गोरखपुर में उर्वरक की दुकानों पर छापेमारी, दो का लाइसेंस निलंबित, चार को जारी किया कारण बताओ नोटिस
उर्वरकों की कालाबाजारी और अनियमित बिक्री रोकने के लिए प्रशासन ने सख्ती की है। छापेमारी में दो दुकानों के लाइसेंस निलंबित किए गए, चार को नोटिस द ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, गोरखपुर। उर्वरकों की कालाबाजारी और अनियमित बिक्री पर अंकुश लगाने के लिए प्रशासन ने सख्ती बढ़ा दी है। आकस्मिक निरीक्षण व छापेमारी के दौरान सोमवार को दो दुकानों का लाइसेंस निलंबित कर दिया गया है। वहीं चार दुकानदारों को कारण बताओं नोटिस और दो के व्यवसाय पर प्रतिबंध लगाया गया।
इसके अलावा कालाबाजारी और जमाखोरी की पुष्टि होने पर दो दुकानदारों पर सहजनवां व गुलरिहा थाने में केस दर्ज कराया गया है। कृषि विभाग ने दिसंबबर में अब तक 11 दुकानों का लाइसेंस निलंबित कर चुकी है। वहीं 22 से अधिक को नोटिस दिया है।
क्या बोले जिला कृषि अधिकारी?
जिला कृषि अधिकारी देवेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि सहजनवा विकास खंड स्थित साधन सहकारी समिति (बी-पैक्स) भीटी रावत निरीक्षण के समय बंद मिला, जबकि रोस्टर के अनुसार समिति का प्रतिदिन खुलना अनिवार्य है। समिति बंद मिलने के कारण जांच नहीं हो सकी, जिस पर सचिव को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। मेसर्स निषाद खाद भंडार, जोगिया कोल (सहजनवा) के प्रोपराइटर मुरलीधर सिंह व विक्रेता दिनेश निषाद तथा मेसर्स श्री मां लक्ष्मी ट्रेडिंग कंपनी, जंगल डुमरी नंबर एक (भटहट) के प्रोपराइटर दीपचंद जायसवाल को उर्वरक व्यवसाय में अनियमितता और यूरिया की कालाबाजारी व जमाखोरी में संलिप्त पाए जाने पर आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3/7 के तहत एफआईआर दर्ज कराई गई। दोनों विक्रेताओं के उर्वरक निबंधन प्रमाण पत्र भी निलंबित कर दिए गए हैं। संबंधित मामले सहजनवा और गुलहरिया थाना में तहरीर देकर केस दर्ज कराए गए हैं।
वहीं मेसर्स अखिल खाद भंडार, गौर खास (गगहां) में रेट व स्टाक बोर्ड नहीं पाया गया। उरुवा विकास खंड के हरपुर स्थित मेसर्स किसान सेवा केंद्र और मेसर्स जनता खाद भंडार द्वारा भी रेट व स्टाक बोर्ड का अंकन न करने और व्यवसायिक अभिलेख प्रस्तुत न करने पर दुकानदारों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया।
इसके अलावा गोला विकास खंड के बनवारपार स्थित मेसर्स लाला ब्रदर्स और मेसर्स किसान सेवा केंद्र में पीओएस मशीन पर दर्शाए गए यूरिया स्टरक और भौतिक स्टाक में अंतर पाया गया। आइएफएमएस पोर्टल के आंकड़ों से भी भिन्नता मिलने पर दोनों प्रतिष्ठानों का उर्वरक व्यवसाय अस्थायी रूप से प्रतिबंधित कर स्पष्टीकरण मांगा गया है। जिला कृषि अधिकारी ने कहा कि नोटिस का जबाब मिलने के बाद नियमानुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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