Gorakhpur News: मुठभेड़ में पकड़े गए थे जंगल में लूट करने वाले डायना गैंग के बदमाश, जेल से छूटने ही वारदात को दिया अंजाम
गोरखपुर के कुसम्ही जंगल में पुलिस और डायना गैंग के बदमाशों के बीच मुठभेड़ हुई। पुलिस ने दंपती से लूटपाट करने वाले दो बदमाशों को गिरफ्तार किया है। बदमाशों ने 15 अगस्त को एक दंपती को धमकाकर उनसे पैसे लूटे थे। पुलिस ने बदमाशों के पास से हथियार भी बरामद किए हैं। दोनों बदमाशों को जेल भेज दिया गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

जागरण संवाददाता, गोरखपुर। कुसम्ही जंगल में दंपती से लूटपाट करने वाले बदमाशों को एम्स थाना पुलिस ने मुठभेड़ में पकड़ा था।डायना गैंग के रहने वाले बदमाशों के कब्जे से तमंचा व कारतूस मिला।थानेदार ने इनके विरुद्ध हत्या की कोशिश,आम्र्स एक्ट का मुकदमा दर्ज कराया है।मंगलवार को दोपहर बाद दोनों को न्यायालय में पेश किया जहां से जेल भेज दिया गया।
एसपी सिटी अभिनव त्यागी ने बताया कि 15 अगस्त को झंगहा क्षेत्र के रहने वाले दंपती घूमने के लिए कुसम्ही जंगल स्थित विनोद वन पहुंचे थे। इसी दौरान बदमाशों ने उन्हें प्रेमी-प्रेमिका बताकर मोबाइल से वीडियो बनाया और प्रसारित करने की धमकी दी।
वादी का गमछे से गला दबाकर जेब में रखे 1400 रुपये छीने लिए।पत्नी को डराकर उसका मोबाइल नंबर ले लिया गया। बाद में घर पहुंचने पर भी आरोपितों ने फोन कर वीडियो प्रसारित करने की धमकी देते हुए रुपये मांगे थे।17 अगस्त को एम्स थाना पुलिस ने पीड़ित की शिकायत पर मुकदमा दर्ज किया।
सर्विलांस की मदद से छानबीन करने पर सोमवार को पता चला कि आरोपित जंगल क्षेत्र में मौजूद हैं। दबिश देने पहुंची पुलिस को देख बदमाशों ने फायरिंग शुरू कर दी।जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने घेराबंदी कर दोनों को दबोच लिया। पकड़े गए बदमाशों की पहचान अभिषेक राजभर निवासी कुसम्ही कोठी और अरुण यादव निवासी चौरीचौरा रौतनिया के रूप में हुई।
एसपी सिटी अभिनव त्यागी ने बताया कि अभिषेक पर 15 और अरुण पर तीन आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। दोनों डायना गैंग के सक्रिय सदस्य हैं। गैंग का सरगना दयानंद निषाद उर्फ डायना वर्तमान में जेल में बंद है। एक माह पहले ही अभिषेक जेल से छूटा था और फिर से अपराध में सक्रिय हो गया था।
जेल से छूटते ही वारदात ने खोली पुलिस निगरानी की पोल
कुसम्ही जंगल में दंपती से लूट की वारदात केवल अपराध की नहीं, बल्कि पुलिस और खुफिया तंत्र की विफलता की भी कहानी कह रही है। जेल से छूटने के महज कुछ ही हफ्तों बाद डायना गिरोह के सक्रिय सदस्य अभिषेक राजभर ने फिर से जंगल में वारदात कर दी। यह घटना निगरानी व्यवस्था और पुलिस के दावों पर गंभीर सवाल खड़े कर रही है।
दरअसल, पुलिस का दावा था कि डायना गिरोह पर लगातार नजर रखी जा रही है और जेल से छूटने वाले बदमाशों की गतिविधियों पर विशेष निगरानी की जा रही है। लेकिन 15 अगस्त को हुए अपराध ने साफ कर दिया कि या तो निगरानी का दावा कागज़ी था, या फिर लापरवाही इतनी बड़ी थी कि अपराधी आसानी से छूटकर दोबारा अपराध करने में सफल हो गए।
अभिषेक राजभर को वर्ष 2024 में कुसम्ही जंगल में हुई वारदातों के बाद गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। गिरोह के सरगना दयानंद निषाद उर्फ डायना पहले से जेल में बंद है। बावजूद इसके, जेल से छूटे ही उसके साथी ने सक्रिय होकर फिर अपराध को अंजाम देकर बता दिया कि गिरोह का नेटवर्क जिंदा है।
डीआइजी ने किया एम्स थाने का निरीक्षण
जासं.गोरखपुर: डीआइजी रेंज डा. एस चनप्पा ने मंगलवार की शाम एम्स थाने का निरीक्षण किया।लंबित विवेचना,बदमाशों पर हुई कार्रवाई की जानकारी लेने के साथ ही बीट पुलिस अधिकारी के साथ बैठक की।डीआइजी ने त्योहार रजिस्टर देखने के साथ ही थानेदार को निर्देश दिया कि क्षेत्र में सक्रिय रहने के साथ ही जेल से छूटे बदमाशों की निगरानी करें।
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