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    Cyber Crime: हैकर ने APK फाइल भेज व्यापारी के खाते से 15.50 लाख निकाले, सावधानी हटते ही लग गया चूना

    Updated: Sun, 03 Aug 2025 07:30 AM (IST)

    गोरखपुर में एक व्यापारी क्रेडिट कार्ड के झांसे में आकर साइबर ठगी का शिकार हो गया। ठगों ने बैंक कर्मचारी बनकर एपीके फाइल के जरिए स्क्रीन शेयर करवाकर खाते से 15.50 लाख रुपये उड़ा लिए। साइबर पुलिस मामले की जांच कर रही है और लोगों को इस तरह की जालसाजी से बचने की सलाह दे रही है।

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    खुद को बैंक का कर्मचारी बताया झांसे में लिया। जागरण

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। साइबर अपराधियों ने शाहपुर क्षेत्र में रहने वाले व्यापारी को क्रेडिट कार्ड का झांसा देकर खाते से 15.50 लाख रुपये निकाल लिए।जालसाजों ने खुद को बैंक का कर्मचारी बताते हुए एपीके फाइल भेजने के बाद वाट्सएप कॉल कर स्क्रीन शेयर करवाया और खाते की पूरी जानकारी हासिल कर ली। महज कुछ मिनटों में पीड़ित का मोबाइल हैक हो गया और धीरे-धीरे खाते से रकम निकल गई।साइबर थाना पुलिस मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच कर रही है।

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    शाहपुर के जंगल सालिकराम के रहने वाले व्यापारी अरुण कुमार शर्मा ने पुलिस को बताया कि बुधवार को उनके पास काल आई। दूसरी तरफ से बात करने वाले ने बताया कि वह पीएनबी के क्रेडिट कार्ड हेड आफिस से राहुल शर्मा बोल रहा है।

    उसने कहा कि आपको पांच लाख रुपये की क्रेडिट कार्ड लिमिट मिल सकती है।झांसे में लेने के बाद उसने वाट्सएप के जरिए वेरिफिकेशन के नाम से एक एपीके फाइल भेजी जिसे डाउनलोड करने को कहा।

    मदद के बहाने उसने वाट्सएप कॉल कर उसने अरुण से स्क्रीन शेयर कराया जिसके कुछ देर बाद ही उनका मोबाइल फोन बंद हो गया। रात करीब आठ बजे अरुण के मोबाइल पर लगातार ट्रांजेक्शन और ओटीपी के मैसेज आने लगे। जब उन्होंने कॉलर को फोन किया तो उसने कहा कि आपकी लिमिट 14.51 लाख बन रही थी, लेकिन आपको पांच लाख रुपये की लिमिट देनी है। इसलिए खाते में लगातार लेनदेन दिख रहा है, इससे लिमिट सेट हो जाएगी।

    संदेह होने पर उन्होंने पीएनबी हेल्पलाइन पर फोन किया तो पता चला कि खाते से 15.50 लाख रुपये की रकम फिक्स डिपाजिट तोड़कर निकाल ली गई है, उनके साथ जालसाजी हुई है। इसके बाद उन्होंने साइबर हेल्पलाइन 1930 पर मामले की जानकारी दी।

    क्या होती है एपीके फाइल?

    एपीके (एंड्रायड पैकेज किट) एक ऐसा फाइल फार्मेट है, जिसका उपयोग एंड्रायड मोबाइल में एप इंस्टाल करने के लिए किया जाता है। जब आप गूगल प्ले स्टोर से कोई एप डाउनलोड करते हैं, तो असल में वही एपीके फाइल फोन में इंस्टाल होती है।

    साइबर ठग खुद को बैंक या क्रेडिट कार्ड कंपनी का कर्मचारी बताकर काल करते हैं। फिर वाट्सएप या मैसेज के जरिए एपीके फाइल भेजते हैं। इसे डाउनलोड करते ही मोबाइल में एक ऐसा एप इंस्टाल हो जाता है जो स्क्रीन रिकार्डिंग, कीबोर्ड ट्रैकिंग और मोबाइल का कंट्रोल हैकर्स को सौंप दिया।

    जैसे ही पीड़ित स्क्रीन शेयर करता है या बैंकिंग ऐप खोलता है, हैकर लाइव देख सकते हैं कि क्या जानकारी दर्ज की जा रही है। ओटीपी के बिना भी वे फिक्स डिपाजिट तोड़कर ट्रांजेक्शन कर सकते हैं।

    इस जालसाजी से कैसे बचें?

    • केवल गूगल प्ले स्टोर से ही एप डाउनलोड करें।
    • किसी भी अनजान नंबर से आए एपीके फाइल को न खोलें, न डाउनलोड करें।
    • मोबाइल की सेटिंग में अननोन सोर्सेस से एप इंस्टाल करने की अनुमति को बंद रखें।
    • किसी को भी स्क्रीन शेयर न करें, खासकर बैंकिंग से जुड़े समय पर।
    • संदेह होने पर तुरंत 1930 या साइबर हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज कराएं।