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    जानें, कौन हैं कृष्णा करुणेश ज‍िन्‍हें बनाया गया गोरखपुर का नया डीएम

    By Pradeep SrivastavaEdited By:
    Updated: Wed, 08 Jun 2022 08:23 PM (IST)

    Gorakhpur new DM Krishna Karunesh गोरखपुर के नवागत डीएम कृष्‍णा करुणेश गुरुवार को गोरखपुर में अपना कार्यभार ग्रहण करेंगे। न‍िवर्तमान डीएम व‍िजय क‍िरण आनंद गुरुवार को अपने नए कार्यस्‍थल पर कार्यभार ग्रहण करने के ल‍िए गोरखपुर से रवाना होंगे।

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    गोरखपुर के नवागत डीएम कृष्णा करुणेश: - सौजन्‍य, इंटरनेट मीड‍िया।

    गोरखपुर, जागरण संवाददाता। Gorakhpur new DM Krishna Karunesh: गोरखपुर के नए जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश गुरुवार को कार्यभार ग्रहण कर सकते हैं। 2011 बैच के आइएएस अधिकारी कृष्णा करुणेश मूल रूप से बिहार के रहने वाले हैं। वह गाजियाबाद में एसडीएम एवं मुख्य विकास अधिकारी के पद पर भी रहे हैं।

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    हापुड़ व बलरामपुर में भी रह चुके हैं डीएम

    हापुड़ और बलरामपुर में जिलाधिकारी के रूप में जिम्मेदारियों का निर्वहन कर चुके हैं। जनवरी 2021 से गाजियाबाद विकास प्राधिकरण में उपाध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं। गोरखपुर तीसरा जिला है, जहां जिलाधिकारी के रूप में उनकी तैनाती हुई है।

    कल नए स्‍थान के ल‍िए रवाना होंगे व‍िजय क‍िरण आनंद

    जिलाधिकारी के रूप में महज 10 महीने के कार्यकाल में ही विजय किरन आनंद आम आदमी के दिल में जगह बनाने में कामयाब रहे। चौपाल के माध्यम से लोगों तक पहुंचने की उनकी कार्यशैली को याद किया जाएगा। क्षेत्र में भ्रमण कर योजनाओं के क्रियान्वयन की हकीकत जांचने के लिए भी वह जाने जाएंगे। इसके साथ ही अनियमितता करने वालों पर सख्त कार्रवाई के लिए भी उन्हें याद किया जाएगा। व‍िजय क‍िरण गुरुवार को अपने नए स्‍थान पर कार्यभार ग्रहण करने जा सकते हैं।

    अपनी कार्यशैली से चर्चा में रहते थे व‍िजय

    विजय किरन आनंद ने 28 जुलाई 2021 को गोरखपुर के जिलाधिकारी के रूप में कार्यभार ग्रहण किया था। जिलाधिकारी के रूप में जिम्मेदारी संभालते ही उन्होंने फाइलों को अनावश्यक रूप से न लटकाने का निर्देश दिया था। उनकी कार्यशैली में भी यह नजर आया। सुबह छह बजे से रात 11 बजे के बाद तक सक्रिय रहने वाले विजय किरन आनंद सभी योजनाओं के प्रगति की नियमित रूप से समीक्षा करते थे।

    सभी विभागों के अधिकारियों को उन्होंने कार्य का बंटवारा किया था और लगातार उसकी निगरानी करते थे। प्रदेश में सबसे पहले उन्होंने जिले के 72 गांवों में ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन की योजना शुरू की, इसमें से कई गांव संतृप्त होने के कगार पर हैं।

    गांव की कच्‍ची गल‍ियों की दशा बदल दी

    कच्ची गलियों को पक्का करने के अभियान ने कई गांवों की दशा बदल दी। गांव में विकास कार्य हुए तो अनियमितता करने वाले जिम्मेदारों पर एफआइआर भी दर्ज हुई। आरटीओ एवं निबंधन विभाग में स्टिंग आपरेशन के जरिए अनियमितता का पर्दाफाश करने के लिए भी जिलाधिकारी जाने जाएंगे। हाशिये पर रहने वाली मनरेगा, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम), आयुष्मान भारत योजना पर उनका खास ध्यान रहा। स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई योजनाएं बनाई गईं। समूहों की बचत बढ़ाने पर जोर दिया गया। मनरेगा से जोड़कर महिलाओं की आय बढ़ाई गई।

    अपराध‍ियों पर की सख्‍त कार्रवाई

    अपराधियों पर कार्रवाई, उनकी संपत्ति जब्त करने के मामले में भी उनका कार्यकाल यादगार रहेगा। सभी समाधान दिवस, संपूर्ण समाधान दिवस, उद्योग बंधु, व्यापार बंधु एवं सैनिक बंधु की बैठकों में वह अनिवार्य रूप से शामिल हुए। ई डिस्ट्रक्ट को मजबूत किया और फीडबैक की प्रणाली विकसित की।