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    खराब लाइटें जल्द हो सके ठीक, गोरखपुर नगर निगम ने मांगे 73 लाख

    Updated: Sun, 26 Oct 2025 10:26 AM (IST)

    गोरखपुर नगर निगम ने शहर की सड़कों पर लगी विक्टोरिया और स्ट्रीट लाइटों के रखरखाव के लिए लोक निर्माण विभाग (पीडब्लूडी) से 73 लाख रुपये से अधिक की मांग की है। धनराशि मिलने पर लाइटों की मरम्मत की जाएगी, जिससे शहरवासियों को बेहतर रोशनी मिल सके। पीडब्लूडी को भेजे पत्र में अनुरक्षण कार्यों का ब्यौरा है।

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    शहर के पांच मार्गों की स्ट्रीट लाइटों और विक्टोरिया पोल का होना है हस्तांतरण

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। शहर की विभिन्न सड़कों पर लगीं विक्टोरिया और स्ट्रीट लाइटों के रखरखाव के लिए नगर निगम ने लोक निर्माण विभाग (पीडब्लूडी) से 73,18,130 रुपये की मांग की है। धनराशि उपलब्ध होने पर ही नगर निगम इन लाइटों के हस्तांतरण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाएगा। नगर निगम ने पीडब्ल्यूडी को इस संबंध में एक पत्र भेजा है, जिसमें अलग-अलग मार्गों पर किए जाने वाले अनुरक्षण कार्यों का विस्तृत ब्यौरा दिया गया है।

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    यह मामला शहर की स्ट्रीट और विक्टोरिया लाइटों की खराब स्थिति से जुड़ा है, जिसकी वजह से कई इलाकों में अंधेरा छाया रहता है। नगर निगम का कहना है कि धनराशि मिलने पर इन लाइटों की मरम्मत कर उन्हें दोबारा चालू किया जा सकेगा, जिससे शहरवासियों को बेहतर रोशनी की सुविधा मिल पाएगी। यह कदम शहर की सुंदरता और सुरक्षा, दोनों के लिए महत्वपूर्ण है।

    इन सड़कों की लाइटों का होना है हस्तांरण

    • गोरखपुर-देवरिया मार्ग : गुरुंग तिराहा से लेकर रानीडीहा तिराहे तक 116 स्ट्रीट लाइटों के एक साल के रखरखाव के लिए 12,33,017 रुपये
    • कसया रोड : पैडलेगंज से फिराक चौक तक लगी 45 विक्टोरिया पोल और 90 एलईडी स्ट्रीट लाइटों के रखरखाव के लिए 09,85,512 रुपये
    • एमपी पालिटेक्निक से महेसरा : बरगदवा होते हुए महेसरा तक लगी स्ट्रीट लाइटों की मरम्मत और रखरखाव के लिए 39,65,431.30 रुपये
    • रामगढ़ ताल आंतरिक मार्ग : नौकायन से देवरिया बाईपास और वाणिज्यकर भवन तक चौड़े किए गए फोरलेन पर लगे विक्टोरिया लाइट पोल के हस्तांतरण से पहले, उनके रखरखाव के लिए 11,54,169 रुपये की मांग की गई है। इसमें 80 पोल और उन पर लगी 160 एलईडी स्ट्रीट लाइटों के एक साल का रखरखाव खर्च शामिल है।

    कुल 73.13 लाख रुपये की यह मांग राष्ट्रीय मार्ग खंड लोक निर्माण विभाग से की गई है। यह राशि बंद पड़ी लाइटों की मरम्मत और उनके वार्षिक रखरखाव के लिए जरूरी है। धनराशि मिलने के बाद लाइटों की देखभाल का काम बेहतर ढंग से हो पाएगा और हस्तांतरण की प्रक्रिया भी पूरी की जा सकेगी।

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    निरंकार सिंह, अपर नगर आयुक्त