गोरखपुर में बड़ा हादसा: गोर्रा नदी में यात्रियों से भरी नाव डूबी, एक युवक लापता
गोरखपुर के झंगहा में गोर्रा नदी में यात्रियों से भरी नाव डूब गई। नाव में सवार आठ लोगों में से सात तैरकर सुरक्षित निकल गए, जबकि 17 वर्षीय कृष कुमार चतुर्वेदी लापता है। स्थानीय गोताखोर उसकी तलाश कर रहे हैं। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हादसा नाविक की लापरवाही से हुआ। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

नदी में युवक की चल रही तलाश। जागरण
संवाद सूत्र, झंगहा (गोरखपुर)। गोर्रा नदी में शनिवार की सुबह करही घाट पर यात्रियों से भरी नाव डूब गई, जिससे पूरे इलाके में हड़कंप मच गया।नाव में कुल आठ लोग सवार थे जिसमें सात तैरकर बाहर निकल गए लेकिन झंगहा क्षेत्र के जोगिया गांव निवासी 17 वर्षीय कृष कुमार चतुर्वेदी नदी में बह गया।स्थानीय गोताखोरों की टीम उसकी तलाश में जुटी है।
हादसा सुबह करीब 11 बजे करही घाट पर उस समय हुआ जब नाव नदी पार कर यात्रियों को राजधानी गांव की ओर ले जा रही थी। नाव में सवार बसुही गांव निवासी लक्ष्मण, राजधानी गांव के विजय मद्धेशिया समेत सात लोग तैरकर बाहर निकल गए।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, यह हादसा नाविक की लापरवाही से हुआ। दूसरे छोर पर पहुंचने के बाद यात्री अभी उतरने जा रहे थे तभी नाविक ने इंजन स्टार्ट कर दिया और नाव आगे बढ़ गई। नदी के बीच में बने ठोकर से टकराने पर नाव का एक हिस्सा टूट गया, जिससे पानी भरने लगा और नाव डूब गई।
बसुही गांव के विशाल ने बहादुरी दिखाते हुए कई लोगों को डूबने से बचाया।लेकिनकृष बह गया। हादसे के बाद नाविक फरार हो गया। ग्रामीणों ने बताया कि जिस जगह हादसा हुआ वहां पहले पीपा पुल बना हुआ था, लेकिन नदी में पानी बढ़ने के कारण उसे हटाया गया था। इसके बाद घाट पार करने के लिए नाव का इस्तेमाल किया जा रहा था।

घाट पर नाव संचालन का ठीकासहजनवा के एक व्यक्ति के पास है। नाव में पांच मोटरसाइकिलें भी चढ़ाई गई थीं जो नदी में समा गईं।
एसपी उत्तरी जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि गोताखोर की मदद से किशोर की तलाश चल रही है। हादसे कैसे हुआ इसकी जांच कराई जा रही है।जल्द ही स्थिति साफ हो जाएगी।
पांच वर्ष पहले हुई थी बहन की मौत
जोगिया गांव निवासी मदनेशचतुर्वेदी का बेटा कृषबड़ोदरा में रहकर पढ़ाई करता था। दीपावली की छुट्टी में स्वजन के साथ गांव आया था। उसकी बड़ी बहन सोनी की पांच वर्ष पूर्व बीमारी से मृत्यु हो चुकी थी, जिससे कृष ही माता-पिता की एकमात्र संतान था। उसकी मौत की आशंका से परिवार बदहवास है।

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