गोरखपुर में सिस्टम पर सवाल: गेट पर ही काट दे रहे 24 घंटे की रसीद, 10 मिनट का भी नहीं दे रहे समय
गोरखपुर रेलवे स्टेशन पर पार्किंग के नाम पर अवैध वसूली जारी है। यात्रियों को 10 मिनट के लिए भी जबरन शुल्क देना पड़ रहा है जबकि रेलवे द्वारा 10 मिनट तक कोई शुल्क निर्धारित नहीं है। ठेकेदार सभी गेटों पर बैरियर लगाकर मनमानी कर रहे हैं जिससे आम जनता परेशान है। यहां तक कि अधिकारियों को भी अपनी पहचान बतानी पड़ी।

जागरण संवाददाता, गोरखपुर। प्रशांत कुमार अपनी वैगनआर कार से गुरुवार को गोरखपुर जंक्शन पर स्वजन को छोड़ने गए थे। उन्हें वीआइपी गेट पर स्वजन को छोड़कर वापस आ जाना था। लेकिन, गेट नंबर एक पर स्थित वाहन स्टैंड वालों ने उन्हें बैरियर पर ही रोक लिया।
अभी वह कुछ कह पाते या समझ पाते, स्टैंड वालों ने 24 घंटे के लिए 60 रुपये की रसीद काटकर उन्हें पकड़ा दिया। कार में परिवार के लोग बैठे थे, ऐसे में उन्होंने कोई विरोध नहीं किया और पूरा पैसा देकर अंदर चले गए। बकौल प्रशांत, परिवार के लोगों को छोड़कर वह दस से 12 मिनट में ही स्टेशन परिसर से बाहर निकल गए।
इसके बाद भी वाहन स्टैंड वालों ने उनसे पार्किंग के नाम पर 60 रुपये वसूल लिए। अपने वाहन से विश्वस्तरीय रेलवे स्टेशन पर पहुंचने वाले सैकड़ों लोग प्रशांत की तरह ही परेशान हैं। वे स्टेशन पहुंचकर ठगे जा रहे हैं। यह तब है जब स्टेशन परिसर में दस मिनट तक वाहन खड़ा करने के लिए कोई शुल्क निर्धारित नहीं है।
गोरखपुर जंक्शन पर पहुंचने के लिए नौ गेट हैं। किसी भी गेट से प्रवेश करने पर जेब ढीली होनी तय है। प्लेटफार्म नंबर एक और नौ पर कैब वे से होकर जाने के लिए शुल्क लग रहा तो मुख्य गेट से प्रवेश करने पर भी कुछ मिनटों के लिए 30 से 60 खर्च करने पड़ जा रहे। सुबह, शाम और रात के समय स्टेशन आवागमन करने वाले लोग कुछ अधिक ही परेशान हैं।
सर्वाधिक परेशानी परिवार को लेकर स्टेशन पहुंचने वालों को हो रही है। परिवार के चलते लोग स्टैंड वालों से बहस नहीं करते और वे इसका फायदा उठाते हैं। जो लोग मनमाना शुल्क का विरोध करते हैं, उनसे स्टैंड वाले उलझ जाते हैं। एक बार तो रात के समय लखनऊ मंडल के एक अधिकारी से को गेट नंबर एक के स्टैंड वालों ने रोक लिया था।
अधिकारी को अपने ही स्टेशन पर अपना परिचय देना पड़ा था, लेकिन स्टैंड वाले मानने को तैयार नहीं थे। अंतत: उन्हें रेलवे सुरक्षा बल के उच्च अधिकारियों को फोन करना पड़ा तो वे स्टेशन के अंदर प्रवेश पा सके।
दरअसल, रेलवे प्रशासन ने राजस्व बढ़ाने के उद्देश्य से मोटर साइकिल व कार पार्किंग के अलावा स्टेशन के सामने वाली सड़कों का भी ठीका कर दिया है। ठीकेदार ने सभी गेटों पर बैरियर लगाकर कर्मचारी तैनात कर दिया है। तैनात कर्मचारी, लोगों को दस मिनट की भी सहूलियत नहीं दे रहे। वे बैरियर पर ही निर्धारित शुल्क की रसीद काटकर पकड़ा दे रहे हैं। जबकि, बैरियर पर शून्य शुल्क की रसीद देने का प्रविधान है।
स्टेशन परिसर के लिए निर्धारित वाहन शुल्क
- 10 मिनट तक वाहन खड़ा करने पर कोई शुल्क नहीं। आमजन व रेलकर्मियों के लिए मासिक शुल्क तय। हेलमेट के लिए पांच रुपये।
- 06 घंटे तक साइकिल के लिए छह, दो पहिया के लिए 12, तीन पहिया के लिए 12 व चार पहिया के लिए 30 रुपये।
- 12 घंटे तक साइकिल के लिए सात, दो पहिया के लिए 15, तीन पहिया के लिए 20 और चार पहिया के लिए 40 रुपये।
- 24 घंटे तक साइकिल के लिए आठ, दो पहिया के लिए 20, तीन पहिया के लिए 30 और चार पहिया के लिए 60 रुपये।
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