गोरखपुर में जाम की समस्या से नहीं मिला छुटकारा, सड़कों पर रहता है ठेला व गाड़ी मैकेनिकों का कब्जा
गोरखपुर शहर के बाहर जाम की समस्या से छुटकारा नहीं मिल पा रहा। इसकी बड़ी वजह है अतिक्रमण। सड़कों के दोनों तरफ मैकेनिकों का डेरा और ठेले वालों का कब्जा रहता है। यह हाल कूड़ाघाट से नौसढ़ चौराहा तक की सड़कों पर रहता है। जिसके चलते राहगीर हर समय जाम से दो-चार होते हैं। यहां अतिक्रमण विरोधी अभियान का असर नहीं दिख रहा है।
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गोरखपुर, जागरण संवाददाता। शहर के बाहर की सड़कों की सूरत तो बदल गई, पर सीरत अब भी पूर्ववत ही है। सड़कें दो लेन से चार लेन और चार लेन से छह लेन की भले बन गईं, लेकिन लोगों को जाम की समस्या से छुटकारा नहीं मिल पाया। सड़कें जितनी चौड़ी हुईं, उतनी ही चौड़ाई में ठेला, गाड़ी, मैकेनिक व गैराज वाले कब्जा जमाते चले जा रहे हैं। इससे आने-जाने वाले राहगीरों को टू-लेन व फोर-लेन की सड़कों पर ही चलना पड़ रहा है। यहां अतिक्रमण विरोधी अभियानों का भी कोई प्रभाव नहीं दिख रहा है।
दैनिक जागरण ने पड़ताल की तो इन मार्गों के दोनों किनारे पर भारी अतिक्रमण मिला। योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद कूड़ाघाट से मोहद्दीपुर और मोहद्दीपुर से पैडलेगंज तक की सड़कें दो लेन से चार लेन में बदल गईं। शहरवासियों को लगा कि अब उन्हें जाम से मुक्ति मिल जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। सड़कें चौड़ी तो हुईं, लेकिन दुकानदारों का कब्जा और बढ़ गया।
कूड़ाघाट से मोहद्दीपुर तक की दोनों पटरियों पर दुकानदारों व अस्पतालों के वाहनों का कब्जा है। बायीं लेन से जाने वाले राहगीर भी हरे सिग्नल का इंतजार करते हैं। वहीं कुछ लोग नाले पर रखे गए स्लैब पर चढ़कर किसी तरह आगे निकलते हैं। मोहद्दीपुर चौराहे पर बायीं लेन पर आटो व बस वालों का और थोड़ा आगे जाने पर दुकानों के सामने खड़े वाहनों का कब्जा रहता है। इसी तरह दाहिनी लेन पर मोहद्दीपुर चौराहे से आरकेबीके तक दुकानों के सामने वाहन खड़े रहते हैं।
छह लेन सड़क पर वाहन खड़े कर मिस्त्री करते हैं कारीगरी
पैडलेगंज से नौसढ़ तक की फोरलेन सड़क अब सिक्सलेन बन गई है, लेकिन इसकी हालत अब भी दो लेन जैसी ही है। सड़क चौड़ी करते समय कई गैराज वालों को हटाया गया और कुछ दुकानों को तोड़कर पीछे किया गया, पर जैसे ही सड़क बनकर तैयार हुई, गैराज वालों व दुकानदारों ने फिर कब्जा जमा लिया। पैडलेगंज से थोड़ा आगे नौसढ़ की तरफ करीब आधा दर्जन गैराज हैं। इनके सामने सड़क पर ही मिस्त्री वाहनों की मरम्मत करते हैं।
इसी मार्ग पर करीब एक दर्जन धुलाई सेंटर हैं, यहां भी वाहन खड़े रहते हैं। फिर सड़क पर लौट आए ठेला वालेट्रांसपोर्ट नगर से राजघाट पुल तक एक बार फिर सड़क की दोनों पटरियों पर ठेला वालों ने कब्जा जमा लिया है, जबकि कुछ दिन पहले नगर निगम की टीम ने इन्हें हटाकर एक निश्चित स्थान पर भेजा था। दोनों तरफ की पटरियों पर अतिक्रमण के कारण राहगीरों व वाहनों का चलना दुश्वार हो जाता है, इससे अक्सर जाम की स्थिति बनी रहती है। यातायात पुलिस भी मूकदर्शक बनी रहती है और लोगों को परेशानियां सहनी पड़ती हैं।

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