गोरखपुर में राप्ती नदी के किनारे, जमीं पर उतरे सितारे, तस्वीरों में देखें- रोशन हुए एक लाख 11 हजार दीये
एक लाख 11 हजार दीयों से गोरखपुर शहर स्थित राप्ती नदी का तग जगमग हो उठा। शहर के तमाम अधिकारियों महत्वपूर्ण सामाजिक व सांस्कृतिक संस्थाओं ने आयोजन में हिस्सा लिया और दीये जलाकर इस पल को यादगार बनाया।

गोरखपुर, डॉ. राकेश राय। दृश्य अद्भुत था, छटा मनोरम। अंधकार पर प्रकाश के विजय की अनूठी दास्तां थी। कल-कल कर बह रही थी अचिरावती (राप्ती) और तट पर टिम-टिम कर रोशन हो रहे थे दीये। मानो इस भव्यता को देखने को आसमां से जमीं पर उतर पड़े हों सितारे। गुरु गोरक्षनाथ घाट पर दीप से दीप जलते गए, अंधकार पर प्रकाश के विजय की सनातन संस्कृति साकार होती गई। कहने की जरूरत नहीं कि दैनिक जागरण की ओर से देव दीपावली पर दीपोत्सव का आयोजन सफलता के नए आयाम गढ़ गया। एक लाख 11 हजार दीये जलाकर और इस अनूठे आयोजन से समूचे गोरखपुर को जोड़कर।
युवाओं की कड़ी मेहनत से जगमगा उठा राप्ती तट
दीपोत्सव के इस सफलतम आयोजन के पीछे कड़ी मेहनत थी शहर के युवाओं की और महत्वपूर्ण सामाजिक व सांस्कृतिक संस्थाओं की। शाम को यादगार बनाने के लिए वह सुबह से घाट पर जम गए थे। अलग-अलग टोलियों में बंटकर घाट के कोने-कोने का अंधकार मिटाने के उनके जुनून का नतीजा था, दीपोत्सव का शानदार आयोजन। दिन भर की उनकी मेहनत शाम को तब दिखी, जब शाम ढलने तक घाट पर एक लाख 11 हजार दीये तेल और बाती के लिए जलने को तैयार दिखे।
जब प्रकाश के सामने लाचार दिखने लगा अंधकार
शाम ढलते ही जैसे ही संचालक की ओर से जैसे ही दीयों को प्रज्वलित करने का आह्वान हुआ, ज्योति से ज्योति जलाने का सिलसिला शुरू हो गया। अंधकार ने पूरी कोशिश की अस्तित्व को बनाए रखने की, पर लोगों की जिद के सामने जल्द ही वह बेबस और लाचार नजर आने लगा। जल्द ही लुप्त सा हो गया। पहले शहर के गण्यमान्य और फिर मौके पर मौजूद नगरवासी दीपदान में अपने योगदान के लिए जब आगे बढ़े तो जागरण का यह आयोजन जन-जन से जुड़ता दिखा। महिला क्या पुरुष, युवा क्या बुजुर्ग सभी दीपोत्सव में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने को उत्सुक दिखे। बच्चों के उत्साह का तो पूछना ही क्या। सबके संयुक्त प्रयास से ही सार्थक हो सका जागरण का दीप उत्सव।
आरती से भव्यता के चरम पर पहुंचा दीपोत्सव
दीपोत्सव को पूर्णता देने के लिए जब नदी तट पर मां राप्ती की आरती शुरू हुई तो वहां मौजूद हर कोई उसका हिस्सा बनने को आतुर दिखा। सबकी बढ़-चढ़ कर आरती में हिस्सेदारी से दीपोत्सव भव्यता के चरम पर पहुंच गया। किसी ने आरती स्थल पर पहुंचकर मां राप्ती की आरती उतारी तो कोई दीप जलाते हुए आरती गुनगुनाते दिखा।
सांसद रवि किशन, पूर्व केंद्रीय मंत्री शिव प्रताप शुक्ल, महापौर सीताराम जायसवाल, भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष व एमएलसी डा. धर्मेंद्र सिंह, विधायक विपिन सिंह व प्रदीप शुक्ला, अपर पुलिस महानिदेशक अखिल कुमार, कमिश्नर रवि कुमार एनजी, डीआइजी जे. रवींद्र गौड़, नगर आयुक्त अविनाश सिंह की मौजूदगी से आयोजन का स्वरूप व्यापक हो गया। सबने आगे बढ़कर मां राप्ती की आरती उतारी।
देर शाम तक चला दीप प्रज्वलन का सिलसिला
आयोजन को लेकर लोगों में उत्साह इस कदर था कि वह मुख्य आयोजन के बाद भी पूरी प्रतिबद्धता से जलते दीयों को सहेजते रहे। बुझ रहे दीयों को जलाते रहे। सबने मुक्त कंठ से भव्य आयोजन के लिए जागरण की सराहना की और ऐसे आयोजनों का सिलसिला जारी रखने की अपील की।
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