गोरखपुर, जागरण संवाददाता। सिनेमा हॉलों से घिरे गोरखपुर शहर के विजय चौराहे को अगर फूड जोन कहा जाए तो गलत नहीं होगा। यहां मौजूद तरह-तरह की खानपान की दुकानें लोगों की हर डिमांड पूरी करने सक्षम है। चौराहे पर ऐसी ही एक दुकान अन्नपूर्णा नाम की है, जिसके पूड़ी-कचौड़ी, जलेबी और समोसे का स्वाद बीते पांच दशक से भी अधिक समय से लोगों की जुबां पर चढ़ा हुआ है। सुबह से शाम तक आज भी उमड़ने वाली सैकड़ों ग्राहकों की भीड़ प्रतिष्ठान के व्यंजन की गुणवत्ता की लोकप्रियता का प्रमाण है।
साढ़े पांच दशक पहले खुली थी दुकान
वर्तमान में दुकान की कमान संभाल रहे अभिषेक गुप्ता ने बताया कि अन्नपूर्णा स्वीट्स नाम की यह दुकान उनके नाना बेचन प्रसाद ने करीब साढ़े पांच दशक पहले खोली थी। इसका शुरुआती नाम संतोष जलपान गृह था, जिसे नाना ने मामा के नाम रखा था। शुरुआती दौर में उन्हें ग्राहकों का दिल जीतने के लिए संघर्ष करना पड़ा, लेकिन व्यंजन की गुणवत्ता को लेकर सतर्क रहने के चलते जल्द ही प्रतिष्ठान लोकप्रिय हो गया।
ऐसे बढ़ी दुकान की लोकप्रियता
अभिषेक के मुताबिक जब उनके पिता गोविंद प्रसाद गुप्ता ने प्रतिष्ठान में हाथ बंटाना शुरू किया तो लोकप्रियता और बढ़ गई। बहुत से ग्राहक नियमित हो गए। लोग खुद तो पूड़ी-कचौड़ी खाते ही थे, पैक कराकर घर वालों के लिए भी ले जाते थे। अभिषेक ने बताया कि पिता के रहते वह उनके भाई विवेक गुप्ता ने भी दुकान पर आना शुरू किया और धीरे-धीरे गुणवत्ता का मानक पूरा करते हुए प्रतिष्ठान चलाना सीख लिया। यही वजह है कि आज जब पिता गोविंद इस दुनिया में नही हैं, तो भी पुराने नाम पर आने वाले ग्राहकों को स्वाद को लेकर कोई शिकायत नहीं होती, वह पूरा संतुष्ट होकर जाते हैं।
गुणवत्ता को लेकर कोई समझौता नहीं
अभिषेक बताते हैं कि गुणवत्ता को लेकर वह कोई समझौता नहीं करते। हर व्यंजन का कच्चा माल वह अपनी देखरेख में तैयार कराते हैं। रेडीमेड सामान का इस्तेमाल बिल्कुल नहीं करते। व्यंजन को लेकर विरासत में मिले स्वाद के जरिये ग्राहकों के मानक पर खरा उतरने के लिए वह उनके भाई प्रतिबद्ध हैं।