दरवाजे पर आकर डाकिया पूछे तब बताएं OTP, जल्द लागू होगी यह व्यवस्था
गोरखपुर डाक विभाग ओटीपी आधारित डिलीवरी शुरू करने जा रहा है जिसके तहत रजिस्ट्री स्पीड पोस्ट और पार्सल के लिए ग्राहकों को ओटीपी मिलेगा। नए सॉफ्टवेयर से एक ही काउंटर पर बुकिंग और भुगतान होगा। अधिकारियों ने साइबर ठगी से बचने के लिए अज्ञात कॉल पर ओटीपी साझा न करने की सलाह दी है। विभाग यूपीआई आधारित डिजिटल भुगतान की सुविधा भी दे रहा है।

जागरण संवाददाता, गोरखपुर। डाक विभाग में जल्द ही मोबाइल ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड)आधारित डिलीवरी व्यवस्था शुरू होने जा रही है। गोरखपुर और महराजगंज जिले के सभी डाकघरों में एडवांस पोस्टल टेक्नोलाजी (एपीटी) 2.0 साफ्टवेयर इंस्टाल हो चुका है।
इसके तहत अब रजिस्ट्री, स्पीड पोस्ट और पार्सल की डिलीवरी के लिए ग्राहक को मोबाइल पर ओटीपी मिलेगा। दरवाजे पर पोस्टमैन को सही ओटीपी बताने पर ही डाक सौंपी जाएगी। पहले केवल हस्ताक्षर के आधार पर डिलीवरी होती थी, जिसमें कई बार शिकायतें आती थीं। अधिकारियों ने आशंका जताई है कि साइबर जालसाज इसका दुरुपयोग कर सकते हैं। इसलिए डाकिया के सामने आने पर ही ओटीपी बताएं।
अगस्त से ही डाक विभाग में नए साफ्टवेयर पर काम शुरू किया गया है। इसके तहत एक ही काउंटर पर बुकिंग, भुगतान सहित अन्य सेवाएं दी जा रही हैं। नए साफ्टवेयर के माध्यम से ओटीपी आधारित डिलीवरी भी शुरू की जाएगी।
डाक या किसी पार्सल की बुकिंग के दौरान प्राप्तकर्ता का मोबाइल नंबर दर्ज किया जाएगा। डाक देने के पहले संबंधित पते पर पहुंचकर डाकिया ओटीपी मांगेंगे। इसके बाद ही संबंधित को डाक सौपेंगे। ओटीपी आधारित सेवा में जहां सुरक्षा बढ़ेगी।
वहीं साइबर अपराधियों के भी सक्रिय होने की आशंका है। अधिकारियों का कहना है कि ग्राहक केवल डिलीवरी के समय पोस्टमैन को ही ओटीपी बताएं। मोबाइल पर आने वाले किसी भी अज्ञात काल या लिंक पर ओटीपी साझा न करें। इससे साइबर ठगी से बचे रहेंगे। इसके साथ ही ग्राहकों की सुविधा और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए विभाग ने यूपीआइ ( यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस)
आधारित डिजिटल भुगतान की भी सुविधा दी जाएगी। ग्राहक क्यूआर कोड स्कैन करके भुगतान कर सकेंगे, जिससे नकद देने की आवश्यकता समाप्त होगी। अधिकारियों के मुताबिक नई व्यवस्था सितंबर से लागू होने की संभावना है।
इस संंबंध में प्रवर डाक अधीक्षक बीके पांडेय ने बताया कि सेवाओं में तेजी लाने और सुविधाओं को बढ़ाने के लिए नया साफ्टवेयर लागू किया गया है। इससे डिलीवरी की प्रमाणिकता बढ़ेगी और पार्सल गलत हाथों में जाने की संभावना खत्म होगी।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।