Gorakhpur News: निलंबित अफसरों पर उठे नए सवाल, हटने के बाद नहीं दिया विभागीय मोबाइल फोन, लौटाया सिर्फ सिम कार्ड
गोरखपुर पीएसी ट्रेनिंग सेंटर में महिला रिक्रूटों के हंगामे के बाद निलंबित अफसरों पर नए आरोप लगे हैं। उन पर विभाग के मोबाइल फोन वापस न करने और खरीदारी में अनियमितता का आरोप है जिसमें लगभग 15 लाख रुपये की गड़बड़ी की आशंका है। दस्तावेजों में दिखाई गई सामग्री निरीक्षण के दौरान नहीं मिली।

जागरण संवाददाता, गोरखपुर। 26वीं वाहिनी पीएसी के ट्रेनिंग सेंटर (आरटीसी) में महिला रिक्रूटों के हंगामे के बाद निलंबित हुए अधिकारियों पर अब नई गड़बड़ियों के आरोप सामने आने लगे हैं।
सूत्रों के अनुसार, हटाए जाने के बाद भी विभाग के बजट से खरीदे गए मोबाइल फोन लौटाने में आनाकानी कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि उन्होंने सिर्फ सिमकार्ड लौटाया है। जब नए अफसर ने सख्ती दिखाई, तब जाकर पुराने अफसर ने मोबाइल फोन लौटाया वह भी दूसरा है।
उधर, विभागीय खरीद की जांच के दौरान तकरीबन 15 लाख रुपये की हुई खरीदारी सवालों के घेरे में आ गई। दस्तावेजों में जिन सामग्रियों की खरीद दिखाई गई, निरीक्षण के दौरान उसमें से कई नहीं पाए गए ऐसे में खरीद प्रक्रिया और भुगतान को लेकर गंभीर अनियमितताओं की आशंका जताई जा रही है।
आशंका जताई जा रही है कि आरटीसी में अव्यवस्था फैली थी। बुधवार को ट्रेनिंग में अव्यवस्था व अमानवीय व्यवहार का आरोप लगाकर महिला रिक्रूटों ने पीएसी परिसर में हंगामा किया था।
गंभीरता से लेते हुए पुलिस मुख्यालय ने डीआईजी पीएसी अरुण कुमार श्रीवास्तव को जांच सौंपी है। जांच के दौरान जो सबसे गंभीर पहलू सामने आया, वह है 15 लाख रुपये से अधिक की खरीदारी।
आशंका जताई जा रही है कि बिना खरीदारी के या तो भुगतान कर दिया गया या सामान कहीं और है। सूत्रों का कहना है कि जांच पूरी होने के बाद दोषी पर विभागीय कार्रवाई के साथ ही मुकदमा भी दर्ज कराया जा सकता है।
प्रेग्नेंसी जांच को पत्र लिखने की भी हो रही छानबीन
पुलिस प्रशिक्षण केंद्र (पीटीएस) में महिला रिक्रूटों की जबरन प्रेग्नेंसी जांच का मामला भी तूल पकड़ चुका है। अब इस पूरे प्रकरण की जांच तेज हो गई है। पीटीएस के डीआईजी रोहन पी कनय को हटाया जा चुका है।
चर्चा है कि उनके विरुद्ध भी जांच बैठा दी गई।उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती 2023 में चयनित महिला सिपाहियों के प्रशिक्षण के पहले ही दिन गोरखपुर के पीटीएस केंद्र में विवाद खड़ा हो गया था, जब डीआईजी रोहन पी कनय ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) को पत्र भेजकर सभी महिला रिक्रूटों की प्रेग्नेंसी जांच कराने को कहा था।
पुलिस मुख्यालय से पूछताछ करने पर तत्काल आदेश वापस ले लिया गया लेकिन 200 से अधिक रिक्रूट की जांच हो चुकी थी। बताया जा रहा है कि इस पूरे प्रकरण की जांच आइजी ट्रेनिंग को सौंपी गई है।
चर्चा है कि पीटीएस से हटाकर पुलिस मुख्यालय अटैच किए गए डीआईजी ने भी बजट का दुरुपयोग किया है। पीटीएस में निर्माण कार्य के लिए आए बजट का उपयोग उनके सिविल लाइंस स्थित सरकारी आवास की मरम्मत और साज-सज्जा में किया गया। इस मामले की भी गोपनीय जांच शुरू हो चुकी है।
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