Gorakhpur News: कैसीनो के शौक में कर्जदार बन रहे युवक व सरकारी कर्मचारी
गोरखपुर और कैंपियरगंज के युवाओं ने पुलिस से कैसीनो के शौक में कर्जदार बनने की शिकायत की है। पीड़ितों ने बताया कि नेपाल के कैसीनो में रुपये हारने के बाद उन्होंने जमीन और मकान बंधक रख कर कर्ज लिया। कर्ज चुकाने के बाद भी उनकी जमीन वापस नहीं की जा रही है। गन्ना विभाग के एक कर्मचारी ने भी ऐसी ही शिकायत दर्ज कराई है।

जागरण संवाददाता, गोरखपुर। सीमा से सटे नेपाल में खुले कैसीनो का शौक युवाओं को कर्जदार बना रहा है। पुलिस कार्यालय में पीपीगंज के चार और कैंपियरगंज के तीन युवकों ने प्रार्थना पत्र देकर जमीन और मकान बंधक मुक्त कराने की गुहार लगाई है।
पीड़ितों ने कहा है कि रुपये लौटाने के बाद भी वह कर्जदार बने हैं, जबकि उन्होंने आनलाइन रुपये वापस किए हैं। इन प्रार्थना पत्रों की जांच सीओ कैंपियरगंज कर रहे हैं।
कैंपियरगंज के फरहनी के रहने वाले जयकिशन मणि त्रिपाठी गन्ना विभाग में नौकरी करते हैं। उन्होंने एसपी नार्थ को प्रार्थना पत्र देकर बताया कि छुट्टी के दिनों में गांव आते तो कुछ दोस्त उन्हें नेपाल लेकर जाने लगे। वहां उन्हें कैसीनो की आदत पड़ गई और रुपये लगाने लगे।
हारने के बाद करीब सात लाख रुपये कर्ज लिया। इसके लिए चार लोगों को बंधक पर जमीन रख दी। कर्ज के रुपये भी कैसीनो में लगा दिया। सभी रुपये हारने के बाद गलती समझ में आई। जिन लोगों से रुपये लिए, उन्हें ब्याज समेत वापस कर दिया।
इसके बाद जब बंधक रखी गई भूमि को वापस करने को कहा तो चारों ने मना कर दिया। जयकिशन का आरोप है कि वह कह रहे हैं कि उनके रुपये बाकी हैं, मिलने के बाद ही वह भूमि वापस देंगे।
एसपी नॉर्थ जितेन्द्र कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि पीपीगंज और कैंपियरगंज के कई युवक नेपाल के कैसीनो जाकर कर्जदार बन रहे हैं। इस तरह की सात शिकायते आ चुकी हैं। सभी ने बंधक रखी जमीन को मुक्त कराने की बात कही है। पूछताछ और जांच में कैसीनो में रुपये हारने का मामला सामने आ रहा है। जांच चल रही है।
स्वीकार की जाती है भारतीय व नेपाली मुद्रा
नेपाल के कैसीनो में जुआ खेलने के लिए सिर्फ भारतीय व नेपाली मुद्रा ही स्वीकार की जाती है। भैरहवा में जुआ खेलने के लिए सीमावर्ती क्षेत्र के साथ गोरखपुर, लखनऊ व वाराणसी के शौकीन पहुंचते हैं।
नजदीक होने के चलते एक दिन में ही खेलकर वे वापस हो जाते हैं। हर माह पांच से सात लाख रुपये से अधिक का जुआ खेलने वालों को संचालकों की तरफ से वीआईपी पास जारी होता है। ऐसे लोगों को होटल में ठहरने की सुविधा मुफ्त में दी जाती है।
कोरोना बाद से अर्थव्यवस्था सुधारने को जतन कर रहा नेपाल
कोरोना काल में नेपाल में विदेशी मुद्रा भंडार में कमी आ गई थी। देश में श्रीलंका जैसी स्थिति न पैदा हो इसके लिए नेपाल सरकार पर्यटन व्यवसाय व कैसीनो के माध्यम से अधिक से अधिक मुद्रा अर्जित करना चाहती थी। इसके बाद से उसने कैसीनो का संरक्षण करना शुरू किया और भारतीयों को अपने लोगों के माध्यम से आकर्षित करने लगा।
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