Updated: Sun, 21 Sep 2025 09:20 PM (IST)
सीएम योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार 2047 तक विकसित राज्य के लक्ष्य पर काम कर रही है। इसके लिए बुद्धिजीवियों और आम जनता से सुझाव आमंत्रित किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि राज्य की अर्थव्यवस्था में सुधार हो रहा है और प्रति व्यक्ति आय भी बढ़ रही है। सरकार द्वारा निर्धारित क्षेत्रों में सुझाव देकर हर व्यक्ति विकसित उत्तर प्रदेश विजन 2047 में योगदान कर सकता है।
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 2047 तक विकसित भारत बनाने की संकल्पना के अनुरूप प्रदेश सरकार ‘विकसित उतर प्रदेश विजन 2047’ पर काम कर रही है। यह बताते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री के आह्वान के तीन साल बाद जब कहीं से इसे लेकर आवाज नहीं आई तो उत्तर प्रदेश ने इसकी शुरुआत की।
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अगस्त में विकसित उत्तर प्रदेश के लिए एक विजन बनाने को विधानमंडल में लगातार 24 घंटे चर्चा हुई। इस चर्चा को आगे बढ़ाने के लिए प्रदेश के 300 से अधिक बुद्धिजीवी लगे हैं। इसमें सेवानिवृत्त आइएएस, कुलपति, शिक्षक, चिकित्सक, उद्यमी शामिल हैं।
यह बुद्धिजीवी प्रदेश के विभिन्न अकादमिक संस्थाओं में जाकर विकसित उत्तर प्रदेश के विजन पर छात्रों व अन्य लोगों से चर्चा कर रहे हैं। मुख्यमंत्री रविवार को महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के प्रेक्षागृह में ‘विकसित भारत-विकसित उत्तर प्रदेश विजन-2047’ पर आयोजित कार्यशाला को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने बताया कि बुद्विजीवियों की टीम अब तक प्रदेश के 110 से अधिक अकादमिक संस्थाओं में भ्रमण कर छात्रों से और जनता से संवाद कर चुकी है। ये टीम अलग-अलग क्षेत्रों के लोगों के बहुमूल्य विचारों को भी आमंत्रित कर रही। अब आमजन का सुझाव लेने तैयारी है।
कार्यशाला के मंच से मुख्यमंत्री ने विकसित यूपी 2047 के विजन के सुझाव भी आमंत्रित किया। कहा कि सरकार द्वारा निर्धारित 12 सेक्टर में से किसी भी क्षेत्र में अपने सुझाव देकर राज्य का हर व्यक्ति यूपी को विकसित बनाने में योजक की भूमिका निभा सकता है।
उन्होंने आह्वान किया कि हर व्यक्ति सरकार द्वारा जारी ‘विकसित उतर प्रदेश विजन 2047’ के क्यूआर कोड को मोबाइल फोन में स्कैन कर अपने सुझाव अवश्य दें। योगी ने विश्वास जताया कि यदि विकसित भारत और विकसित उत्तर प्रदेश का विचार सामने आया है तो वह मूर्त रूप अवश्य लेगा।
महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की ओर से आयोजित इस कार्यशाला में मुख्यमंत्री ने प्रदेश की पूर्व और वर्तमान दशा का विस्तार से उल्लेख किया और भावी दशा के लिए एक रोडमैप रखा। योगी ने कहा कि आजादी मिलने के बाद 1947 के देश की अर्थव्यवस्था में उत्तर प्रदेश का योगदान 14 प्रतिशत था।
इसके बाद इसमें लगातार गिरावट आती गई। 2017 में उनके मुख्यमंत्री बनने के बाद इसमें सुधार आना शुरू हुआ। 2017 तक उत्तर प्रदेश की जीडीपी 12 लाख 36 हजार करोड़ रुपये थी। वर्ष के अंत तक प्रदेश सरकार इसे 36 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचाने जा रही है।
यानी मात्र नौ साल में तीन गुणा की वृद्धि जीडीपी में हुई है। इसी तरह राज्य में प्रति व्यक्ति आय भी नौ साल में 45 हजार रुपये से बढ़कर एक लाख 20 हजार रुपये पर पहुंच रही है। आज प्रदेश में हरेक सेक्टर में विकास देखने को मिल रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत विकसित हो सकता है। इसके लिए हमें उत्तर प्रदेश को विकसित करना होगा। प्रदेश के हर नगर, कस्बे और गांव को विकसित करने के लिए कार्य करना होगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि हमें पांच से 10 वर्ष के छोटे-छोटे लक्ष्य को विजन डाक्यूमेंट में समाहित करना है।
सम्मानित होगा सर्वश्रेष्ठ सुझाव मुख्यमंत्री ने आग्रह किया कि विकसित उत्तर प्रदेश विजन 2047 के लिए हर नागरिक समर्थ उत्तर प्रदेश पोर्टल पर अपना सुझाव अवश्य दे। उन्होंने बताया कि जिसे के विकास से जुड़े सर्वश्रेष्ठ तीन सुझाव को सम्मानित किया जाएगा।
इसी प्रकार राज्य के विकास से जुड़े पांच सर्वश्रेष्ठ सुझाव को भी सम्मानित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में लाखों की संख्या में सुझाव आ रहे है। इस पर पूरी टीम कार्य कर रही है।
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