गोरखपुर शहर में चलेंगे केवल परमिट वाले तीन हजार ऑटो, एक जनवरी से लागू होगा जाम से बचने का यह 'मास्टर प्लान'
गोरखपुर शहर को जाम मुक्त करने के लिए यातायात पुलिस और परिवहन विभाग ने सख्ती बढ़ा दी है। 1 जनवरी से केवल परमिट वाले ऑटो ही शहर में चलेंगे, जिनकी संख्या ...और पढ़ें

ग्रामीण क्षेत्र से आने वाले वाहनों को 16 किमी परिधि के बाहर ही रोका जाएगा। जागरण
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। शहर को जाम मुक्त बनाने के लिए यातायात पुलिस और परिवहन विभाग ने सख्ती कर दी है। एक जनवरी से जिस ऑटो का परमिट शहर में चलने का होगा, सिर्फ उन्हें ही छूट मिलेगी। इसकी संख्या तीन हजार के करीब है।
ग्रामीण क्षेत्र से आने वाले ऑटो को 16 किमी परिधि के बाहर ही रोक दिया जाएगा। पहचान के लिए यातायात पुलिस अभियान चलाकर ऑटो में कोड के साथ स्टीकर लगा रही है। वहीं दूसरी तरफ तय समय सीमा पूरा हाने पर परिवहन विभाग जांच कर ग्रामीण क्षेत्र से आने वाले आटो का चालान कर रही है।
शहर में आटो और ई-रिक्शा की बढ़ती संख्या को लेकर दोनों विभाग ने इस पर निर्णय लिया है। इसके लिए संयुक्त रूप से विभागों ने पहले ऑटो एसोसिएशन के साथ बैठक की। जिसमें उन्हें खुद से निर्णय लेने के लिए कहा गया कि शहर और ग्रामीण क्षेत्र के ऑटो को वह परमिट के हिसाब से ही चलवाएं।
शहर के अंदर चलने वाले ऑटो की पहचान के लिए उन्हें स्टीकर लगाने के लिए दिया गया। लेकिन, एसोसिएशन ने इस पर कोई पहल नहीं की। इसके बाद परिवहन विभाग ने 15 दिन तो यातायात विभाग ने 31 दिसंबर तक का समय दिया। परिवहन विभाग की तरफ से दिया गया समय पूरा होने पर उनकी टीम अभियान चलाकर चालकों को चेतवानी देने के साथ चालान काट रही है।
वहीं यातायात विभाग नगर निगम में लगे पब्लिक एड्रेस सिस्टम से चालकों को यातायात कार्यालय पहुंचकर स्टीकर लगाने और तय समय की जानकारी दे रही है। इसके अलावा एसपी यातायात, सीओ यातायात और यातायात निरीक्षक के साथ अलग-अलग चौराहों पर अभियान चलाकर शहर और ग्रामीण क्षेत्र से आने वाले ऑटो का परमिट जांच रही है।
शहर का परमिट होने पर कोड लगा स्टीकर लगा रही है। वहीं ग्रामीण से आने वाले वाहन चालकों को 31 दिसंबर के बाद शहर नहीं प्रवेश नहीं करने की जानकारी दे रही है। यातायात निरीक्षक मनोज राय ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र से आने वाले ऑटो पर रोक लगने से जाम की समस्या कमी आएगी और शहरी ऑटो को 16 किमी परिधि में चलने का भरपूर मौका मिलेगा।
शास्त्री, अंबेडकर चौराहे से हटेगी भीड़
इस नियम के लागू होने से ग्रामीण क्षेत्र से आकर शास्त्री, अंबेडकर चौराहा और धर्मशाला पर खड़े होने वाले आटो की भीड़ भी कम होगी। यहां पर सिर्फ शहरी परमिट वाले आटो खड़े होंगे। जो 16 किमी शहर के अंदर चलेंगे।
वहीं ग्रामीण क्षेत्र से आने वाले आटो को नौसढ़, बरगदवा, एचएन चौराहा, कूड़ाघाट तक आने की अनुमति होगी। हालांकि स्थायी रूप से रोकने वाले स्थलों पर निर्णय नहीं लिया गया है। लेकिन, एक जनवरी से अगर ये शहर में चलते मिलेंगे तो पुलिस चालान काटने के साथ उन्हें सीज कर देगी।
रोगी को लेकर आने पर रहेगी छूट
यातायात पुलिस के अनुसार एक जनवरी से लागू इस नियम के तहत ग्रामीण से आने वाले उन आटो को नहीं रोका जाएगा, जो इमरजेंसी में या फिर रोगी को लेकर आ रहे है। इसमें भी रोगी को लेकर आने वाले चालकों से कोई पूछताछ नहीं होगी। लेकिन, इमरजेंसी बताने वाले चालकों को कारण बताना होगा। तभी उन्हें शहर के अंदर प्रवेश करने की अनुमति दी जाएगी।
काले ऑटो पर कब लगेगी रोक
परिवहन विभाग के अनुसार काले आटो पर वर्ष 2015 से रोक लगी है। फिर भी इस रंग के आटों शहर के अंदर बेरोकटोक के चल रहे है। इसमें कुछ काले रंगे के आटो सुबह और दोहपर में स्कूली बच्चों को तो कुछ सवारियों को ढोते हुए दिख रहे है। जबकि इस रंग के आटो के चलने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया गया है।
एक जनवरी से सिर्फ शहरी परमिट वाले आटो ही शहर के अंदर चलेंगे। पहचान के लिए अभियान चलाकर कोड लगा स्टीकर आटो पर लगाया जा रहा है। इसके लिए 31 दिसंबर तक का अंतिम समय दिया गया है। अब तक 600 आटो पर स्टीकर लगाया जा चुका है। जिस पर नहीं लगा है और उसके पास शहर में चलने का परमिट है, चालक यातायात कार्यालय या चौराहों पर खड़े यातायात पुलिस कर्मियों से स्टीकर लेकर लगा लें। तय समय पूरा होने पर उन्हें शहर से बाहर जाना होगा।
-राजकुमार पाण्डेय, एसपी यातायात

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