Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    UP News: तकनीक से बेनकाब हुए बदमाश, प्रदेश में 8349 घटनाओं का हुआ पर्दाफाश

    उत्तर प्रदेश में सीसीटीवी कैमरों की मदद से अपराधियों का पर्दाफाश हो रहा है। पिछले दो सालों में 8349 आपराधिक घटनाओं का खुलासा हुआ है। मेरठ और लखनऊ जोन सबसे आगे रहे जबकि गोरखपुर जोन ने भी अच्छा प्रदर्शन किया। पुलिस मुख्यालय की रिपोर्ट के अनुसार 12 लाख से अधिक कैमरों ने अपराधों को सुलझाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

    By Satish pandey Edited By: Vivek Shukla Updated: Sat, 23 Aug 2025 07:31 AM (IST)
    Hero Image
    तस्वीर का इस्तेमाल प्रतीकात्मक प्रस्तुतीकरण के लिए किया गया है। जागरण

    सतीश पांडेय, गोरखपुर। प्रदेश की सड़कों, बाजारों और गली-मोहल्लों में अब अपराधियों की आहट छिपाना आसान नहीं रहा। सीसी कैमरों की चौकस निगरानी ने बीते दो वर्षों में प्रदेश भर में 8349 आपराधिक घटनाओं का राजफाश कर दिया।

    मेरठ और लखनऊ अपराधियों पर सबसे भारी पड़े, तो गोरखपुर जोन ने भी पूर्वांचल में तकनीक की ताकत का लोहा मनवाया। मगर प्रतापगढ़ और सोनभद्र जैसे जिले इस सुरक्षा कवच का लाभ उठाने में पिछड़ गए।

    पुलिस मुख्यालय की ताजा रिपोर्ट बताती है कि 10 जुलाई 2023 से 17 अगस्त 2025 तक प्रदेश में लगे 12,45,184 सीसी कैमरों ने अपराधों की गुत्थियों को सुलझाने में अहम भूमिका निभाई। चोरी, लूट, हत्या, छेड़खानी और सड़क हादसों जैसी घटनाओं में कैमरों ने पुलिस को ठोस साक्ष्य उपलब्ध कराए।सीसी कैमरों की बदौलत सबसे चमकदार प्रदर्शन मेरठ जोन ने किया, जहां 1138 घटनाओं का खुलासा हुआ।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सहारनपुर में 225, मेरठ में 185, गाजियाबाद में 143 और मुजफ्फरनगर में 257 मामले सुलझे। वहीं, राजधानी लखनऊ जोन भी पीछे नहीं रहा। कमिश्नरेट से इतर जिलों में 917 घटनाओं का खुलासा हुआ, जो कैमरों की ताकत को बयां करता है।

    पूर्वांचल के गोरखपुर जोन ने 292 मामलों का राजफाश किया। इसमें गोरखपुर जिले से 112, देवरिया 27, महाराजगंज 23 और कुशीनगर से 38 घटनाएं शामिल हैं। वाराणसी जोन में 396, आगरा जोन में 715, कानपुर जोन में 333 और प्रयागराज जोन में 223 केस कैमरों की मदद से सुलझाए गए।

    प्रदेश के सभी जिलों में जहां तकनीक ने पुलिस की मदद की, वहीं प्रतापगढ़ और सोनभद्र की तस्वीर अलग रही। प्रतापगढ़ में केवल 9 और सोनभद्र में 15 घटनाएं ही कैमरों के सहारे सुलझ सकीं। यह साफ करता है कि इन जिलों में निगरानी तंत्र या तो सक्रिय नहीं हो पाया या फिर कैमरों की संख्या पर्याप्त नहीं है।

    कमिश्नरेट में कानपुर सबसे आगे :

    कमिश्नरेट वाले जिलों में कानपुर पुलिस सबसे आगे रही। वहां 1083 घटनाओं का खुलासा सीसी कैमरा फुटेज से हुआ। इसके अलावा गौतमबुद्धनगर में 949, वाराणसी में 817, लखनऊ में 503, गाजियाबाद में 306, आगरा में 182 और प्रयागराज में 72 मामलों का राजफाश तकनीक के सहारे हुआ।