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    गोरखपुर दोहरे हत्याकांड की सुलझेगी गुत्थी, नार्को टेस्ट के लिए कोर्ट से मिली अनुमति

    Updated: Thu, 14 Aug 2025 10:14 AM (IST)

    गोरखपुर के शिवपुर चकदहा में मां-बेटी की हत्या की गुत्थी जल्द सुलझ सकती है। चौरी चौरा पुलिस को नार्को टेस्ट की अनुमति मिल गई है और संदिग्धों से सच उगलवाने की कोशिश की जा रही है। पुलिस ने कई लोगों से पूछताछ की है और अब नार्को टेस्ट से मामले का पर्दाफाश होने की उम्मीद है। गड़ासे से मारकर हत्या की गई थी।

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    29 मार्च को सोते समय मां-बेटी की हुई थी हत्या। जागरण (फाइल फोटो)

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। शिवपुर चकदहा में मां-बेटी की हत्या की अनसुलझी गुत्थी अब सुलझ जाएगी। चौरी चौरा पुलिस के प्रार्थना पत्र पर कोर्ट ने नार्को टेस्ट की अनुमति दे दी है। समय के लिए मुख्यालय से पत्राचार भी हो गया है।

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    समय मिलते ही चार संदिग्धों का टेस्ट कराकर उनसे सच उगलवाने की कोशिश होगी। साढ़े चार महीने पहले हुई इस घटना में पुलिस ने अब तक कई के सीडीआर निकलवाए, 100 से अधिक लोगों से पूछताछ की। लेकिन, असली आरोपित को पकड़ने में कामयाब नहीं हुई।

    चौरीचौरा के शिवपुर चकदहा में 29 मार्च की देर रात सोते समय पूनम और उसकी बेटी अनुष्का की हत्या कर दी गई थी। बड़ी बेटी खुशबू की नामजद तहरीर पर पुलिस ने एक को जल भी भेजा था, जो जमानत पर बाहर आ गया है। लेकिन, पुलिस को इस घटना में अन्य आरोपितों के होने की आशंका थी। जिसके क्रम में जांच करते हुए पुलिस ने 100 से अधिक लोगों से पूछताछ की।

    50 संदिग्धों का सीडीआर निकलवाया। कई को हिरासत में लेकर सख्ती से पूछताछ की, साक्ष्य नहीं मिलने पर उन्हें छोड़ना पड़ा।

    इस पूरे जांच के दौरान पुलिस को चार लोगों पर घटना में शामिल होने की ज्यादा आशंका हुई। पुलिस ने चारों से पूछताछ भी की, लेकिन कुछ ऐसा नहीं मिला, जिससे घटना का पर्दाफाश हो सके। इसके बाद पुलिस ने नार्को टेस्ट कराने का फैसला लिया। एसपी नार्थ ने बताया कि नार्को टेस्ट की प्रक्रिया चल रही है, समय मिलने के बाद जल्द ही केस का पर्दाफाश कर लिया जाएगा।

    गड़ासे से मारकर हुई थी हत्या

    29 मार्च को भोजन करने के बाद पूनम अपनी छोटी बेटी अनुष्का के साथ घर के बरामदे में सोई हुई थी। रात 1:30 बजे के करीब कुछ लोगों ने गड़ासे से मारकर दोनों की हत्या कर दी। सूचना पर पहुंची चौरीचौरा पुलिस ने घटना स्थल की छानबीन की थी। तब पूनम का एंड्रायड मोबाइल फोन भी वहां नहीं मिला था।

    जांच में पता चला था कि घटना को अंजाम देने के बाद आरोपित पूनम का मोबाइल लेकर भाग गए थे। वहीं घर में मौजूद बड़ी बेटी खुशूबू को आरोपितों ने दूसरे कमरे में बंद कर दिया था। पुलिस की पूछताछ में खुशबू ने बताया कि उसने कमरे के दरवाजे के छेद से आरोपितों को देखा था।

    उसकी तहरीर पर चौरीचौरा पुलिस ने गांव के एक परिवार के पिता और दो पुत्रों को नामजद और दो अज्ञात पर केस दर्ज किया। इसके बाद एक नामजद को जेल भेजा था। इस घटना के कुछ दिनों बाद पुलिस ने पूनम का मोबाइल फोन खेत से बरामद किया था। लेकिन, घटना में प्रयोग किया गया धारदार हथियार अभी तक बरामद नहीं हो सका है।