गोरखपुर में बंद दुकानों के लाइसेंस पर चल रहा कोडिन युक्त कफ सीरप खरीद-बिक्री का खेल, बिक गईं आठ हजार बोतल
कोडिन मिश्रित कफ सीरप और ट्रामाडाल की बड़ी मात्रा में बिक्री बंद दुकानों के लाइसेंस पर हुई। गोरखपुर और कुशीनगर की ये दुकानें लंबे समय से बंद थी ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, गोरखपुर। दवा की बंद दुकानों के लाइसेंस पर कोडिन मिश्रित कफ सीरप, दर्द निवारक ट्रामाडाल की बड़ी मात्रा में बिक्री हुई है। कोडिन व ट्रामाडाल की खरीद-बिक्री की जांच कर रहे औषधि प्रशासन विभाग को दो ऐसी दुकानों का रिकार्ड मिला है जो लंबे समय से बंद हैं। इनमें एक दुकान गोरखपुर और दूसरी कुशीनगर में है। कुशीनगर वाली दुकान पर वाराणसी व जौनपुर से भी कोडिन सीरप व ट्रामाडाल गोली भेजी गई है। दोनों के संचालक बिहार के गोपालगंज के रहने वाले हैं।
तिवारीपुर थाना क्षेत्र के घोसीपुर में एनए फार्मा के नाम से थोक दवा की बिक्री का लाइसेंस लिया गया है। यह दुकान लंबे समय से बंद है। जांच में पता चला कि एनए फार्मा पर एक वर्ष में आठ हजार से ज्यादा बोतल कोडिन मिश्रित सीरप की खरीद हुई है। दुकान पर आठ हजार गोली ट्रामाडाल भी खरीदा गया है।
जांच आगे बढ़ी तो पता चला कि कुशीनगर के एनके फार्मा को इस दुकान से आठ सौ बोतल कोडिन सीपर बेची गई है। एनके फार्मा ने वाराणसी और जौनपुर के थोक विक्रेताओं से भी कोडीन सीरप खरीदी है। दोनों दुकानें बंद हैं और मकान मालिकों को भी संचालकों के बारे में कोई जानकारी नहीं है। जांच के लिए कुशीनगर गई औषधि विभाग की टीम वापस आ गई है।
सहायक आयुक्त औषधि पूरनचंद ने बताया कि बिहार के गोपालगंज से दोनों दुकानदार धंधा चला रहे थे। यह गंभीर प्रकरण है। दोनों की मिलीभगत के साक्ष्य मिले हैं। उनको वाट्सएप व ईमेल के जरिये नोटिस भेजा गया है।

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