग को प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजने का निर्देश दिया। उद्यमियों की ओर से इंडस्ट्रियल एरिया में हथकरघा विभाग की खाली पड़ी भूमि पर गीडा की तर्ज पर फ्लैटेड फैक्ट्री का निर्माण कराने की मांग की थी।

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    प्रभारी मंत्री ने जीडीए को दिया यह निर्देश

    उद्योग बंधु की बैठक में यह मामला उठने के बाद मंत्री ने इससे जुड़े लोगों की बैठक बुलाई। चैंबर आफ इंडस्ट्रीज के पूर्व अध्यक्ष एसके अग्रवाल ने इसकी महत्ता बताई। प्रभारी मंत्री ने ओडीओपी उत्पादों के प्रोत्साहन के लिए हुनर हाट लगाने पर भी चर्चा की। उन्होंने जीडीए को इस संबंध में एक महीने के भीतर तैयारी करने का निर्देश दिया है। मंत्री ने कहा कि इसके शुभारंभ के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात की जाएगी। उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को भी उत्पाद प्रदर्शित करने के लिए स्थान देने पर चर्चा की गई। चैंबर आफ इंडस्ट्रीज के महासचिव प्रवीण मोदी ने नई टेक्सटाइल नीति में छूट को लेकर छोटे एवं बड़े उद्यमियों के बीच का भेद मिटाने की जरूरत बताई। इसको लेकर ज्ञापन भी सौंपा। प्रभारी मंत्री ने इस संबंध में विभागीय मंत्री एवं अपर मुख्य सचिव से बात करने का आश्वासन भी दिया। उद्यमियों ने सरकारी विभागों में की जाने वाली खरीदारी में 25 प्रतिशत स्थानीय इकाइयों से खरीदने की मांग की। बैठक में रमाशंकर शुक्ल, लक्ष्मी शास्त्री, इफ्तेखार आदि उपस्थित रहे।

    एक सप्ताह में बैंक गारंटी वापस करने का निर्देश

    उद्यमियों की ओर से बताया गया कि औद्योगिक इकाई स्थापित करने के लिए खरीदी जाने वाली भूमि के स्टांप शुल्क पर 100 प्रतिशत की छूट मिलती है। इसके बदले निवेशक को बैंक गारंटी देनी होती है। नियम है कि दो साल में उत्पादन शुरू कर दिया जाए। उत्पादन शुरू होने पर निबंधन विभाग, उद्योग विभाग एवं राजस्व विभाग की टीम इकाई का निरीक्षण करती है और उसकी रिपोर्ट के आधार पर बैंक गांरटी वापस हो जानी चाहिए। उद्यमियों ने मंत्री को बताया कि सारी प्रक्रिया पूरी होने के बाद भी करीब 50 लोगों को बैंक गारंटी वापस नहीं मिली। लगभग करोड़ों रुपये बकाया होने से पूंजी फंसी है। इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए मंत्री ने आइजी स्टांप कंचन वर्मा से मोबाइल फोन पर बात कर एक सप्ताह में भुगतान कराने का निर्देश दिया।