ट्रेनों के टायलेट की छत तोड़ बिहार भेजी जा रही शराब, तस्करों की करतूत से रेलवे का यांत्रिक विभाग परेशान
गोरखपुर से बिहार जाने वाली ट्रेनों के टायलेट में शराब छिपाकर तस्करी की जा रही है। तस्कर टायलेट की छत तोड़कर या चादरों को ढीला कर शराब छुपाते हैं जिससे रेलवे का यांत्रिक विभाग परेशान है। सबसे ज्यादा शिकायतें गोरखपुर-संबलपुर मौर्य एक्सप्रेस में आ रही हैं जहां बिहार के स्टेशनों पर शराब उतारी जाती है। रेलवे सुरक्षा बल और राजकीय रेलवे पुलिस की सतर्कता पर सवाल उठ रहे हैं।

प्रेम नारायण द्विवेदी, गोरखपुर। गोरखपुर से ट्रेनों के टायलेट में छिपाकर शराब बिहार भेजी जा रही है। तस्कर बिहार जाने वाली ट्रेनों के टायलेट की छत तोड़ दे रहे हैं। उनकी करतूत के चलते कई बार पानी की पाइप भी टूट जाती है, जिससे कोचों में पानी नहीं भर पाता। गंदगी फैलने से टायलेट भी चोक हो जाता है। तस्करों की करतूत से रेलवे का यांत्रिक विभाग परेशान है। विभागीय क्षति संग यात्रियों की मुश्किलों का संज्ञान लेते हुए यांत्रिक विभाग के अधिकारियों ने सुरक्षा विभाग समेत रेलवे प्रशासन को प्रकरण की जानकारी दी है।
इस सूचना की तह में जाने पर पता चला कि सर्वाधिक शिकायतें गोरखपुर-संबलपुर मौर्य एक्सप्रेस में आ रही हैं। तस्कर इस ट्रेन के माध्यम से बिहार के छोटे-बड़े सभी स्टेशनों तक शराब के साथ मादक पदार्थ भी पहुंचा रहे हैं। उनका रैकेट गोरखपुर से लेकर बिहार के हर स्टेशनों पर सक्रिय है, जो ट्रेन के रुकते ही निर्धारित स्थल से शराब उतार लेता है।
दूसरी तरफ यांत्रिक विभाग द्वारा यह मामला उठाने से ट्रेनों की सुरक्षा में सतर्क होने का दावा करने वाली रेलवे सुरक्षा बल और राजकीय रेलवे पुलिस की सक्रियता पर सवाल खड़े हो रहे हैं। तस्करों को वातानुकूलित कोचों के टायलेट अधिक भा रहे हैं। वे छत नहीं टूटने पर नट ढीला कर लोहे की चादरों को फैला देते हैं, जिसमें शराब पूरी तरह सुरक्षित हो जाती है। कर्मचारियों की मिलीभगत से एसी कोचों में बर्थ के नीचे, बेडरोल पैकेट के नीचे और पेंट्रीकार में भी शराब की पेटियां रख देते हैं। गोरखपुर में तस्कर जिस कोच व टायलेट में शराब रखे रहते हैं, उसकी सूचना आगे के स्टेशनों तक पहुंचा देते हैं।
मौर्य एक्सप्रेस गोरखपुर से चलकर 52 स्टेशनों पर रुकते हुए 31:25 घंटे में संबलपुर पहुंचती है। यात्रा में सर्वाधिक बिहार के स्टेशन पड़ते हैं। ट्रेन के स्टेशन पर पहुंचते ही मौके पर मौजूद तस्कर शराब उतार लेते हैं, जिसे बिहार में ऊंची कीमत पर बेचा जाता है।
सड़क पर सख्ती से ट्रेन का रुख
बिहार में शराब पर पूरी तरह प्रतिबंध है। दूसरे प्रदेश से भी शराब ले जाने पर प्रतिबंध है। इसके लिए सीमा मार्गों पर नियमित चेकिंग होती है। इसके चलते तस्कर ट्रेन में शराब छिपाकर अपना खेल खेल रहे हैं। दूसरी ओर इनके चलते आए दिन रेलवे का नुकसान तो हो ही रहा, कोचिंग डिपो में मौर्य एक्सप्रेस की धुलाई, सफाई और मरम्मत में अतिरिक्त समय लग जा रहा है। इसके चलते ट्रेनें भी लेट हो रही हैं। यात्रियों की परेशानी लगातार बढ़ती ही जा रही है।
मानव और शराब तस्करी के विरुद्ध लगातार अभियान चलता रहता है। पकड़े जाने पर नियमानुसार कार्रवाई होती है। अगर इस तरह की शिकायत है तो जांच कराई जाएगी। ट्रेन और कोचों की निगरानी के लिए स्पेशल टीम गठित होगी। पकड़े जाने पर कार्रवाई होगी। - दशरथ प्रसाद, प्रभारी निरीक्षक, आरपीएफ पोस्ट- गोरखपुर
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