बीपी 140/90 तो बढ़ाएं शारीरिक श्रम वरना दवा ही विकल्प, नमक और तेल पड़ रहा भारी
गोरखपुर एम्स में हाइपरटेंशन नियंत्रण और स्वस्थ भोजन पर वेबिनार हुआ। विशेषज्ञों ने उच्च रक्तचाप को हृदय के लिए खतरा बताते हुए जीवनशैली में बदलाव व्यायाम और नमक कम खाने की सलाह दी। एएचए के मानकों पर चर्चा हुई जिसके अनुसार 130/80 से अधिक बीपी होने पर दवा शुरू कर देनी चाहिए। उच्च रक्तचाप से बचने के लिए तंबाकू छोड़ने और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने पर जोर दिया गया।

जागरण संवाददाता, गोरखपुर। रक्तचाप (बीपी) 140/90 तक पहुंच रही है तो यह हृदय पर खतरे का संकेत है। जीवनशैली में बदलाव के साथ ही कम से कम 40 मिनट व्यायाम करना ही होगा। इसमें 30 मिनट तेज गति से चलना शामिल है।
यदि बीपी इस बिंदु से ऊपर हो रही है तो दवाओं का इस्तेमाल शुरू कर देना चाहिए। समय से दवा खाने से हृदय पर दबाव कम पड़ता है। 24 घंटे में नमक अधिकतम पांच ग्राम इस्तेमाल करना चाहिए और तेल वाले खाद्य पदार्थों के इस्तेमाल से बचना चाहिए।
यह निष्कर्ष निकला एम्स में विश्व हृदय दिवस 2025 के उपलक्ष्य में आयोजित वेबिनार का। हाइपरटेंशन नियंत्रण और सभी के लिए स्वस्थ भोजन विषय पर आयोजित वेबिनार में विशेषज्ञों ने अमेरिक हार्ट एसोसिएशन (एएचए) की ओर से बीपी को लेकर बनाए गए मानकों पर चर्चा की। बताया कि एएचए ने 130/80 का मानक बनाया है। इससे ज्यादा बीपी होने पर दवाएं शुरू कर दी जाती हैं।
कार्यकारी निदेशक ने किया उद्घाटन
एम्स गोरखपुर की कार्यकारी निदेशक मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) डा. विभा दत्ता ने बेविनार का उद्घाटन किया। वेबिनार में शामिल होने के लिए देश में 356 प्रतिभागियों ने पंजीकरण कराया था। इसमें से 215 ने हिस्सा लिया।
प्रोजेक्ट हेल्दी फूड फार आल एम्स ऋषिकेश व ग्लोबल हेल्थ एडवोकेसी इन्क्यूबेटर के सहयोग से आयोजित वेबिनार के आयोजन सचिव सामुदायिक एवं परिवार चिकित्सा विभाग के सहायक प्रोफेसर डा. यू वेंकटेश रहे। संचालन डा. वरकी एनएस ने किया।
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अचार, पापड़ से भी बढ़ रही बीपी
डा. यू वेंकटेश ने बताया कि हाइपरटेंशन या उच्च रक्तचाप को साइलेंट किलर कहा जाता है। पूर्वांचल में अचार, पापड़ का भी लोग भाेजन के साथ सेवन करते हैं। इसका इस्तेमाल गलत नहीं है लेकिन शारीरिक गतिविधि न होने से यह भी नुकसानदायक होते हैं। उच्च रक्तचाप से दिल का दौरा, स्ट्रोक, गुर्दे के रोग, आंखों की रोशनी कम होने लगती है।
देश में 22 करोड़ से अधिक लोग उच्च रक्तचाप से प्रभावित हैं। इनमें से सिर्फ दो करोड़ 40 लाख लोग ही बीपी नियंत्रित कर पाते हैं। अच्छी बात यह है कि जीवनशैली में सुधार और उचित दवाओं के इस्तेमाल से इसे रोका और नियंत्रित किया जा सकता है।
यह करें
- प्रतिदिन नमक का सेवन पांच ग्राम (लगभग एक चम्मच) से कम करें।
- पैकेटबंद और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों से बचें जिनमें नमक व ट्रांस-फैट अधिक होते हैं।
- अधिक से अधिक ताजे फल, सब्जी और साबुत अनाज खाएं।
- मछली, दाल या बिना चमड़ी वाला चिकन जैसे कम वसा वाले प्रोटीन चुनें।
- रोजाना कम से कम 30 मिनट तक तेज चलने जैसी मध्यम शारीरिक गतिविधि करें।
- नियमित रूप से बीपी जांच, डाक्टर द्वारा दी गई दवाओं का पालन, वजन नियंत्रण और तनाव प्रबंधन करें।
- तंबाकू का इस्तेमाल न करें। तंबाकू छोड़ने से बीपी नियंत्रण में आने लगती है।
इन्होंने दी जानकारी
गैर-संचारी रोगों, तंबाकू नियंत्रण, नागरिक पंजीकरण व प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में नीतिगत अनुभव रखने वाले डा. ओम प्रकाश बेरा, सामुदायिक एवं परिवार चिकित्सा विभाग के अध्यक्ष व डीन रिसर्च डा. आनंद मोहन दीक्षित, डा. जुगल किशोर, डा. गौरव अरोड़ा, एम्स गोरखपुर के हृदय रोग विशेषज्ञ डा. आशुतोष प्रसाद त्रिपाठी, डा. प्रसन्ना थिरुनावुक्करासु आदि।
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