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    Gorakhpur News: मकान की नींव की मिट्टी हटने से दहशत में लोग, गोड़धाेइया नाले की खुदाई ने बढ़ाई लोगों को मुसीबत

    गोरखपुर के राजनगर इलाके में गोड़धोइया नाले की खुदाई से मकान जर्जर हो गए हैं जिससे लोग दहशत में हैं। जल निगम की टीम मिट्टी भरकर मकानों को सुरक्षित करने में लगी है। स्थानीय लोगों ने जल निगम पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि खुदाई के बाद मिट्टी ठीक से नहीं भरी गई जिससे मकानों में दरारें आ रही हैं और पानी घुस रहा है।

    By Jagran NewsEdited By: Vivek Shukla Updated: Thu, 19 Jun 2025 01:42 PM (IST)
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    मिट्टी निकालकर मकान के किनारे डालते हुए कर्मचारी। जागरण

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। काफर डैम तोड़कर गोड़धोइया नाला में पानी खोले जाने के बाद शक्तिनगर और राजनगर कालोनी के लोग मकान की नींव दिखने से दहशत में हैं। मंगलवार की रात किसी तरह लोगों ने अपने मकानों में रात बिताई। सुबह किसी तरह से बाहर निकले। हालांकि जल निगम की टीम मिट्टी डालकर मकानों को सुरक्षित करने में जुटी रही।

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    दरअसल मंगलवार को गोड़धोइया नाले में बनाए गए काफर डैम को तोड़ने के बाद शक्तिनगर व राजनगर इलाके के कई मकानों में पानी घुस गया था। इसका लोगों ने काफी विरोध किया था। लोगों का आरोप था कि इससे मकान की दीवार में दरार पड़ने के साथ फर्श टूटकर गिरने लगी।

    लोगों ने ठेकेदार व जल निगम के अधिकारियों के खिलाफ हंगामा कर प्रर्दशन किया था। बुधवार को जल निगम के अधिकारी व ठेकेदारों ने जेसीबी मशीन लगाकर नाले की सफाई कराई जिससे पानी का बहाव तेजी से हुआ तो लोगों ने चैन की सांस ली। इसके अलावा जल निगम ने जेसीबी लगाकर मकानों के किनारे मिट्टी भरा।

    राजनगर इलाके में जर्जर हुए मकान में अब भी रह रहे कई परिवार। जागरण


    हालांकि मोहल्ले वासियों का कहना था कि मिट्टी भरने में लापरवाही की जा रही है। शक्तिनगर की निर्मला शर्मा ने कहा कि नाले की खुदाई के दौरान मिट्टी निकाली, लेकिन बाद में इसे ठीक ठीक ढंग से नहीं भरा गया। इस वजह से मकान क्षतिग्रस्त हो रहे हैं। पानी घर में घुस जा रहा है।

    शक्तिनगर माेहल्ले की सुधा सिंह ने कहा कि पानी अचानक छोड़ने से घर में तथा सड़क पर पानी लग गया था जिसकी वजह से बच्चे स्कूल नहीं जा सके। शक्तिनगर के राजेश कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि गोड़धोइया नाले का पानी खोलने से मकान के अंदर पानी घुटने से ऊपर आ गया। रात भर मकान में कैद रहे सुबह किसी तरह बाहर निकल सके। शक्तिनगर के अरुण सोलमन ने कहा कि मकान की दीवार जगह-जगह फट गई है।जल निगम के अधिकारी से शिकायत करने पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है।

    अधिकांश लोगों को अनुग्रह राशि दी जा चुकी है। उनके द्वारा दिए गए शपथ पत्र के अनुसार उन्हें घर भी खाली करना है। लेकिन कुछ लोगों के द्वारा घर खाली नहीं किया जा रहा है। हालांकि इसके बावजूद काफर डैम तोड़े जाने के बाद हुए जलभराव को तत्काल दूर करने की कवायद शुरू कर दी गई। दोपहर तक सभी काफर डैम को तोड़कर जलभराव को दूर कर दिया गया। अब पानी सुचारू रूप से निकल रहा है। -पंकज कुमार, अधिशासी अभियंता, जल निगम

    तोड़े गए गोड़धोइया नाले के सभी काफर डैम उतरा जलस्तर

    मानसून के पहले जल निगम ने गोड़धोइया नाले का निर्माण बंद कर दिया है। इसके साथ ही निर्माण के दौरान कालोनियों से आने वाले नालों के पानी को रोकने के लिए काफर डैम बनाए थे। पिछले कुछ दिनों से इन डैम को तोड़ने का काम किया जा रहा था। बुधवार को सभी काफर डैम को तोड़ने का काम पूरा कर लिया गया। साथ ही गोड़धोइया नाला परियोजना के तहत रामगढ़ ताल में लगाए गए सभी स्लुइस गेट खोल दिए।

    रामगढ़ ताल का पानी देवरिया बाईपास रोड पाम पैराडाइज के साथ बने नाले से मलौनी बांध पर बनाए गए तरकुलानी रेगुलेटर की ओर चला गया। गोड़धोइया नाला निर्माण के दौरान जहां जहां 47 काफर डैम बनाए गए थे, उन सब के तोड़े जाने बाद भी 40 की संख्या में पोकलेन और जलनिगम के स्टाफ तैनात हैं। ताकि पानी का प्रवाह न रुके और तत्काल नाले की सफाई हो जाए

    लोगों ने डीएम और मुख्यमंत्री को ज्ञापन देकर की शिकायत

    राजनगर निवासी रंजित सिंह के नेतृत्व में स्थानीय लोगों ने बुधवार को जिलाधिकारी कार्यालय और मुख्यमंत्री को आईजीआरएस के जरिए शिकायत की। आरोप लगाया कि नाले की जद में आ रहे जमीन की रजिस्ट्री बैनाम संबंधित विभाग को कर दिया। खोदाई शुरू हुई तो किसी का बचा हुआ मकान क्षतिग्रस्त होने की आशंका के मद्देनजर संंबंधित विभाग ने अनुग्रह राशि भी दी।

    सभी से शपथ पत्र भी लिया कि नाले के निर्माण हो जाने के बाद मकान व भूमि भूस्वामी का ही होगा। नाले की खोदाई से नाले और मकान के बीच में जो खाली जमीन थी उसको लेवल तक भरने का काम संबंधित विभाग ने नहीं किया।

    बुधवार को खजांची बाईपास से काफर डैम तोड़ा गया तो जिससे नाले का पानी तीन फीट ऊपर आ गया। इससे उनका और दूसरों का मकान कभी भी गिर सकता है। कई जीवन तबाह हो सकते हैं। मांग की कि जिम्मेदार जल निगम कर्मचारियों पर एफआईआर दर्ज कराया जाए।