Gorakhpur News: भतीजे संग वसूली पर निकला खनन विभाग का बाबू, वीडियो वायरल होने पर किया गया निलंबित
अवैध खनन पर अंकुश के बहाने खनन विभाग का बाबू (खनिज मोहर्रिर) अशोक कुमार कुशवाहा मंगलवार की रात अधिकारी बनकर जांच करने निकला। धौंस जमाने के लिए उसने भतीजे को भी सहकर्मी बनाकर साथ बैठाया था। वाहनों से वसूली का सिलसिला शुरू हुआ ही था कि वाहन मालिकों ने उसे पहचान लिया और बोलेरो रोककर विरोध जताया। वीडियो बनाकर वायरल भी कर दिया।

जागरण संवाददाता, गोरखपुर : अवैध खनन पर अंकुश के बहाने खनन विभाग का बाबू (खनिज मोहर्रिर) अशोक कुमार कुशवाहा मंगलवार की रात अधिकारी बनकर जांच करने निकला। धौंस जमाने के लिए उसने भतीजे को भी सहकर्मी बनाकर साथ बैठाया था।
वाहनों से वसूली का सिलसिला शुरू हुआ ही था कि वाहन मालिकों ने उसे पहचान लिया और बोलेरो रोककर विरोध जताया। वीडियो बनाकर वायरल भी कर दिया। मामला खनन निदेशालय तक पहुंचा तो निदेशक डा. रोशन जैकब ने तत्काल प्रभाव से बाबू को निलंबित कर मुख्यालय से संबद्ध कर दिया।
मामले की जांच के लिए लखनऊ मुख्यालय के रसायनविद् अखिलेश कुमार राय को जांच अधिकारी, जबकि सहायक भू वैज्ञानिक लखनऊ डा. अंजू वर्मा को प्रस्तुतकर्ता अधिकारी बनाया गया है। अवैध खनन की जांच का अधिकार खान अधिकारी, वरिष्ठ खान अधिकारी व अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को है। बाबू उनके साथ जा सकते हैं।
अपने अधिकारी को जानकारी दिए बिना ही बाबू अशोक ने मंगलवार की रात भतीजे को साथ लिया और खाकी वर्दी में कुछ लोगों को बोलेरो में बैठा वसूली करने निकल पड़ा। गीडा क्षेत्र में वाहनों की जांच के दौरान विवाद हो गया और वह पकड़ा गया।
उसकी गाड़ी से पांच हजार रुपये भी बरामद हुए। उसे पकड़कर लोग पुलिस के पास ले गए। यद्यपि, बाबू ने पहले हावी होने का प्रयास किया। बाबू व वाहन मालिकों के बीच कहासुनी हुई। पुलिस ने बीच-बचावकर मामला शांत कराया। बाबू की ओर से पिपरौली पुलिस चौकी पर अवैध खनन को लेकर एक व्यक्ति के विरुद्ध तहरीर भी दी गई, लेकिन मुकदमा दर्ज नहीं किया गया।
सुबह से ही उसके पकड़े जाने का वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल होने लगा। जिलाधिकारी व अपर जिलाधिकारी तक भी यह मामला पहुंचा। मुख्यालय ने भी वीडियो का संज्ञान लिया और बाबू को निलंबित कर दिया। निदेशालय ने इसे बाबू द्वारा स्वयं के हित लाभ और अवैध रूप से धन उगाही किए जाने की मंशा से किया गया कार्य माना है।
अवैध खनन की शिकायत पर बाबू स्वयं ही जांच करने चला गया। नियमानुसार उन्हें किसी वरिष्ठ अधिकारी को सूचना देनी चाहिए थी। बिना किसी अधिकारी की उपस्थिति के कोई बाबू स्वयं जांच करने नहीं जा सकता। निदेशालय की ओर से उसे निलंबित कर दिया गया है। सुशील कुमार गोंड, अपर जिलाधिकारी भू एवं राजस्व/प्रभारी अधिकारी खनन
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