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    Presidents Visit Gorakhpur: ऐतिहासिक मिसाल से सजा योगी का स्वर्णिम कार्यकाल, राष्ट्रपति का दौरा विकास कार्यों का प्रमाण

    By Jagran NewsEdited By: Vivek Shukla
    Updated: Thu, 03 Jul 2025 07:36 AM (IST)

    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से गोरखपुर अब विकास की धुरी बन गया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का हालिया दौरा इस बात का प्रमाण है कि शहर का महत्व बढ़ गया है। योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर को सिटी ऑफ नॉलेज और चिकित्सा की नगरी के रूप में स्थापित किया है। राष्ट्रपति का यह दौरा गोरखपुर के सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पुनरुत्थान का प्रतीक है।

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    एयरपोर्ट पर राष्ट्रपति का स्वागत करते मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ साथ में राज्यपाल आनंदी बेन पटेल। सौ.सूचना विभाग

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। राजनीतिक रैलियों को छोड़ दें तो राजनेता जिस गोरखपुर का रुख करने से कतराते थे, अब उसी शहर के लोग राष्ट्र के सर्वोच्च पद पर आसीन शख्सियत का स्वागत करके इतराते हैं। बतौर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ न केवल दशकों तक उपेक्षित पूर्वांचल को मुख्यधारा में ले आए, बल्कि गोरखपुर को इसके विकास की धुरी बनाया।

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    योग और अध्यात्म की धरा विकास की आभा से इस तरह चमकी की सात वर्ष के बीच चार बार महामहिम का काफिला यहां खिंचा चला आया। आज यह बात हर चौक-चौराहे पर हो रही है। यहां के लोग निहाल हैं और अब तक चार बार राष्ट्रपति के शहर आगमन को योगी के स्वर्णिम कार्यकाल की ऐतिहासिक मिसाल बता रहे हैं।

    30 जून को एम्स के दीक्षा समारोह और एक जुलाई को आयुष विश्वविद्यालय के लोकार्पण सहित अन्य कार्यक्रमों में शामिल होने राष्ट्रपति यहां आईं, तो उसकी पृष्ठभूमि में मुख्यमंत्री के अथक प्रयास हैं। अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष एवं दवा विक्रेता समिति के महामंत्री आलोक चौरसिया इन प्रयासों को रेखांकित करते हुए कहते हैं कि देश में अपने तरह का अनोखा आयुष विश्वविद्यालय गोरखपुर में शुरू करने की सोच, मुख्यमंत्री की दूरदर्शिता का प्रत्यक्ष प्रमाण है, तो एम्स गोरखपुर में खुले इसके लिए योगी आदित्यनाथ का सड़क से लेकर सदन तक संघर्ष किसी से छिपा नहीं है।

    वैश्विक मानकों के इन संस्थानों के जरिये उन्होंने गोरखपुर को सिटी आफ नालेज के साथ चिकित्सा की नगरी का रूप दे दिया है। ऐसे में गोरखपुर के प्रति आकर्षण बढ़ना स्वाभाविक है। योगी के नेतृत्व में हो रहे गोरखपुर के चतुर्दिक विकास से व्यापारी उत्साहित हैं और इसके सुफल में महामहिम का स्वागत कर आह्लादित।

    गुरु कृपा संस्थान के संस्थापक महासचिव बृजेश राम त्रिपाठी कहते हैं कि राजनीतिक उपेक्षा के चलते गोरखपुर की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक चमक फीकी पड़ गई थी। लेकिन, योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री बनने के बाद इसको पुन: प्रतिष्ठित करने का काम किया।

    गोरखनाथ मंदिर में गाय को गुड़ खिलाते राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, साथ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ। जागरण आर्काइव


    सांस्कृतिक पुनर्जागरण के उनके अभियान का प्रभाव रहा कि 10 दिसंबर, 2018 को तत्कालीन राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के संस्थापक सप्ताह समारोह में आए। 28 अगस्त, 2021 को आयुष विश्वविद्यालय का शिलान्यास करने का योगी आदित्यनाथ ने आमंत्रण दिया तो तत्कालीन राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने उसे स्वीकार किया।

    दोनों बार उन्होंने जिस तरह से राष्ट्रपति को यहां की सांस्कृतिक विरासत से परिचित कराया, उसी का परिणाम उन्हें तीसरी बार गीताप्रेस के शताब्दी समारोह के लिए चार जून, 2022 को एक बार फिर यहां खींच लाया। राम नाथ कोविन्द को गोरखनाथ मंदिर ले जाकर उन्हें योग और नाथ पंथ की समृद्ध परंपरा से परिचित कराने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पांच जून, 2022 को उन्हें संतकबीर की परिनिर्वाण स्थली मगहर भी ले गए।

    यहां की सांस्कृतिक-आध्यात्मिक आभा और दमकी जब इस बार दो दिवसीय प्रवास पर आईं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु दो बार गोरखनाथ मंदिर पहुंची और दर्शन-पूजन, प्रसाद लेने के साथ वहां गीताप्रेस के प्रतिनिधि मंडल से भेंट भी की।