Gorakhpur News: त्योहारों से पहले किशमिश, नारियल के दाम बढ़े; इस वजह से आवक हुई कम
गोरखपुर में त्योहारों से पहले किशमिश और नारियल गोला के दामों में भारी तेज़ी आई है कीमतें दोगुनी तक बढ़ गई हैं। नासिक में अंगूर की फसल खराब होने से किशमिश की आवक कम है जबकि नारियल किसानों को उचित दाम न मिलने से आवक घटी है। अखरोट बादाम और पिस्ता के दामों में भी इज़ाफ़ा हुआ है। मखाने के दाम भी आसमान छू रहे हैं।

जागरण संवाददाता, गोरखपुर। त्योहार से पहले किशमिश के दाम में तेजी आ गई है। वहीं, गरी गोला के भाव भी बढ़ गए हैं। अगस्त में रक्षाबंधन व श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व हैं। इससे पहले ही किशमिश व नारियल गोला की कीमतों में तेजी देखी जा रही है। एक माह पहले इन दोनों की कीमतों में डेढ़ से दोगुणा तक उछाल आया है।
थोक बाजार में किशमिश 250 से 300 रुपये प्रति किग्रा के भाव है। जबकि फुटकर में 350 से 500 रुपये प्रति किलो तक बिक रहा है। इसी तरह थोक बाजार में 300 से 350 रुपये प्रति किग्रा बिकने वाला नारियल गोला फुटकर बाजार में 480 से 500 रुपये तक पहुंच गया है। उधर पहले 1400 रुपये प्रति किग्रा तक बिकने वाला अखरोट गिरी इस समय 1800 के भाव बिक रहा है।
बाजार में नासिक की किशमिश अच्छी मानी जाती है। इस बार वहां अंगूर की फसल प्रभावित रहीं है, इसलिए नासिक में किशमिश का उत्पादन कम हुआ है। मंडी में आवक कम होने से किशमिश के भाव में तेजी आई र्ह। इसी तरह नारियल की आवक केरल, कर्नाटक व तमिलनाडु से होती है। गत तीन से चार वर्षो से किसानों को इस फसल से घाटा हो रहा था। इसलिए उनका मोहभंग हो गया और वे हरा गोला बाजार में बेचने में रुचि ले रहे हैं।
वर्ष 2023 में दीपावली पर 100 से 125 रुपये किलो थोक बाजार में गोला बिका था। जबकि 2024 में इस त्योहार पर गोला 240 रुपये प्रति किग्रा बिका। जून के पहले सप्ताह तक भाव में उतनी तेजी नहीं थी। जैसे ही मंडी में गोला की आवक कम हुई है। कीमतों में वृद्धि हो हो गई है।
क्या कहते हैं कारोबारी
किशमिश के बड़े कारोबारी गिरीश भाटिया ने बताया कि नासिक में अंगूर की फसल हर साल की अपेक्षा इस बार 50 प्रतिशत कम रही है। किशमिश का पुराना स्टाक भी खत्म हो चुका है। उधर मार्च में रजमान पड़ जाने से अंगूर की खपत बढ़ गई थी।
किसानों ने अंगूर बेचकर खूब मुनाफा कमाया। इस वजह से किशमिश की सबसे बड़ी मंडी महाराष्ट्र के सांगली में किशमिश कम तैयार हुआ, जो भाव में तेजी का प्रमुख कारण है। अभी फिलहाल तेजी बरकरार रहने की उम्मीद है।
गोलघर स्थित ड्राईफ्रूट विक्रेता निकुंज टेकड़ीवाल ने बताया कि पिछले कई वर्ष से किसानों को गरी गोला के भाव ठीक नहीं मिल रहे थे। इस कारण उनका इससे मोहभंग हो गया और उन्होंने मुनाफा के चक्कर में कच्चा नारियल बाजार में उतार दिया। मंडी में आवक कम होते ही भाव में तेजी आ गई। यहां तक 400 रुपये प्रति किग्रा बिकने वाला गरी का बुरादा भी 550 रुपये बिक रहा है।
अभी भी फुटकर में मखाना 1300 रुपये प्रति किग्रा के पार
पिछले छह माह से मखाना में अभी भी तेजी बरकरार है और भाव 1300 रुपये के पार है। हालांकि कारोबारियों का कहना है कि बिहार में इस बार मखाने की फसल अच्छी हुई है। इसलिए एक दो सप्ताह में भाव में कमी की उम्मीद है।
मामरा बादाम, पिस्ता व खजूर के भाव में भी तेजी बरकरार
इजरायल-ईरान युद्ध के कारण मामरा बादाम, पिस्ता व खजूर के भाव में अभी भी तेजी बरकरार है। आवक प्रभावित होने से मामरा बादाम के मूल्य प्रति किग्रा 300 से 400 रुपये की तेजी है वहीं, खजूर के मूल्य प्रति किग्रा 50-100 रुपये तक बढे हैं। इसी तरह पिस्ता में भी 40 से 50 रुपये प्रति किग्रा का अंतर आया है।
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