Indian Railway News: कवच से सुरक्षित होगी रेलयात्रा, प्रणाली लगाने का काम शुरू
पूर्वोत्तर रेलवे 558 किमी मेनलाइन को कवच से लैस करेगा जिसके लिए 492 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है। इस तकनीक से ट्रेनों की टक्कर रोकी जा सकेगी ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, गोरखपुर। यात्रियों की सुरक्षा नई तकनीक से मजबूत की जाएगी। पूर्वोत्तर रेलवे के लखनऊ-गोरखपुर-छपरा और बुढ़वल-सीतापुर रेलमार्ग पर लगभग 558 किमी मेनलाइन को कवच से लैस करने की तैयारी है। इसके लिए टावर स्थापना का कार्य आरंभ हो गया है। इस परियोजना के लिए 492 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
ट्रेनों के संचालन में सुरक्षा के लिए तकनीक का प्रयोग बढ़ रहा है। इसके तहत कवच प्रणाली का इस्तेमाल किया जाएगा। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि कवच ऐसी सुरक्षा तकनीकी है, जो ट्रेनों की टक्कर को रोकने और रेल संचालन को अधिक सुरक्षित बनाने के लिए तैयार की गई है।
इसमें ट्रेन, ट्रैक और स्टेशन पर इलेक्ट्रानिक उपकरण लगाए जाते हैं, जो रेडियो फ्रीक्वेंसी के जरिए आपस में संवाद करते हैं। किसी तरह का खतरा महसूस होते ही लोको पायलट को अलर्ट मिलता है और आवश्यकता पड़ने पर ट्रेन अपने आप ब्रेक लगाकर रुक जाती है।
यह प्रणाली सिग्नल पार करने की गलती को रोकने, ट्रेनों की गति नियंत्रित करने, कोहरे में दृश्यता कम होने पर ट्रेन चलाने में मदद करने, लेवल क्रासिंग के पास स्वचालित रूप से हार्न बजाने और आपातकालीन स्थिति में मैन्युअल ब्रेक लगाने जैसी सुविधाएं प्रदान करती है।
रेलवे अधिकारियों का कहना है कि काम की शुरुआत से ही परियोजना को तेज रफ्तार दी जा रही है। इसके पूरा होते ही यात्रियों की सुरक्षा में बड़ा बदलाव दिखेगा। ट्रेन संचालन पहले से अधिक सुरक्षित और सुगम होगा।
पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने बताया कि प्रारंभिक चरण में दूरसंचार टावर लगाने का कार्य शुरू हो गया है। इसके बाद पटरियों पर सेंसर, रेडियो फ्रीक्वेंसी पहचान टैग (आरएफआइडी) और कंट्रोल रूम संबंधित कार्य होंगे। आप्टिकल फाइबर केबल बिछाने का कार्य भी इसी परियोजना का हिस्सा है।

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