Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    Gorakhpur: राजगिद्धों से जल्द आबाद होगा संरक्षण केंद्र, चित्रकूट के जंगलों में सात सदस्यीय टीम ने डाला डेरा

    By Jagran NewsEdited By: Pragati Chand
    Updated: Fri, 30 Dec 2022 03:31 PM (IST)

    राजगिद्धों को लाने के लिए गोरखपुर से वन विभाग की टीम भेजी गई है। सात सदस्यीय टीम ने चित्रकूट के जंगलों में डेरा डाला है। जल्द ही राजगिद्ध संरक्षण एवं प्रजनन केंद्र बहुत जल्द राजगिद्धों से आबाद हो जाएगा।

    Hero Image
    राजगिद्धों से संरक्षण केंद्र को आबाद करने की तैयारी। सौ. इंटरनेट मीडिया

    गोरखपुर, जागरण संवाददाता। गोरखपुर जिले के कैंपियरगंज क्षेत्र के भारीवैसी में बन रहा राजगिद्ध संरक्षण एवं प्रजनन केंद्र बहुत जल्द राजगिद्धों से आबाद हो जाएगा। केंद्र में गिद्धों का चार बाड़ा (प्रजनन पक्षीशाला) बन कर तैयार हो चुका है और उसमें दो बाड़ों को आबाद करने के लिए वन विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है। पशु चिकित्सक डॉ. दुर्गेश यादव के नेतृत्व में तीन ट्रैपरों सहित सात सदस्यीय टीम ने राजगिद्धों को पकड़ने के लिए चित्रकूट के जंगलों में डेरा डाल दिया है। टीम का लक्ष्य दो जोड़ा गिद्धों को पकड़ने की है। इस कार्य को पूरा करने में टीम युद्ध स्तर पर जुट गई है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    राजगिद्धों के संरक्षण के लिए काफी अनुकूल है तराई क्षेत्र

    राजगिद्ध संरक्षण एवं प्रजनन केंद्र में कुल 13 बाड़ों को बनाया जाना है, इनमें 13 जोड़ा गिद्धों को रखे जाने की योजना है। चार बाड़ों के तैयार हो जाने के बाद वन विभाग ने केंद्र को संचालित करने की तैयारी शुरू कर दी है। एशिया के पहले राजगिद्ध संरक्षण एवं प्रजनन केंद्र को स्थापित करने में बांबे नेचर हिस्ट्री सोसाइटी का तकनीकी सहयोग वन विभाग को मिल रहा है। गिद्धों की संख्या तेजी से घट रही है। ऐसे में उन्हें संरक्षित करने को लेकर केंद्र की स्थापना की जा रही है। संरक्षण के साथ-साथ यह प्रजनन केंद्र भी है। इसके पीछे विभाग का मकसद गिद्धों की वंशवृद्धि है। विभाग का मानना है कि तराई क्षेत्र राजगिद्धों के संरक्षण के लिए काफी अनुकूल है।

    गिद्धों के संरक्षण को प्राकृतिक खेती पर देना होगा जोर

    वन विभाग का कहना है कि राजगिद्धों के बाड़े में आ जाने के बाद उनके संरक्षण के लिए खेती में रसायनिक खाद का उपयोग कम करना होगा। प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना होगा। रसायनिक खाद गिद्धों की सेहत को प्रभावित करते हैं। उन्हें बीमार बना देते हैं। इसके लिए किसानों को आगे आना होगा।

    क्या कहते हैं अधिकारी

    गोरखपुर डीएफओ विकास कुमार यादव ने बताया कि गिद्ध् संरक्षण व प्रजनन केंद्र के तैयार बाड़ों में गिद्धों को लाने की तैयारी शुरू हो गई है। इसके लिए एक टीम चित्रकूट भेजी गई है। केंद्र के संचालन की शुरुआत चार राजगिद्धों से करने की है। गिद्धों के आ जाने के बाद केंद्र के औपचारिक लोकार्पण की तैयारी की जाएगी।