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    World Population Day 2021: सौ साल में 40 लाख बढ़ गई गोरखपुर की आबादी

    By Pradeep SrivastavaEdited By:
    Updated: Sun, 11 Jul 2021 12:10 PM (IST)

    World Population Day 2021 सौ साल में गोरखपुर जिले की आबादी में 40 लाख से ज्यादा का इजाफा हो गया है। 1331 वर्ग किलोमीटर में फैले जिले में जैसे-जैसे आबादी बढ़ती जा रही है जनसंख्या का घनत्व तकरीबन 14 सौ व्यक्ति प्रति किलोमीटर हो गया है।

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    बीते सौ साल गोरखपुर की आबादी 40 लाख बढ़ चुकी है। - फाइल फोटो

    गोरखपुर, जागरण संवाददाता। जनसंख्या में बढ़ोत्तरी का आलम यह है कि सौ साल में गोरखपुर जिले की आबादी में 40 लाख से ज्यादा का इजाफा हो गया है। 1331 वर्ग किलोमीटर में फैले जिले में जैसे-जैसे आबादी बढ़ती जा रही है, जनसंख्या का घनत्व तकरीबन 14 सौ व्यक्ति प्रति किलोमीटर हो गया है। सामान्य दिनों में शहर की कौन कहे ग्रामीण क्षेत्रों के बाजारों में जाम लगना आम बात हो गई है। जनसंख्या नियंत्रण के सरकार के लगातार प्रयासों के बाद भी लोग अब भी ज्यादा बच्‍चे पैदा कर रहे हैं।

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    ऐसे बढ़ती गई जनसंख्या

    वर्ष महिला पुरुष कुल

    1901 479891 474898 954789

    1911 518877 521515 1040392

    1921 523656 537719 1061375

    1931 578954 606482 1185436

    1941 649636 662340 1311976

    1951 734943 738213 1473156

    1961 830356 842778 1673134

    1971 951776 1028553 1980329

    1981 1199852 1260759 2460611

    1991 1472647 1593355 3066002

    2001 1846259 1923197 3769456

    2011 2163118 2277777 4440895

    2021 2506189 2639032 5145221

    नोट : 2021 की जनसंख्या अनुमानित

    यह है इस साल की थीम

    आपदा में भी परिवार नियोजन की तैयारी, सक्षम राष्ट्र और परिवार की पूरी जिम्मेदारी

    हर जगह भीड़

    जनसंख्या वृद्धि के कारण हर जगह भीड़ दिख रही है। सड़क पर जाम, इलाज के लिए इंतजार, स्कूलों में प्रवेश के लिए लाइन अब आम समस्या है। जनसंख्या वृद्धि से अनियोजित विकास भी दिन-प्रतिदिन परेशानी का सबब बनती जा रही है।

    जनसंख्या नियंत्रण पर सख्ती से काम करने की जरूरत है। सरकार नई जनसंख्या नीति लागू करने जा रही है। 10 साल के लिए बनाई जा रही इस नीति का परिणाम जनसंख्या नियंत्रण के रूप में देखने को मिलेगा। लोगों को भी जागरूक होना होगा। - सीताराम जायसवाल, महापौर।

    परिवार नियोजन के साधनों के बारे में सभी को जानकारी दी जाती है। इसके सकारात्मक परिणाम दिख भी रहे हैं। परिवार छोटा रखने से माता के स्वास्थ्य की बेहतर देखभाल तो होती ही है ब'चों की भी ठीक से परवरिश होती है। - डा. अनामिका तिवारी, स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ।

    कोरोना संक्रमण के काल में परिवार नियोजन का महत्व लोगों से अ'छे से समझा है। परिवार नियोजन की स्थायी और अस्थायी विधियों को अपनाने वालों की संख्या बढ़ी है। काउंसलिंग कर दंपती को प्रेरित करने का उपाय भी कारगर साबित हो रहा है। - डा. सुधाकर पांडेय, सीएमओ।