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    'छह मंडल मुख्यालय पर खुलेंगे आयुष कॉलेज, हर जिले में 100 बेड का आयुष वेलनेस सेंटर...' CM योगी की घोषणा

    By Jagran NewsEdited By: Vivek Shukla
    Updated: Wed, 02 Jul 2025 08:52 AM (IST)

    गोरखपुर में महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय का लोकार्पण राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हर जिले में आयुष वेलनेस सेंटर खुलेंगे। यह विश्वविद्यालय आयुष शिक्षा और शोध का केंद्र बनेगा रोजगार बढ़ाएगा और हेल्थ टूरिज्म को बढ़ावा देगा। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने किसानों से औषधीय पौधे लगाने का आह्वान किया। आयुष मंत्री ने कहा कि यह विश्वविद्यालय 25 करोड़ लोगों की सेवा करेगा।

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    महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय में आयोजित लोकार्पण व शिलान्यास समारोह को संबोधित करते मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ। जागरण

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश सरकार प्रत्येक जिले में 100 बेड वाले आयुष वेलनेस सेंटर की स्थापना करेगी। इन केंद्रों पर पंचकर्म, क्षार सूत्र जैसी पारंपरिक चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध होंगी। उन्होंने कहा कि छह ऐसे मंडल मुख्यालय, जहां अब तक आयुष कालेज नहीं हैं, वहां एक-एक आयुष महाविद्यालय खोला जाएगा।

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    मंगलवार को मुख्यमंत्री महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय के लोकार्पण समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने विश्वविद्यालय का लोकार्पण किया, जबकि राज्यपाल आनंदीबेन पटेल विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद रहीं। अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा से देश में आयुष पद्धतियों को नया मंच मिला है।

    उन्होंने 2014 में आयुष मंत्रालय की स्थापना कर आयुर्वेद, योग, यूनानी, होम्योपैथ, नेचुरोपैथी और सिद्धा को वैश्विक पहचान दिलाई। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश में पहला आयुष विश्वविद्यालय गोरखपुर में स्थापित हुआ है, जो आयुष चिकित्सा की शिक्षा के साथ-साथ शोध का भी केंद्र बनेगा। किसानों और युवाओं के लिए रोजगार का नया अवसर लेकर आएगा। औषधीय पौधों की खेती को बढ़ावा देकर यह विश्वविद्यालय ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में सहायक होगा।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि हेल्थ टूरिज्म के क्षेत्र में भी यह विश्वविद्यालय महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और गोरखपुर हेल्थ टूरिज्म (चिकित्सा पर्यटन) का नया डेस्टिनेशन(स्थान) बनेगा। उन्होंने नाथपंथ और आयुर्वेद के ऐतिहासिक संबंध की चर्चा करते हुए कहा कि रस शास्त्र और धातु विज्ञान का विकास नवनाथों और चौरासी सिद्धों की परंपरा से हुआ है। उन्होंने कहा कि इसे व्यवस्थित रूप देने का श्रेय महायोगी गुरु गोरखनाथ को जाता है।

    एक गांव-एक औषधीय पौधा की शुरुआत करें किसान : राज्यपाल

    राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने लोकार्पण समारोह में किसानों का आह्वान किया कि वे ‘एक गांव-एक औषधीय पौधा’ अभियान की शुरुआत करें। उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय के रूप में पूर्वांचल को आयुर्वेद का बड़ा केंद्र मिलने जा रहा है, जिससे औषधीय खेती को बढ़ावा मिलेगा और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा।

    उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के आसपास के गांवों के किसान यदि औषधीय पौधों की खेती करें तो उन्हें अधिक आमदनी होगी और समाज को हानि रहित औषधियां भी मिलेंगी। उन्होंने सुझाव दिया कि एक गांव में एक खास किस्म के औषधीय पौधे लगाए जाएं और दूसरे गांव में अन्य प्रकार के। इससे क्षेत्र विशेष की पहचान भी बनेगी और विपणन में भी सहूलियत होगी।

    राज्यपाल ने कहा कि आज आयुर्वेद और होम्योपैथ जैसी पद्धतियों की जरूरत और स्वीकार्यता बढ़ रही है, लेकिन यह भी विचार करना होगा कि क्या ये चिकित्सा पद्धतियां आमजन तक समुचित रूप से पहुंच पा रही हैं। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से आयुष चिकित्सा को जनसामान्य तक पहुंचाया जाना चाहिए। इसके लिए डाक्टरों, जनप्रतिनिधियों और समाजसेवियों को मिलकर प्रयास करना होगा।

    उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सराहना करते हुए कहा कि दोनों नेता जन आरोग्यता के लिए निरंतर चिंतित रहते हैं। आयुष विश्वविद्यालय भी इसी दिशा में एक अहम कदम है। अपने संबोधन में राज्यपाल ने महिलाओं के स्वास्थ्य को लेकर बात की। इसके पहले प्रदेश सरकार के आयुष मंत्री दयाशंकर दयालु ने कार्यक्रम को संबोधित किया।

    राष्ट्रपति और राज्यपाल का स्वागत करते हुए उन्होंने मातृ शक्ति का आह्वान किया।अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि 2014 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आयुष मंत्रालय का गठन किया। उत्तर प्रदेश के चार हजार अस्पताल, 19 राजकीय मेडिकल कालेज, 86 निजी कालेज, काशी में आयुष का प्राकृतिक चिकित्सा का अस्पताल और आज आयुष विश्वविद्यालय 25 करोड़ लोगों की सेवा करने के लिए, स्वस्थ एवं निरोग करने के लिए समर्पित हो रहा है।

    उन्होंने कहा कि जीवन के विज्ञान, जीवन के निरोग और स्वस्थ रहने की कामना, जो मोदी और योगी का सपना है। निरोग भारत स्वस्थ भारत, दुनिया के लिए ऐसी मिसाल कायम करेगा जिसका पूरा विश्व सम्मान करेगा।

    कार्यक्रम में कुलपति प्रो. के. रामचंद्र रेड्डी ने स्वागत भाषण दिया। संचालन ऋचा पांडेय ने की। इस अवसर पर सांसद रवि किशन, प्रदेश सरकार के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, मत्स्य मंत्री संजय निषाद, स्थानीय विधायक महेन्द्रपाल सिंह, डा. विमलेश पासवान, प्रदीप शुक्ला समेत बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि और गणमान्यजन उपस्थित रहे।

    राष्ट्रपति ने किया फोटो प्रदर्शनी का अवलोकन

    कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने फोटो प्रदर्शनी का अवलोकन किया। उत्तर प्रदेश के विकास से लेकर विरासत पर आधारित प्रदर्शनी में गंगा एक्सप्रेसवे जेट के उतरने, अशफाक उल्ला खां प्राणी उद्यान, अटल आवासीय विद्यालय, रामगढ़ताल, मथुरा सहित आयुष विश्वविद्यालय का भव्य माडल प्रदर्शित किया गया था।

    इस मौके पर राष्ट्रपति ने जनप्रतिनिधियों से परिचय प्राप्त किया। इस मौके पर समूह फोटो सत्र का आयोजन भी किया गया। महामहिम संग उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे।