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    Gorakhpur Link Expressway: अगले महीने से गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे पर फर्राटा भरने लगेंगी गाड़ियां, कम समय में पूरा होगा लखनऊ का सफर

    By Jagran NewsEdited By: Pragati Chand
    Updated: Thu, 02 Nov 2023 12:31 PM (IST)

    Gorakhpur Link Expressway गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे पर सफर का इंतजार खत्म होने वाला है। दिसंबर में ही अनौपचारिक रूप से वाहनों का संचलन शुरू हो जाएगा। हालांकि जनवरी 2024 में सुरक्षा जांच के बाद औपचारिक शुभारंभ किया जाएगा। इस एक्सप्रेसवे पर कुछ स्थानों पर ही डायवर्जन का सामना करना पड़ेगा। गोरखपुर जिले में पांच टोला प्लाजा पड़ेंगे। जिसमें से एक को छोड़ बाकी सभी स्थानीय क्षेत्रों को जोड़ने वाले साइड लेन पर रहेंगी।

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    Gorakhpur Link Expressway: गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे पर अगले महीने से फर्राटा भरने लगेंगे वाहन। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

    जागरण संवाददाता गोरखपुर। Gorakhpur Link Expressway: अगले महीने दिसंबर में गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे पर अनौपचारिक रूप से संचलन शुरू हो जाएगा। लोगों को कुछ ही स्थानों पर डायवर्जन का सामना करना पड़ेगा। जनवरी 2024 में सुरक्षा जांच के बाद औपचारिक रुप से इस एक्सप्रेसवे का शुभारंभ हो जाने का दावा किया जा रहा है। लिंक एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य पूरा करने का लक्ष्य मार्च, 2024 तय है मगर, लोकसभा चुनाव को देखते हुए इसे तय समय से पहले ही शुरू करने की तैयारी है।

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    गोरखपुर के जैतपुर से शुरू होकर आजमगढ़ के सालारपुर के पास पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से मिलने वाले इस लिंक एक्सप्रेसवे पर गोरखपुर की सीमा में कुल पांच टोल प्लाजा पड़ेंगे। इनमें से नौसड़ से सीधे लिंक एक्सप्रेसवे पर आने वालों को सिर्फ एक जगह भगवानपुर में जिरो बाईपास के पास टोल जमा करना पड़ेगा।

    बाकी के चार टोल प्लाजा, स्थानीय क्षेत्रों को जोड़ने वाले सर्विस लेन पर बने हैं, जहां सिर्फ उसे क्षेत्र से लिंक एक्सप्रेसवे पर आने वाले लोगों को ही टोल जमा करना पड़ेगा। जैसे दूसरा टोल प्लाजा सरैया तिवारीपुर के पास है जहां से कौड़ीराम, बांसगांव आदि क्षेत्रों के लिए रास्ता जाता है।

    इसी तरह तीसरा टोल प्लाजा हरनही के पास है जहां से खजनी आदि क्षेत्र, चौथा सिकरीगंज के पास और पांचवां बेलघाट के पास है। शहर की ओर से सीधे जाने वालों को इन चारों टोल प्लाजा पर टोल नहीं देना होगा।

    यूपी एक्सप्रेसवे इडंस्ट्रियल डेवलपमेंट अथारिटी (यूपीडा) के मुताबिक अब तक करीब 80 प्रतिशत काम पूरा हो गया है। वर्षा और मिट्टी की वजह से जुलाई और अगस्त में काम थोड़ा प्रभावित रहा, मगर अब इसमें काफी तेजी आ गई है। मिट्टी के अनुबंध समझौते की अनुमानित मात्रा में 25 प्रतिशत की वृद्धि से थोड़ा संकट खड़ा हो गया था। मगर, प्रशासन के प्रयास से यह समस्या भी सुलझ गई है। बस दूरी अधिक होने की वजह से से मिट्टी पहुंचने में थोड़ा ज्यादा समय लग रहा है।

    साढ़े तीन घंटे में पूरा होगा लखनऊ का सफर

    पूर्वांचल एक्सप्रेसवे को जोड़ने वाले गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के निर्माण से लखनऊ की दूरी पांच घंटे की बजाए साढ़े तीन से चार घंटे में पूरी हो जाएगी। हालांकि इस रास्ते लखनऊ की दूरी थोड़ी बढ़ जाएगी मगर कोई अवरोध नहीं होने की वजह से समय कम लगेगा। गोरखपुर से बस्ती, अयोध्या होते हुए लखनऊ की दूरी 279 किमी है जबकि लिंक एक्सप्रेसवे से दूरी 311 पड़ेगी।

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    लिंक एक्सप्रेसवे से गोरखपुर और आजमगढ़ के बीच भी आवाजाही आसान और तेज हो जाएगी। साथ ही गोरखपुर से आगरा और दिल्ली की राह भी आसान हो जाएगी। इसके बन जाने से व्यापारियों को भी बहुत फायदा होगा। घाघरा नदी पर करीब डेढ़ किमी तक ब्रिज का निर्माण पूरा हो गया है। पुल पर रेलिंग आदि के छोटे-छोटे निर्माण का काम बाकी है जो तेजी से चल रहा है। एक्सप्रेसवे पर कुल प्रस्तावित 342 स्ट्रक्चर (संरचना) में से करीब 335 बनकर तैयार हो चुके हैं।

    यह है लिंक एक्सप्रेसवे का रूट

    91.35 किलोमीटर लंबा यह लिंक एक्सप्रेसवे गोरखपुर के सदर तहसील के जैतपुर गांव से शुरू होकर आजमगढ़ जिले के सालारपुर गांव में पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से मिलता है। यह लिंक एक्सप्रेसवे गोरखपुर, संतकबीर नगर, अंबेडकर नगर और आजमगढ़ से होकर गुजर रहा है। इसे वाराणसी के साथ एक अलग लिंक रोड के जरिए जोड़ा जाएगा।

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    क्या कहते हैं अधिकारी

    दिसंबर में गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे पर संचलन शुरू हो जाएगा। कुछ ही स्थानों पर काम बाकी रह गया है, जहां डायवर्जन किया जाएगा। जनवरी तक यह काम भी पूरा हो जाएगा जिसके बाद औपचारिक रुप से एक्सप्रेसवे पर संचलन प्रारंभ हो जाएगा। निर्माण की नियमित निगरानी व समीक्षा की जा रही है। - अनिल ढींगरा, मंडलायुक्त