Gorakhpur: जंगल कौड़िया जगदीशपुर रिंग रोड बाईपास का काम शुरू, राजस्व विभाग व NHAI के अफसरों ने किया सर्वे
किसानों द्वारा मुआवजे को लेकर विरोध के चलते लंबे समय से लटके जंगल कौड़िया-जगदीशपुर बाईपास रिंग रोड का निर्माण शुरू हो गया है। इस दौरान राजस्व विभाग व ...और पढ़ें

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। विरोध के कारण पिछले कई दिनों से लटका जंगल कौड़िया-जगदीशपुर फोरलेन रिंग रोड बाईपास का काम शुरू हो गया। राजस्व विभाग व एनएचएआइ के अधिकारियों के साथ किसान भी मौजूद रहे। इनमें से कई किसानों ने अभी मुआवजा भी नहीं लिया है, लेकिन विकास में सहयोग के लिए उन्होंने साथ आने की बात कही है।
जंगल कौड़िया से जगदीशपुर तक फोरलेन रिंग रोड बाईपास का निर्माण होना है। इसका निर्माण पूरा होने से गोरखपुर शहर के चारों ओर रिंग रोड पूरा हो जाएगा। कालेसर से जंगल कौड़िया व कालेसर से जगदीशपुर तक बाईपास यातायात के लिए खोला जा चुका है। मानीराम से जगदीशपुर तक रिंग रोड के अंतिम चरण में करीब 26 गांवों की जमीन प्रभावित हो रही है। कुछ किसान मुआवजा प्राप्त कर रहे हैं, जबकि कई मुआवजे की दर से असंतुष्ट होने के कारण आर्बिट्रेशन में जाने की तैयारी में हैं।
पहले कई बार सर्वे का काम शुरू करने का प्रयास किया गया, लेकिन आंदोलनकारी किसानों ने काम रोक दिया। इसी बीच अब अचानक भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) के परियोजना निदेशक भूपेश अग्रवाल, जंगल कौड़िया के नायब तहसीलदार देवेंद्र कुमार यादव व अन्य कर्मी मानीराम पहुंचे और काम शुरू कराया। जेसीबी से जमीन को बराबर कर चिह्नांकन भी किया गया। इस दौरान करीब एक दर्जन किसान भी साथ रहे। उनका कहना था कि अधिकतर किसानों की ओर से आर्बिट्रेशन दाखिल किया जा चुका है। प्रशासन की ओर से जो भी निर्णय लिए जाएंगे, उसे मानेंगे।
एनएचएआइ के इंजीनियर अरुण कुमार ने बताया कि मानीराम के कुछ किसानों की मौजूदगी में जमीन चिह्नित की गई। इस दौरान गांव के प्रधान दीपक कुमार, किसान मनोज कुमार पांडेय, अंकित पांडेय, प्रभुनाथ, अनवर अली, सज्जाम आदि उपस्थित रहे। जो जमीन रिंग रोड के लिए चिह्नित है, वहां अधिकतर किसानों की ओर से रोपाई नहीं की गई है। एनएचएआइ के परियोजना निदेशक ने बताया कि किसानों की सहमति से यह काम जारी रहेगा।
क्या कहते हैं किसान
मानीराम के किसान अमरनाथ पांडेय ने कहा कि हमारे परिवार की तीन एकड़ 60 डिसमिल जमीन रिंग रोड में जा रही है। विकास कार्य में बाधा बनने की हम लोगों की कोई मंशा नहीं है। बढ़ी हुई दर से मुआवजा पाने के लिए आर्बिट्रेशन दाखिल करने की प्रक्रिया चल रही है। रिंग रोड बन जाने से हमें भी फायदा होगा।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।