Gorakhpur News: गुमनाम पत्र से रंगदारी मांगने वाले की जांच शुरू, खंगाले जा रहे सीसी कैमरे
गोरखपुर में व्यापारी दिलीप कुमार त्रिपाठी को रंगदारी और पोते की हत्या की धमकी मिली। पुलिस व्यापारी और चालक से पूछताछ कर रही है सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं। पुलिस को किसी करीबी पर शक है जिसे परिवार की गहरी जानकारी है। एसपी दक्षिणी जितेन्द्र कुमार ने जल्द खुलासे की बात कही है।

जागरण संवाददाता, गोरखपुर। गुमनाम पत्र से व्यापारी को धमकी देने और रंगदारी मांगने की जांच पुलिस ने शुरू कर दी। एसपी दक्षिणी जितेन्द्र कुमार के नेतृत्व में सिकरीगंज थाने की पुलिस ने व्यापारी और उनके चालक से पूछताछ की।
पादरी बाजार स्थित घर से सिकरीगंज कांपलेक्स तक के सीसी कैमरों का फुटेज देखा जा रहा है। इसके साथ ही व्यापारी के यहां गाड़ी चला चुके चालकों की भी तलाश चल रही है। पुलिस को आशंका है कि किसी करीबी ने ही पत्र भेजकर रंगदारी और पोते की हत्या करने की धमकी दिया है।
गुलरिहा के शिवपुर सहबाजगंज संगम चौराहे के रहने वाले दिलीप कुमार त्रिपाठी का सिकरीगंज में काम्पलेक्स है। इसमें एसबीआइ की शाखा समेत अन्य दुकानें हैं। दिलीप ने पुलिस को तहरीर देते हुए बताया था कि बुधवार को दोपहर 1:30 बजे एक युवक ने उनके चालक सिकरीगंज निवासी अंबिका पाल को पत्र देकर उन्हें देने को कहा।
इसके बाद चालक उनके पास आकर पत्र दिया, जिसमें लिखा था कि आपका उत्तराधिकारी (पोता) अमृतांश त्रिपाठी लखनऊ ओमेगा ग्रीन पार्क टावर दो चिनहट थाना क्षेत्र में रहता है। अगर दो लाख रुपये रात 11:30 बजे एक्सप्रेसवे पर नहीं भेजे तो उत्तराधिकारी की हत्या कर देंगे।
इस मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस ने शुक्रवार को दिलीप त्रिपाठी से पूछताछ की और जिस मार्ग से वह सिकरीगंज गए, उस मार्ग पर लगे सीसी कैमरे की जांच की। साथ ही व्यापारी द्वारा उपलब्ध कराए गए फोटो और थार से आने वाले युवक की भी तलाश की गई।
बुधवार को दो थार इनके कांपलेक्स के आसपास दिखी। सिकरीगंज पुलिस की जांच में एक थार खोराबार क्षेत्र की निकली और दूसरी थार लिंक एक्सप्रेसवे का काम करा रहे ठीकेदार की थी। व्यापारी द्वारा दिया गया फोटो भी ठीकेदार का निकला। जिसे दिखाने पर व्यापारी और चालक ने भी पुलिस से कहा कि पत्र देने वाले ये नहीं थे।
सफदे शर्ट-पैंट में आया था युवक
पुलिस द्वारा जांच करने पर व्यापारी ने कहा कि उन्हें नहीं मालूम, चालक ने बताया था कि थार से युवक आया था, फोटो को देखने के बाद उसने ही पहचान की थी। इधर, चालक से पूछताछ करने पर वह भी अपनी बातों से मुकर गया। अब उसने पुलिस को बताया कि सफेद पैंट और शर्ट में युवक आया था और पत्र देकर दिलीप त्रिपाठी को देने को कहा था।
चालक को भी नहीं होती कहीं जाने की जानकारी
व्यापारी दिलीप त्रिपाठी ने बताया कि एमपी में उनका ईंट का कारोबार है। इस समय घर में गमी है, इसलिए वह यहां रुके है। उन्हें कहा जाना होता है, इसकी जानकारी चालक को तब होती है, जब वह गाड़ी पर बैठते है। इसके अलावा लखनऊ में उनका बेटा, बहू और पोता तीनों रहते है। पोता का नाम और उसके रहने वाले स्थान के बारे में किसी को जानकारी नहीं है।
पत्र लिखने वाला कोई करीबी
पुलिस ने धमकी भरे पत्र को पढ़ने के बाद आशंका जता रही है कि इनती गहरी और सटीक जानकारी किसी करीबी को हो सकती है। उसे सबकुछ पता है कि कौन कहा रहता है, किसे धमकी देना है। इसके अलावा पत्र में लिखे गए शब्दों और लिखावट के तरीके से भी यह आशंका जतायी जा रही है कि लिखने वाले ने जानबुझकर यह बताने की कोशिश की है कि उसे बहुत पढ़ना-लिखना नहीं आता है।
गुमनाम पत्र से रंगदारी मांगे जाने और धमकी देने के मामले की जांच चल रही है। व्यापारी और उनके चालक से पूछताछ की गई है। सीसी कैमरे में घटना के दिन दो थार दिखे, लेकिन वह दूसरे की निकली। व्यापारी ने भी इसकी पुष्टि की है। चालक से भी पूछताछ चल रही है। जल्द ही घटना का पर्दाफाश कर दिया जाएगा।
जितेन्द्र कुमार, एसपी दक्षिणी
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