भारत-नेपाल संबंधों को मजबूत करेगा गोरखपुर का ये युद्ध स्मारक, योजना में खर्च होंगे 45 करोड़
गोरखपुर में गोरखा युद्ध स्मारक को और भव्य बनाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने भूमि पूजन किया। 1.33 एकड़ में 45 करोड़ की लागत से बनने वाला यह स्मारक गोरखा सैनिकों के पराक्रम का प्रतीक होगा और भारत-नेपाल संबंधों को मजबूत करेगा। सीएम योगी ने कहा कि गोरखा सैनिकों ने हमेशा देश के लिए बलिदान दिया है।स्मारक कृतज्ञता का भाव जीवंत करेगा।

जागरण संवाददाता, गोरखपुर । गोरखा सैनिकों की शौर्यगाथाओं और बलिदानों को अमर बनाने के लिए गोरखपुर का ऐतिहासिक गोरखा युद्ध स्मारक अब और भव्य रूप लेगा। गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने संयुक्त रूप से स्मारक के सौंदर्यीकरण और संग्रहालय निर्माण का भूमि पूजन किया। 1.33 एकड़ में फैले इस प्रोजेक्ट पर 45 करोड़ रुपये खर्च होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह स्मारक न केवल वीर सैनिकों के पराक्रम का प्रतीक होगा बल्कि भारत- नेपाल संबंधों को भी और मजबूत करेगा।
सीएम योगी ने कहा कि भारतीय सेवा के वीर सैनिकों को सैल्यूट करने के लिए हम सब एकत्र हुए हैं। पूरी दुनिया भारतीय सेना के शौर्य की चर्चा करती है और उसमें गोरखा सबसे ऊपर हैं। 1815 में जब गोरखा ने अंग्रेजों से युद्ध किया, तब उन्हें संधि करने पर मजबूर होना पड़ा और इसके बाद गोरखा सैनिकों को सेना में शामिल होने का अवसर मिला। आजादी के बाद गोरखा भारतीय सेना के हिस्सा बने। युद्ध में इन वीर सैनिकों ने विभिन्न मोर्चों पर विजय श्री प्राप्त की।
भारत- नेपाल सांस्कृतिक को सुदृढ़ करेगा स्मारक
सीएम ने कहा, यह स्मारक कृतज्ञता का भाव जीवंत करेगा और भारत- नेपाल के सांस्कृतिक व राजनीतिक संबंधों को और सुदृढ़ करेगा।सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने कहा कि गोरखा सैनिक भारतीय सेना की पहचान हैं। उन्होंने याद दिलाया कि केवल प्रथम विश्व युद्ध में ही 20 हजार गोरखा जवानों ने बलिदान दिया था।
यह स्मारक शौर्यगाथाओं को जीवंत रखेगा और आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा। उन्होंने कहा कि स्मारक भारत–नेपाल के ऐतिहासिक रिश्तों को भी नई मजबूती देगा।कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी ने पांच वीर नारियों को सम्मानित किया। गोरखा बैंड द्वारा प्रस्तुत “सिंदूर नहीं मिटने देंगे” गीत और पारंपरिक खुखरी नृत्य ने माहौल को भावनात्मक बना दिया। साथ ही, गोरखा सैनिकों के इतिहास और पराक्रम पर आधारित वीडियो प्रस्तुति ने दर्शकों को रोमांचित किया।
गोरखा रेजीमेंट के अध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल संजीव चौहान ने बताया कि गोरखपुर का यह युद्ध स्मारक विश्व स्तर पर विशिष्ट है। यहां मौजूद दुर्लभ ब्रांच मेडल दुनिया में केवल तीन जगह है, पहला गोरखपुर दूसरा वाराणसी और तीसरा लंदन में। नए स्वरूप में यह स्मारक गोरखा सैनिकों की परंपरा और बलिदानों को अमर करेगा।
इस अवसर पर केंद्रीय राज्य मंत्री कमलेश पासवान, सांसद रवि किशन, विधायक विपिन सिंह, महेंद्र पाल सिंह, प्रदीप शुक्ल, राजेश त्रिपाठी, सरवन निषाद, विमलेश पासवान, मंडलायुक्त अनिल ढींगरा, डीआइजी डॉ. एस चनप्पा, डीएम दीपक मीना और एसएसपी राजकरन नय्यर सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे। मुख्यमंत्री और सीडीएस ने गोरखा के रेजिमेंटल मंदिर में मां काली की पूजा करने का साथ ही पुष्पांजलि अर्पित कर वीर जवानों को नमन किया।
पुलिस बल में भी बनेगा स्मारक
सीएम योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस दुनिया की सबसे बड़ी पुलिस फोर्स है, जिसमें 4.30 लाख पुलिसकर्मी काम करते हैं। सरकार ने फैसला लिया है कि पीएसी और पुलिस लाइन में भी स्मारक बनाए जाएंगे, जिससे पुलिसकर्मियों को आत्ममंथन का अवसर मिलेगा।
अग्निवीरों को मिलेगा अवसर
मुख्यमंत्री ने कहा कि सेवा में शामिल हुए अग्निवीर अगले वर्ष आएंगे और उत्तर प्रदेश पुलिस में 20 प्रतिशत स्थान उन्हें दिया जाएगा। यह व्यवस्था उनके जीवन और सुरक्षा की गारंटी बनेगी।
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