Gorakhpur Railway Station: कार्पोरेट आफिस की तरह दिखेगा स्टेशन परिसर, रेलवे ने शुरू की तैयारी
गोरखपुर रेलवे स्टेशन कार्पोरेट कल्चर के आधार पर तैयार हो रहा है। अंग्रेजों के जमाने के बने कार्यालय नए कलेवर में तैयार किए जा रहे हैं। स्टेशन परिसर मे ...और पढ़ें

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। रेलवे स्टेशन पहुंचने वाले लोगों के लिए राहत भरी खबर है। अब उन्हें किसी भी कार्य के लिए संबंधित विभागों, अधिकारियों और कर्मचारियों को खोजने के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। प्लेटफार्म नंबर एक और दो पर एक सीध में विभागों और अफसरों के दफ्तर मिल जाएंगे। कार्यालयों के सामने विभाग या अधिकारियों के नेम प्लेट भी लगे रहेंगे।
एक सीध में होंगे सभी विभागों और अफसरों के दफ्तर
दरअसल, विश्वस्तरीय गोरखपुर रेलवे स्टेशन कार्पोरेट कल्चर के आधार पर तैयार हो रहा है। अंग्रेजों के जमाने के बने कार्यालय नए कलेवर में तैयार किए जा रहे हैं। स्टेशन डायरेक्टर, स्टेशन प्रबंधक और यात्री मित्र कार्यालय के बाद अब टिकट चेकिंग स्टाफ, स्वास्थ्य, वाणिज्य, कोचिंग, यांत्रिक और विद्युत विभाग के दफ्तरों को भी अति आधुनिक बनाया जा रहा है। अधिकारियों, कर्मचारियों को तो राहत मिलेगी ही आम यात्रियों को भी सुविधा होगी।
पास पर 30 सितंबर तक यात्रा कर सकेंगे रेलकर्मी
रेलकर्मियों और उनके स्वजन के लिए राहत भरी खबर है। कोरोना काल में अब वे वर्ष 2020 और 2021 में लिए गए पास पर 30 सितंबर 2021 तक यात्रा कर सकते हैं। मुख्य जनसंपर्क अधिकारी के अनुसार रेलकर्मियों को सहूलियत प्रदान करते हुए वर्षांत पास की अवधि 30 सितंबर तक बढ़ा दी गई है। इस सुविधा का लाभ सुविधा पास, सेवानिवृत्ति पास, विधवा पास पर भी मिलेगा। यदि रेलकर्मी वर्षांत पास पर आरक्षण कराने के बाद भी यात्रा पूरी नहीं कर पाए हैं तो वे भी 30 सितंबर तक इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं। लाकडाउन के दौरान सेवानिवृत्त रेलकर्मियों के देय पास भी जारी किए जाएंगे।
बिना नक्शा व अनुमोदन के शुरू नहीं होंगे रेलवे के कार्य
पूर्वोत्तर रेलवे के महाप्रबंधक विनय कुमार त्रिपाठी ने सभी प्रमुख विभागाध्यक्षों और मंडल रेल प्रबंधकों के साथ गुरुवार को आयोजित वर्चुअल बैठक में चल रहे निर्माण कार्यों की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने कार्यों को गुणवत्ता के साथ समय से पूरा करने पर जोर देते हुए निर्देशित किया कि बिना नक्शा और अनुमोदन के कोई भी निर्माण कार्य शुरू न करें।
महाप्रबंधक ने कुसम्ही और नौतनवा रेलवे स्टेशन के यार्ड रिमाडलिंग और सैटेलाइट के रूप में विकसित हो रहे गोरखपुर कैंट के निर्माण कार्यों की भी समीक्षा की। अंत में प्रमुख मुख्य इंजीनियर सतीश कुमार पांडेय ने पावर प्रेजेंटेशन के माध्यम से चल रहे निर्माण कार्यों की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की।

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