गोरखपुर में पहली बार हो रहा रोइंग प्रतियोगिता का आयोजन, सिटी आफ स्पोर्ट्स बनने की राह पर यह शहर बढ़ा रहा कदम
गोरखपुर अब सिटी आफ स्पोर्ट्स बनने की राह पर तेजी से कदम बढ़ा रहा है। यहां की माटी में कुश्ती की महक के साथ ही हाकी का भी खूब जादू चला है। कुछ सालों में यहां खेल सुविधाओं और प्रतिस्पर्धा के मामले में व्यापक परिवर्तन आया है।
गोरखपुर, प्रभात कुमार पाठक। सिटी आफ नालेज के रूप में तेजी से उभरता गोरखपुर खेल के ट्रैक पर भी इसी रफ्तार में आगे बढ़ रहा है। खेलो इंडिया के तहत शहर रोइंग प्रतियोगिता की मेजबानी कर रहा है, तो वहीं विभिन्न खेलों में यहां के खिलाड़ी राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चमक बिखेर रहे हैं। खेल सुविधाओं और प्रतिस्पर्धा के मामले में यहां हुए व्यापक परिवर्तन आया है। इसी का प्रमाण है कि जहां कभी अखाड़े में कुश्ती खेली जाती थी वहां आज रोइंग प्रतियोगिता का आयोजन हो रहा है। कभी हाकी और कुश्ती के लिए पहचाना जाने वाला यह शहर किस तरह अब सिटी आफ स्पोर्ट्स बनने की राह पर तेजी से कदम बढ़ा रहा है।
पहली बार हो रहा रोइंग प्रतियोगिता का आयोजन
पर्यटन के नायाब केंद्र के रूप में वाहवाही बटोर रहा रामगढ़ताल वाटर स्पोर्ट्स के क्षेत्र में राष्ट्रीय फलक पर धाक जमाने जा रहा है। खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स की मेजबानी पहली बार उत्तर प्रदेश को मिली है। इसके तहत देश भर के विश्वविद्यालयों के खिलाड़ियों की रोइंग प्रतियोगिता 27 से 31 मई तक गोरखपुर के रामगढ़ताल में होने जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में ऐसी तैयारी की गई है कि मेहमान खिलाड़ी मेजबान शहर के कायल हो जाएं।
यहां की माटी में कुश्ती की महक
कुश्ती अपनी मिट्टी से जुड़ा दूसरा सबसे लोकप्रिय खेल रहा है। इस खेल में भी दर्जन भर खिलाड़ी वर्षों तक देश का प्रतिनिधित्व करते रहे। 1970 के दशक में गोरखपुर के पहलवानों ने अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में जलवा बिखेरना शुरू किया था, वह अब भी कायम है। गोरखपुर में बैकग्राउंड और उचित माहौल को देखते हुए ही "एक जिला एक खेल" के अंतर्गत कुश्ती को गोरखपुर का खेल घोषित किया गया है। इसके अंतर्गत तमाम सुविधाएं खिलाड़ियों का दी जा रही हैं। यहां से कुश्ती से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शहर का नाम चमकाने वाले कई पहलवान निकले हैं, जिनमें दिनेश सिंह, रामचंद्र यादव, पन्नेलाल यादव, राम मिलन यादव, रामाश्रय यादव, स्व. तालुकदार यादव, जनार्दन यादव, चंद्र विजय सिंह, स्व.गामा मिश्र, राम निवास यादव, विजय चौरसिया, अमरनाथ यादव, अनूप यादव व पुष्पा यादव आदि प्रमुख हैं।
खूब चला हाकी का जादू
गोरखपुर की मिट्टी ने हाकी के अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी दिए हैं। इनमें पुरुषों में वर्ष 1952 में अनवार अहमद हाकी टीम में जगह बनाने वाले गोरखपुर के पहले खिलाड़ी थे। उनके बाद एसएम अली सईद, अवध नरेश, मुकेश श्रीवास्तव, स्व.शफीक अहमद, गुलाम सरवर, राम प्रकाश सिंह, मो.आरिफ, मो.जिल्लुर रहमान, प्रदीप शर्मा, जनार्दन गुप्ता, शमशू जुहा, मो. इम्तियाज, सनवर अली और दिवाकर राम आदि खिलाड़ियों ने अलग-अलग दौर में हाकी में देश का प्रतिनिधित्व किया। महिला खिलाड़ियों में प्रेम माया, रंजना श्रीवास्तव, पुष्पा श्रीवास्तव, रीता पांडेय, संजू ओझा, रजनी चौधरी, परवीन शर्मा, निधि मुकेश, वर्तिक सिंह व इति श्रीवास्तव ने अलग-अलग दौर में भारतीय महिला हाकी टीम का प्रतिनिधित्व किया। वर्तमान में प्रीति दूबे भारतीय हाकी टीम की सदस्य हैं।
पूर्वोत्तर रेलवे के खिलाड़ी भी रच रहे इतिहास
पूर्वोत्तर रेलवे के खिलाड़ियों ने भी अलग-अलग खेलों में शानदार प्रदर्शन की बदौलत इतिहास रचा है। ओलिंपिक में प्रतिभाग कर एनईआर की रेस वाकर प्रियंका गोस्वामी ने इतिहास रचा तो, कुश्ती, क्रिकेट हैंडबाल में भी हाल के समय में एनईआर के खिलाड़ियों ने अपना दबदबा कायम किया है।
एनईआर की प्रियंका गोस्वामी ने पिछले वर्ष राष्ट्रीय रिकार्ड बनाकर टोक्यो ओलिंपिक के लिए क्वालीफाई किया था। ओलिंपिक में प्रतिकूल परिस्थितियों में भी उन्होंने 60 खिलाड़ियों के बीच 17वां स्थान हासिल किया था। पूर्वोत्तर रेलवे के ही पहलवान गौरव बालियान ने जून में ही अंडर 23 एशियन चैंपियनशिप में 79 किलो भारवर्ग (फ्री स्टाइल) में कांस्य पदक जीता है। वह कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक झटक चुके हैं। अप्रैल में पूर्वोत्तर रेलवे क्रीड़ा संघ के तत्वावधान में आयोजित 14वीं अखिल भारतीय रेलवे महिला एवं पुरुष हैंडबाल प्रतियोगिता में भी मेजबान पूर्वोत्तर रेलवे ने महिला टीम की कप्तान ज्योति शुक्ला एवं पुरुष टीम के कप्तान सोमवीर के नेतृत्व में दोनों ही वर्गों में चैंपियनशिप जीत ली थी।
मई में रेलवे स्टेडियम में आयोजित अखिल भारतीय रेल क्रिकेट प्रतियोगिता में एनईआर के खिलाड़ियों ने 65 वर्षों के इतिहास में पहली बार विजेता बनने का गौरव हासिल किया। फरवरी में भारतीय रेलवे महिला भारोत्तोलन प्रतियोगिता में भी पूरे की खिलाड़ियों ने अपना श्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए दो स्वर्ण और दो रजत पदक जीता था। इसमें भारोत्तोलक पूजा गुप्ता और पूनम यादव ने अपने-अपने भार वर्ग में स्वर्ण पदक जीता तो हर्षदीप कौर और वंदना गुप्ता ने रजत पदक जीता।
शतरंज में भी पहचान बना रहे युवा खिलाड़ी
शतरंज भी गोरखपुर में लोकप्रिय खेलों में शुमार हो गया है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि गोरखपुर शहर के करीब आधा दर्जन खिलाड़ी शतरंज की अंतरराष्ट्रीय संस्था फिडे द्वारा रेटेड हैं। शतरंज संघ के नितेश श्रीवास्तव ने बताया कि रक्षित शेखर द्विवेदी, शाश्वत सिंह, शशि प्रकाश, रवि गौतम, विष्णु देव यादव, विनायक सिंह, पीयूष कारीवाल, अगस्त्य यादव को फिडे की प्रारंभिक रेटिंग मिल चुकी है। इन खिलाड़ियों के प्रदर्शन में भी लगातार निखार आ रहा है। दीपांजलि श्रीवास्तव ने भी राष्ट्रीय स्तर पर अच्छा प्रदर्शन किया है।
रेलवे के तरणताल में तैयार होंगे अंतरराष्ट्रीय स्तर के तैराक
पूर्वोत्तर रेलवे के तरणताल में अंतरराष्ट्रीय स्तर के तैराक तैयार होंगे। रेलवे ही नहीं, बाहर की प्रतिभाएं भी विशेषज्ञ प्रशिक्षकों से प्रशिक्षण प्राप्त कर सकेंगी। गोरखपुर में भी राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताएं आयोजित हो सकेंगी। 60 वर्ष पूर्व इस तरणताल का निर्माण हुआ था। वर्तमान में इस तरणताल को नवीनीकृत कर आधुनिक एवं सुविधा संपन्न बनाया गया है, जिसके पानी को साफ रखने के लिए फिल्टर प्लांट एवं एमरेशन टैंक लगाए गए हैं। यह तरणताल 50 मीटर लंबा, 18.5 मीटर चौड़ा एवं लगभग 06 मीटर गहरा है। तरणताल में फाइबर के आठ ब्लाक एवं आठ लेन बनाए गए हैं, जिसमें आठ तैराक एक साथ तैर सकेगें। इसमें मानक ऊंचाई के अनुरूप डाइविंग बोर्ड लगाए गए हैं। रात्रि के लिए प्रकाश की पर्याप्त व्यवस्था की गई है। पंजीकरण के उपरांत निर्धारित शुल्क देकर कोई भी इच्छुक व्यक्ति प्रवेश ले सकता है।
क्रिकेट मैदान में बनकर तैयार है दो मंजिला पवेलियन
रेलवे क्रिकेट मैदान को रणजी, दिलीप और विजय हजारे जैसे प्रतिष्ठित राष्ट्रीय स्तर के टूर्नामेंटों के लिए तैयार है। पूर्वोत्तर रेलवे क्रिकेट संघ और उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (यूपीसीए) के पदाधिकारियों की देखरेख में इसे तैयार किया गया है। करीब 80 लाख रुपये की लागत से दो मंजिला पवेलियन का निर्माण भी पूरा हो चुका है। जिसमें ग्राउंड फ्लोर पर खिलाड़ियों के लिए दो डारमेट्री, प्रसाधन केंद्र, दो अंपायर रूम, जिम, लाकर रूम और स्टाफ रूम बनकर तैयार है। फर्स्ट फ्लोर के दोनों किनारे खिलाड़ियों के लिए और बीच में वीआइपी के लिए गैलरी बनाई गई है।
दर्शक दीर्घा में 500 से 600 क्रिकेट प्रेमी मैच का आनंद उठा सकेंगे। पूर्वोत्तर रेलवे क्रीड़ा संघ के जनरल सेक्रेटरी पंकज कुमार सिंह नेे कहा कि रेलवे क्रिकेट मैदान में पवेलियन तैयार हो जाने से अब गोरखपुर में भी बड़े मैच आयोजित हो सकेंगे, जिससे यहां के खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ेगा। इस क्षेत्र में क्रिकेट का विकास भी होगा। इसी कड़ी में क्रिकेटरों की पौध तैयार करने के लिए शहर में लक्ष्य स्पोर्ट्स एकेडमी खिलाड़ियों को निश्शुल्क प्रशिक्षण देने के साथ हर वर्ष राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता भी आयोजित कराती है। एकेडमी के सचिव डा.त्रिलोक रंजन बताते हैं कि एकेडमी नवोदित प्रतिभान खिलाड़ियों को आगे बढ़ाने के लिए संसाधन से लेकर उनके किट तक की निश्शुल्क व्यवस्था की जाती है।
खिलाड़ियों के लिए उपलब्ध सुविधाएं...
- वीर बहादुर सिंह स्पोर्ट्स कालेज में अंतरराष्ट्रीय मानक के अनुसार एस्ट्रोटर्फ हाकी मैदान
- वीर बहादुर सिंह स्पोर्ट्स कालेज में वालीबाल इंडोर हाल, जिम्मास्टिक हाल व कुश्ती हाल
- कालेज में ही खेलो इंडिया हाल
- रीजनल स्पोर्ट्स स्टेडियम में सिंथेटिक बास्केटबाल कोर्ट, बैंडमिंटन हाल, तरणताल, कुश्ती हाल तथा वालीबाल खेल मैदान
- रीजनल स्टेडियम में जिम्नास्टिक हाल, कुश्ती व बास्केटबाल छात्रावास, कबड्डी हाल
- महंत अवेद्यनाथ महाराज स्पोर्ट्स स्टेडियम जंगल कौड़िया में सिंथेटिक रनिंग ट्रैक, फुटबाल खेल मैदान तथा कुश्ती व्यायामशाला