कागज देखने के लिए रोकी पिकअप गाड़ी, तलाशी में मिला सामान देख उड़ गए होश… असली-नकली का फर्क करने में चकरा गई पुलिस
गोरखपुर के तिवारीपुर में पुलिस ने एक पिकअप गाड़ी से भारी मात्रा में नकली चाय पत्ती बरामद की। यह चाय पत्ती ब्रुक बॉन्ड के नाम से बेची जा रही थी। जांच में पता चला कि पैकेट की प्रिंटिंग खराब है और सीलबंद भी ठीक से नहीं है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

जागरण संवाददाता, गोरखपुर। कागज देखने के लिए तिवारीपुर थाना की पुलिस ने जिस पिकअप को रोका था, उसमें नकली चाय की पत्ती का जखीरा मिला है। कागज न मिलने पर पुलिस ने खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन को सूचना दी तो जांच शुरू हुई।
44 हजार दो सौ पैकेट में नकली चाय की पत्ती भरी मिली। नकली चाय बिकने में कोई दिक्कत न हो इसके लिए नकली चाय को ब्रुक बॉन्ड ब्रांड के ताजा चाय की पत्ती के पैकेट में भरा गया था।
10-10 रुपये के यह पैकेट आसानी से बाजार में बिक जाते हैं। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने दो दिन तक चली जांच के बाद चाय की पत्ती को नकली पाया और नमूने लेकर जांच के लिए भेजा है।
वाहन चालक से पुलिस को नकली चाय की पत्ती मंगाने वाले का मोबाइल फोन नंबर मिला है। सूत्रों का कहना है कि नकली चाय की पत्ती की बिक्री के इस कारोबार में कई नामी व्यापारी भी शामिल हैं। जांच में इनकी संलिप्तता की पुष्टि तय है।
सहायक आयुक्त खाद्य डाॅ. सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि तिवारीपुर पुलिस ने शनिवार रात एक पिकअप को जांच के लिए रोका था। पिकअप का चालक कोई कागजात नहीं दिखा सका तो पुलिस को शक हुआ।
सूचना पर रविवार को खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन के नागेंद्र चौधरी, कमल नारायण और विजयनंद को भेजा गया। प्रथम दृष्टया पैकेट को देखकर कोई शक भी नहीं कर सकता है। बहुत ध्यान से देखने पर पता चला कि ताजा चाय की पत्ती का हुबहू पैकेट तैयार किया गया है।
पैकेट के पिछले हिस्से में वजन, निर्माण व एक्सपायरी तिथि देखने पर स्पष्ट हो गया कि कुछ गड़बड़ है। असली पैकेट मंगाया गया तो इस हिस्से पर प्रिंटिंग स्पष्ट थी, लेकिन नकली चाय की पत्ती के पैकेट पर प्रिंटिंग बहुत खराब थी।
असली पैकेट पर प्रिंट लेजर प्रिंटर से था, लेकिन नकली पर हुआ प्रिंट हाथ से रगड़ने पर मिट जा रहा है। असली चाय की पत्ती का पैकेट चारों तरफ से मशीन से सीलबंद था लेकिन नकली का सिर्फ तीन तरफ से। पैकेट का वजन 30 ग्राम है।
गोपालगंज में आता है पैकेट
पिकअप के चालक ने बताया कि बिहार के गोपालगंज में एक वाहन से चाय की पत्ती का पैकेट आता है। वाहन से उतारकर इसे पिकअप पर रखा जाता है। इसके बाद पिकअप लालडिग्गी लेकर आता हूं। यहां पहले से दिए गए मोबाइल नंबर पर फोन करता हूं।
बात होने के बाद वाहन से लोग आते हैं और चाय की पत्ती उतारकर लेकर चले जाते हैं। सोमवार को देवरिया के गौरी बाजार निवासी अश्वनी यादव ने तिवारीपुर थाना पहुंचकर पिकअप को अपना बताया। उन्होंने कहा कि मुझे पिकअप में नकली चाय की पत्ती होने की जानकारी नहीं है।
24 बोरी में रखी मिली चाय की पत्ती
पिकअप पर नकली चाय की पत्ती 24 बोरियों में रखी थी। टीम ने इसको खोलकर सामान्य पानी में डाला तो रंग छूटने लगा। असली चाय की पत्ती गर्म पानी से ही रंग छोड़ती है। इससे पहले नौसढ़ में भी भारी मात्रा में चाय की पत्ती मिली थी।
इसमें जूते को पॉलिश करने वाला रंग मिलाया गया था। इस मामले में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन वाद दायर कर चुका है। इसके बाद धर्मशाला में चाय की दुकानों में नकली चाय की पत्ती का इस्तेमाल होते मिला था।
हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड की कंपनी ब्रुक बांड ताजा ब्रांड नाम से चाय बनाती है। कंपनी के प्रतिनिधि ने भी जब्त चाय की पत्ती को नकली बताया है। कंपनी एफआईआर दर्ज करा रही है। नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं। बाजार में एक्सपायरी खाद्य पदार्थों की डेट बदलकर बिक्री करने के भी मामले लगातार मिल रहे हैं। नकली चाय की पत्ती की खरीद-बिक्री की गोपनीय जांच कराई जा रही है। इस कार्य के बड़े पैमाने पर होने से इनकार नहीं किया जा सकता। इसे हर हाल में रोका जाएगा।
-डाॅ. सुधीर कुमार सिंह, सहायक आयुक्त
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