गोरखपुर में दारोगा ने थामा बेघर रमेश का हाथ, मिली खोई हुई पहचान
गोरखपुर में दारोगा रोहित कुमार साहू ने बेघर और मानसिक रूप से अस्वस्थ रमेश बम्बैया की मदद की। उन्होंने रमेश के बाल कटवाए, नहलाया, नए कपड़े पहनाए और खाना खिलाया। रमेश रानीखेत का रहने वाला है और एक साल से भटक रहा है। सोशल मीडिया पर दारोगा की इस मानवीय पहल की खूब सराहना हो रही है और पुलिस रमेश के परिवार को ढूंढने में मदद कर रही है।

डोमिगनढ़ में एक वर्ष से फुटपाथ पर जिंदगी बिता रहा रानीखेत का युवक
सतीश पांडेय, गोरखपुर। डोमिनगढ़ में रविवार की दोपहर हुई छोटी सी घटना ने पूरे शहर की आत्मा को छू लिया।सड़क के किनारे भूले-बिसरे से पड़े एक बेघर, मानसिक रूप से अस्वस्थ आदमी को जब दारोगा रोहित कुमार साहू ने बाल कटवाने के बाद नहलाया, नए कपड़े पहनाए और उसके हाथों में खाना रखा तो लगा जैसे कानून नहीं, खुद इंसानियत झुककर उसे गले लगा रही हो।
दारोगा के पूछने पर युवक ने बताया कि वह रानीखेत (उत्तराखंड) का रहने वाला है। एक वर्ष से डोमिनगढ़ में मांगकर खाता है। इंटरनेट मीडिया पर यह वीडियो प्रसारित होने के बाद तिवारीपुर थाने में तैनात दारोगा की तारीफ हो रही है।
रानीखेत के गुझियाघाट निवासी रमेश बम्बैया,एक वर्ष से सड़कों पर भटकते हुए मानसिक अस्थिरता से जूझ रहे हैं।रविवार को उसी सड़क पर वह पहली बार मुस्कुराए। तिवारीपुर थाने में तैनात दारोगा रोहित कुमार साहू की निगाह जब उस थके, मैले आदमी पर पड़ी, तो शायद उनके भीतर का पुलिसकर्मी नहीं, एक मनुष्य जाग उठा।
वह आगे बढ़े, पास के नाई की दुकान पर ले जाकर उसके बाल कटवाए, साबुन-पानी से नहलाया, साफ कपड़े पहनाए और पास की दुकान पर बैठाकर चाय-नाश्ता कराया। रमेश की आंखों में अचरज था,जैसे वह पूछ रहे हों, क्या सच में अब भी कोई मुझ पर दया कर सकता है?
स्थानीय लोग कहते हैं कि रमेश अक्सर किसी 'मुखानी' नाम की महिला का ज़िक्र करते थे, जो शायद उनकी पत्नी है। कभी-कभी वह बंटी नाम के किसी भाई को पुकारते भी सुने जाते। रविवार को डोमिनगढ़ के उस मोड़ पर, जहां आमतौर पर राहगीर बस गुजर जाते हैं, किसी ने पहली बार ठहरकर देखा। इंटरनेट मीडिया पर यह वीडियो प्रसारित हुआ तो हजारों दिल भीग गए।
लोगों ने कमेंट में लिखा- सैकेड़ो लोग रोज गुजरते रहे, पर किसी ने उसकी ओर नहीं देखा, आज किसी ने उसे जीना सिखाया। इंटरनेट मीडिया के माध्यम से पुलिस अब रानीखेत के रमेश बम्बैया के परिजनों को तलाशने में जुटी है। प्रभारी निरीक्षक थाना तिवारीपुर पंकज कुमार सिंह ने बताया कि पुलिस सिर्फ अपराध से लड़ने के लिए नहीं, बल्कि इंसानियत की रक्षा के लिए भी है।
रमेश जैसे लोगों को हमारी मदद की ज़रूरत है, ताकि वे फिर से समाज की मुख्यधारा में लौट सकें। वीडियो प्रसारित होने के बाद कई लोगों का थाने के सीयूजी पर फोन आया। लोग रोहित की मदद करने के इच्छुक है। अभी वह डोमिनगढ़ में ही,कहीं जाने से मना कर रहा है। परिवार के बारे में जानकारी जुटाने के लिए रानीखेत पुलिस से भी संपर्क किया जा रहा है।
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